पंजीयन विभाग के अधिकारी शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने का प्रयास करें: राठौर

इंदौर. पंजीयन, आबकारी एवं वाणिज्यिक कर मंत्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ने आज पंजीयन विभाग के अधिकारियों की रेसीडेंसी सभाकक्ष में बैठक लेते हुये कहा कि पंजीयन विभाग के अधिकारी राजस्व बढ़ाने का दिन-रात प्रयास करें और राज्य शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य पूरा करें.

उन्होंने कहा कि विभाग में यदि कोई कमी या विसंगति है तो अधिकारीगण कभी भी व्यावहारिक सुझाव दे सकते हैं, जिससे राज्य शासन के कर राजस्व में और अधिक वृद्धि हो तथा जनता को और अधिक सहूलियतें मिलें। हमें टीम भावना से मिलजुल कर दो मोर्चे पर काम करना है. एक तो जनता के लिये रजिस्ट्रीकरण प्रक्रिया को आसान बनाना है और दूसरा कर राजस्व बढ़ाना है। पंजीयन विभाग एक महत्वपूर्ण विभाग है। पंजीयन विभाग के कर राजस्व से ही सरकार की कल्याणकारी योजनाएँ चलती है। इसलिये इस ओर हमें विशेष ध्यान देने की जरूरत है.

श्री राठौर ने कहा कि विभाग के मैदानी अमले को व्यावहारिक कठिनाइयों की अधिक जानकारी रहती है। प्रदेश में अकेले इंदौर जिले से कुल राजस्व का लगभग 22 प्रतिशत कर प्राप्त होता है। इसलिये इंदौर जिले और इंदौर संभाग का प्रदेश में पंजीयन विभाग के नजरिये से विशेष महत्व है. बैठक में इंदौर, धार, खण्डवा, खरगोन, झाबुआ, अलीराजपुर, बुरहानपुर और बड़वानी जिले के पंजीयन अधिकारी मौजूद थे। 

अधिकारियों ने दिये सुझाव

बैठक में अधिकारियों ने सुझाव दिया कि ऑनलाइन होने वाली रजिस्ट्री में कर वृद्धि से राज्य शासन की आय बढ़ सकती है. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इंदौर विकास प्राधिकरण, कृषि उपज मण्डी और रोगी कल्याण समितियों की सम्पत्तियों की रजिस्ट्री करते समय बाजार भाव पर ड्यूटी लगाई जाये. अधिकारियों ने बैठक में मंत्री श्री राठौर से स्टॉफ और स्टेशनरी आदि की कमी बतायी. अधिकारियों ने सुझाव दिया कि विभाग में आउट सोर्सिंग से स्टॉफ की समस्या का समाधान हो सकता है. बैठक में वरिष्ठ जिला पंजीयक बी.के. मोरे, आर.एन. शर्मा, बी.के. शुक्ला, श्री अमरेश नायडु आदि मौजूद थे.
चित्र- राठौर.

आबकारी अधिकारीगण कर राजस्व बढ़ाने का प्रयास करें

इंदौर. पंजीयन, आबकारी एवं वाणिज्यिक कर मंत्री श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ने आज आबकारी विभाग के अधिकारियों की रेसीडेंसी सभाकक्ष में बैठक लेते हुए कहा कि आबकारी अधिकारीगण कर राजस्व बढ़ाने का प्रयास करें और समय-समय पर विभाग को ऐसे सुझाव दें, जिससे शासन की आय में वृद्धि हो। उन्होंने कहा कि आबकारी विभाग एक महत्वपूर्ण विभाग है। इस विभाग से सतत कर प्राप्त होने से राज्य शासन द्वारा शासन की अनेक कल्याणकारी योजनाएँ चलायी जा रही हैं.

उन्होंने अधिकारियों से कहा कि प्रदेश में अवैध शराब की बिक्री बिल्कुल नहीं होना चाहिये और शराब के अवैध अहाते भी नहीं चलना चाहिये। अगर इस संबंध में कोई शिकायत होगी तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। इसी प्रकार मंदिर, मस्जिद और स्कूल के पास भी शराब की दुकान नहीं होना चाहिये। राज्य शासन का इस बात का भी प्रयास कर रहा है कि सभी जिलों में कुछ दुकानें स्थायी रूप से चिन्हित कर दी जायें.

उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पुरानी बकाया वसूली में तेजी लायें। अगले एक साल में पिछले पाँच साल की सारी बकाया वसूली पूरी हो जाना चाहिये। विभाग पुरानी बकाया वसूली के लिये अभियान चलायें। बैठक में अधिकारियों ने सुझाव दिया कि शराब दुकान से अगर वैध अहाता संलग्न है तो शराब की बिक्री अधिक होती है.

इस अवसर पर उपायुक्त संजय तिवारी के अलावा इंदौर, धार,  झाबुआ, अलीराजपुर, खण्डवा, खरगोन, बुरहानपुर और बड़वानी जिले के सहायक आयुक्त, आबकारी मौजूद थे. उन्होंने बैठक में मंत्री श्री राठौर को सुझाव दिये और मैदानी स्तर पर व्यावहारिक कठिनाइयों की ओर मंत्रीजी का ध्यान आकर्षित किया.

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