महिलाएं खुद के बारे में भी सोचें: श्रुति सेठ

शीरोज की समिट बीयोरओनरानी

इंदौर. हर किसी को अपने जीवन को बेहतर जीने का मौका मिलना चाहिए. इसलिए महिलाओं के पास कुछ न करना करने का भी बहाना और आजादी होना चाहिए. उनके आराम करने पर सवाल नहीं उठाना चाहिए. इसलिए महिलाओं को चिंता छोड़ वे जो काम करना चाहती हैं करना चाहिए. वो करो जो करना चाहती हो या फिर इच्छा न हो तो बिल्कुल न करो. फिर वह वर्किंग वुमन हो या गृहिणी.

यह कहना है अभिनेत्री श्रुति सेठ का. वे शीरोज की समिट बी योर ओन रानीमें बतौर वक्ता रूप में शामिल होने इंदौर आई थी. समिट में कोटक महिंद्रा बैंक की सीनियर वीपी शिल्पी मिश्रा, इश्क के एजेंट की संस्थापक  पारोमिता वोहरा, आरजे अंजलि, मार्स की हेड पल्लवी बोराह और सैरी जैसी प्रेरणादायक महिलाओं ने दर्शकों से अपनी टेक चार्ज कहानियों को साझा किया.

श्रुति ने आगे चर्चा करते हुए बताया कि महिलाएं खुद के बारे में सोचें और थोड़ा आराम करे. महिलाओं को आराम करने के लिए समय मिलना चाहिए. फेस्टिवऐले और शीरोज जैसे इनिशिएटिव हर शहर में होना चाहिए. फेस्टिवऐले से हम महिलाओं को फिट रहना भी सिखा रहे हैं. हम महिलाओं को बता रहे हैं कि तनाव कम करने के लिए फिट रहना जरूरी है. हम स्वास्थ्य के लिए शिक्षित कर रहे हैं फिर चाहे वह मानसिक हो, शारीरिक हो या फिर आत्मिक. उन्होंने बताया कि 80 प्रतिशत महिलाओं को ये नहीं पता कि बिना कुछ किये भी खुश रहा जा सकता है.

धीरे-धीरे बदलना होगी मानसिकता

उन्होंने चर्चा करते हुए आगे बताया कि मेरे घर में पापा और चाचा भी मेरी मम्मी की घर के काम में मदद करते हैं. मेरे पति भी मेरी मदद करते हैं. हालांकि मम्मी ने मुझे कभी घर में काम नहीं करने दिया. मैंने मेरे घर में महिला और पुरूष में बराबर से घर चलाने की समानता देखी है. हालांकि मेरी मम्मी मेरे भाई को कोई काम नहीं कहती थी बल्कि मुझे काम बता देती थी. हमें धीरे-धीरे मानसिकता बदलना होगी. जो सदियों से चला आ रहा है उस सोच को बदलने में वक्त लगेगा. कैसे यह बदलाव होगा इसका जवाब ढंढना अभी मुश्किल है लेकिन जब जवाब मिलेगा तो बदलाव होगा. भले ही उसमें समय लगेगा लेकिन बदलाव जरूर आएगा. 

काम निर्धारित करने की हो आजादी

उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी आजादी ये है कि आप ये निर्धारित कर सकें कि आप क्या करना चाहती हैं. तभी असली आजादी होगी. यह बदलाव खुद लाना होगा और इसकी शुरूआत करना होगी. अपनी लड़ाई खुद लडऩा होगी. कार्यक्षेत्र में महिलाओं को बढ़ावा देने लिए उनका वर्कफोर्स बढ़ाना होगा. जितनी अधिक महिलाएं होंगी, उनती ही उनकी बात सुनी जाएगी. शीरोज ऐसी ही महिलाओं को मंच दे रहा है और उन्हें व्यापार या काम की ओर लौटने के बारे में बता रहा है.

लाइव होस्टिंग है पसंद

श्रुति ने बताया कि मुझे लाइव होस्टिंग पसंद है क्योंकि इससे दर्शकों से इंटरेक्शन का मौका मिलता है. इसका दूसरा फायदा यह है कि मुझे निर्धारित और कम समय देना होता है जिसके कारण मैं अपनी बच्ची को समय दे पाती हूं. इसलिए होस्टिंग को मैं एंजॉय करती हूं. हालांकि फिल्मों और धारवाहिक में अलग-अलग किरदार निभाने का मौका मिलता है जिसका अपना ही मजा है. फिलहाल में एक वेबसीरिज कर रही हूं जो जल्द ही रिलीज होगी.

 महिला अभिनेत्री के लिए शानदार समय

श्रुति ने कहा महिलाएं उत्कृष्ट नेता बनाती हैं क्योंकि हम हर चीज के लिए सहानुभूति लाते हैं. महिला अभिनेत्री होने के लिए यह एक शानदार समय है. महिला अभिनेताओं और महिला दर्शकों दोनों के लिए भूमिकाएँ लिखी जा रही हैं. यहां तक कि शादी और बच्चों के बाद महिला अभिनेताओं के लिए भी. जब मैं शादी कर रहा थी तब मैं 33 साल की था. आपकी बेटी और उसके सपनों पर समयरेखा नहीं होनी चाहिए.

बचत के लिए दिए टिप्स

कोटक महिंद्रा बैंक की सीनियर वीपी शिल्पी मिश्रा ने महिलाओं के लिए वित्तीय स्वतंत्रता के महत्व पर जोर दिया और कहा कि महिलाएं कैसे वित्त का प्रभार ले सकती हैं. सत्र के दौरान, उन्होंने भविष्य के लिए बचत के कुछ टिप्स और ट्रिक्स भी साझा किए और कहा, महिलाएं सबसे अच्छी खर्च करने वाली और बेहतरीन बचतकर्ता हैं. वित्तीय स्वतंत्रता एक यात्रा है. यह आपको जीवन का आनंद लेने के लिए सुरक्षा और आत्मविश्वास देता है. वित्तीय स्वतंत्रता ने मुझे अपने करियर में जोखिम उठाने में मदद की. यदि आप 100 रुपये कमाते हैं, तो 40 बचाएं.

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