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सोशल मीडिया पर देवताओं की फोटो डालना उचित नहीं: आचार्य जिनमणिप्रभ
इन्दौर. सोशल मीडिया के सशक्त माध्यम वाट्सएप व फेसबुक पर देवताओं की फोटो डालना उचित नहीं है क्योंकि एक तो ये डिलिट करने में आते है तथा अशुद्ध हाथो में आ जाते है. इसलिए जैन समाज ने इन माध्यमो के जरिये परमात्मा के फोटो डालने को उचित नहीं मानता है. वैसे भगवान की मूर्ति की जब तक प्राण प्रतिष्ठा नही हो जाती तब तक वह पूजनीय नही होती. जहाँ तक वाट्सएप, फेसबुक पर फोटो डालने की बात है तो उसे केवल छाया ही माने क्योंकि छाया आती है और चली जाती है.
यह बात यहाँ महावीर बाग में चतुर्मास के लिए विराजित जी संत आचार्य जिनमणि प्रभ सूरीश्वर जी ने कही. वे आज यहां नियमित प्रवचन के बाद श्रावक श्राविकाओं द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दे रहे. एक प्रश्न के माध्यम से यह पूछा गया था कि वाट्सएप या फेसबुक पर भगवान के फोटो डालना उचित है उसी सन्दर्भ में महाराजश्री ने अपने उत्तर में यह बात कही.
उन्होंने कहा कि फोटो की प्राण प्रतिष्ठा नहीं होती उसे हमें भगवान की दृष्टि से ही देखना चाहिए. भगवान के फोटो छपे कागज को छोटे टुकड़ों में फाड़कर जंगल मे ऐसे साथ पर छोड़े जहां वे पैरो में ना आये। अक्सर स्वप्रतिष्ठित होते है. उनकी आसतना से बचना चाहिए. खरतरगच्छ जैन समाज ने एक सम्मलेन में पत्रिकाओं, पम्पलेट में भगवान के चित्रों के छापने पर सम्पूर्ण भारत मे प्रतिबंध लगाया है.
सोशल मीडिया के इन दोनों सशक्त माध्यमो के बारे में उन्होंने व्यंग पूर्ण शैली में कहा कि वो तो अच्छा हुआ देश मे आजादी के पूर्व वाट्सएप व फेसबुक नहीं थे वरना इन पर उन दिनों भी ऐसे मैसेज चलते रहते. इसे एक बार जरूर पढ़े अगर देश से प्रेम है और आजादी चाहते हो तो इसे जितने भी वाट्सएप ग्रुप है उन पर इतना फैलाओ के देश आजाद हो जाए.
कभी अहंकार मत करो
एक प्रश्न के उत्तर में महाराजश्री ने कहा कि संसार मे सबसे बड़ा दुख यह संसार ही है। अगर संसार से मुक्त हो जाओगे तो सारे दुखो से छुटकारा मिल जाएगा। अपने जीवन मे कभी भी अहंकार मत करो क्योकि कब जीवन बदल जायेगा पता ही नही चलेगा। परिवर्तन संसार का नियम है.
श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ श्रीसंघ एवं चातुर्मास समिति के प्रचार सचिव संजय छांजेड़ एवं चातुर्मास समिति संयोजक छगनराज हुंडिया एवं डूंगरचंद हुंडिया ने जानकारी देते हुए बताया कि महावीर बाग में रविवार को महाराज द्वारा रविवार को जैसा मित्र नही और जैसा शत्रु नही विषय पर श्रावक-श्राविकाओं को सम्बोधित करेंगे।