पौराणिक रोल मुझे ज्यादा आकर्षित करते हैं: चारू असोपा

विक्रम बेताल की रहस्य गाथा, राजा विक्रमादित्य और बेताल के जरिये अनेक पौराणिक कथाओं को रोचक अंदाज में पेश कर रहा है। अब इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए विक्रम बेताल की रहस्य गाथा में शातिर और चालाक नयनतारा की कहानी दिखाई जाएगी। अभिनेत्री चारू असोपा नयनतारा के किरदार में नजर आएंगी जिन्होंने इंडस्ट्री में अलग-अलग भूमिकाओं से अपनी एक खास पहचान बनाई है।

अपने किरदार नयनतारा के बारे में बताते हुए चारू कहती हैं, ‘‘नयनतारा बहुत सकारात्मक है लेकिन ब्रह्मदेव के श्राप के कारण वो अहंकारी और नकारात्मक हो जाती है। मुझे लगता है कि नेगेटिव किरदार कलाकारों को अपनी अभिनय क्षमता परखने का अवसर देते हैं। विक्रम बेताल की रहस्य गाथा में दर्शक अब नयनतारा के रोल में मुझे बिल्कुल नए अवतार में देखेंगे।’’

अब तक अनेक भूमिकाएं निभा चुकीं यह एक्ट्रेस ड्रामा-फिक्शन के अलावा पहले भी मायथोलॉजी और फैंटसी जॉनर में हाथ आजमा चुकी हैं। अपना अनुभव बताते हुए चारू कहती हैं, ‘‘मुझे पौराणिक शोज का हिस्सा बनना बहुत पसंद है जहां भव्य सेट्स होते हैं और यह दर्शकों को कलाकारों के जरिये इतिहास में झांकने का मौका देते हैं। मुझे ऐसे शोज में इस्तेमाल की जाने वाली शुद्ध हिंदी बहुत अच्छी लगती है। ऐसी स्पष्ट और दमदार भाषा में संवाद बोलना बेहद दिलचस्प है।’’

टेलीविजन पर अपने रोल्स का चुनाव करने को लेकर चारू कहती हैं, ‘‘मैं ऐसी इंसान हूं जिसे आभास हो जाता है और यदि मुझे लगता है कि मैं किसी किरदार को बेहतर ढंग से निभा सकती हूं तो मैं इसे तुरंत अपना लेती हैं और इसमें अपने सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करती हूं।’’ टेलीविजन पर हर तरह के रोल कर चुकीं ये एक्ट्रेस अब वेब सीरीज करना चाहती हैं। इस बारे में वे बताती हैं, ‘‘अब मुझे वेब सीरीज में काम करने का इंतजार है क्योंकि इसमें ऐसा कंटेंट बनाया जाता है जो हम टीवी पर नहीं देखते हैं। वेब सीरीज कलाकारों को अपने कम्फर्ट जोन से बाहर लाकर अलग-अलग किरदार निभाने का अवसर देती है।’’

इस कहानी में नयनतारा 32 पुतलियों में से एक होती है जो न्याय की देवी भी है। वो बेताल की खोज में उज्जयिनी महल आती है। नयनतारा अपने कपट से राजा विक्रम और रानी पद्मिनी के बीच मतभेद पैदा करने का प्रयास करती है, जिससे वो दोनों एक दूसरे से दूर हो जाते हैं। इसमें वो विक्रम के खिलाफ भी षड्यंत्र करती है जिससे वो अपनी ही प्रजा पर अन्याय करने लगते हैं। विक्रम के इस व्यवहार को देखकर बेताल महल छोड़कर चला जाता है और उसके पीछे नयनतारा भी आती है। नयनतारा उसे अपनी करतूतों के पीछे का कारण समझाने की कोशिश करती हैं लेकिन बेताल इस पर कोई ध्यान नहीं देता और वहां से भागने में सफल होता है।
इसके पश्चात देवी नयनतारा उज्जयिनी महल में विक्रमादित्य से युद्ध करती है।

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