6 से 7 प्रतिशत युवा एंकीलॉसिंग स्पॉन्डीलाइटिस (एएस) से पीडि़त : डॉ. बाडि़का

इंदौर. 6 से 7 प्रतिशत युवा एंकीलॉसिंग स्पॉन्डीलाइटिस (एएस) से पीडि़त हैं. महिलाओं से अधिक पुरूष प्रभावित हैं. एंकीलॉसिंग स्पॉन्डीलाइटिस एक स्व-प्रतिरक्षित स्थिति है. इसके कारण अज्ञात हैं, लेकिन माना जाता है कि एएस जीनेटिक और पर्यावरणीय कारकों के मिश्रण का परिणाम है.

यह बात आर्थराइटिस, इम्यूनोलॉजी एंड रहयूमोटोलॉजी सेंटर के रह्यूमोटोलॉजिस्ट डॉ. आशीष बाड़ीका ने कही. वे एंकीलॉसिंग स्पॉन्डीलाइटिस पर मीडिया से चर्चा कर रहे थे. डॉ. बाड़ीका ने एंकीलॉसिंग स्पॉन्डीलाइटिस के विषय में बताया कि एक स्थायी, कष्टदायक और स्व-प्रतिरक्षित रोग है, जो रीढ़ को प्रभावित करता है.

एएस में रीढ़ की हड्डियाँ बढऩे लगती हैं और एक-दूसरे से मिलकर रीढ़ को कठोर बना देती हैं। एएस 100 में से 1 वयस्क में पाया जाता है और खासतौर से किशोरवय में और बीस से तीस वर्ष की आयु के बीच युवा पुरूषों को अधिक प्रभावित करता है.  इस स्थिति से गर्दन, पीठ, भीतरी जांघ, नितंब की हड्डियाँ प्रभावित हो सकती हैं और गतिशीलता बाधित हो सकती है तथा शारीरिक बनावट को क्षति हो सकती है.

यदि इसकी जाँच और उपचार न हो, तो रीढ़ और गर्दन ऐसे मुड़ सकती है कि आगे देखने के लिये सिर उठाना असंभव हो जाए. इसे ‘स्ट्रक्चरल डैमेज प्रोग्रेशनÓ कहा जाता है और यह स्थिति रोगी को व्हीलचेयर पर पहुँचा सकती है. हालिया वर्षों में 20-30 वर्ष आयु के युवा भारतीयों के बीच ‘एएस तेजी से बढ़ा है.

लक्षणों की उपेक्षा न करें

डॉ. बाडि़का ने बताया कि अपने क्लिनिकल अनुभव के आधार पर मैं कह सकता हूँ कि इससे पीडि़त 90 प्रतिशत से अधिक लोगों में एचएलए-बी27 जीन है, जो एएस का कारण है. इसका तात्पर्य यह है कि आपके अभिभावक या भाई-बहन को एएस होने पर आपको भी इसका जोखिम हो सकता है. यदि किसी को सुबह और शाम लगातार पीठ में दर्द रहता है और जोड़ों में अकडऩ होती है तथा पीड़ा होती है, तो यह एएस के लक्षण हो सकते हैं. इसके साथ ही पीठ,जोड़ों, नितंबों और जांघों में अचानक चुभन जैसा दर्द होता है. ऐसे लक्षणों की उपेक्षा नहीं की जानी चाहिये, क्योंकि उपचार में विलंब से स्थायी विकलांगता हो सकती है. अपने रीमैटोलॉजिस्ट से परामर्श लेना, जीवनशैली में परिवर्तन करना और उपचार विकल्प ही सर्वश्रेष्ठ हैं.

मेडिकल उपचार के साथ व्यायाम भी

एएस में दर्द आमतौर पर सुबह होता है, खासकर जागने के बाद 30-45 मिनट तक और दर्द निवारक लेने के बावजूद यह 90 दिन या अधिक समय तक रह सकता है। एएस की जाँच शारीरिक होती है, जैसे एक्स-रे, एमआरआई और कुछ ब्लड टेस्ट। एचएलए-बी27 जीन ही एएस का कारण नहीं है, बल्कि उसका योगदान हो सकता है. मेडिकल उपचार के अलावा, रोगियों को फीजियोथेरैपी, हाइड्रोथेरैपी, व्यायाम और पोस्चर मोडिफिकेशन की सलाह भी दी जाती है, ताकि उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो.

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