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3 माह के पड़पोते ने किया पुस्तक का लोकार्पण
इंदौर. कशीदाकारी, हस्तकला और रंगोली की वरीष्ठ कलाकार शरयू राशिनकर की रचनात्मक रंगोली की अभिनव कृति ‘कल्पना से अल्पनाÓ का लोकार्पण उनके तीन माह के पड़पोते चि. श्रेष्ठ द्वारा किया गया. इस अभिनव लोकार्पण प्रसंग पर मंच पर शरयुजी की पोती श्रीया, अक्षय गवली, पोता श्रेयस एवं मेघना उपस्थित थे.
विस्तृत जानकारी के अनुसार शरयूजी के पोते श्रेयस के विवाह के अवसर पर शरयूजी द्वारा हिंदी अंग्रेजी के वर्णाक्षरों, गणितीय संकेतों जैसे आकारों को लेकर सृजित रचनात्मक रंगोली की अभिनव कृति कल्पना से अल्पना का विमोचन उनके तीन माह के पड़पोते चि. श्रेष्ठ गवली द्वारा किया गया. उल्लेखनीय है कि अपनी उम्र के इक्क्यासिवे वर्ष में भी शरयूजी नित नई रंगोलियों का मात्र सृजन ही नहीं करती वरन कशीदाकारी भी करती रहती है.
संस्कृति पुरुष स्व.वसंत राशिनकरजी की अर्धांगिनी शरयूजी आपले वाचनालय (साहित्य ,कला व् संस्कृति केंद्र) एवं संगीत साधना केंद्र के माध्यम से लंबे समय से सामाजिक एवम् रचनात्मक गतिविधियों से न केवल जुडी हुई है वरन वे अब तक अनगिनत शिष्यो को इन विविध कलाओं में पारंगत बना चुकी है.
निश्चित ही यह एक अद्भुत अवसर था जहां इकयासी वर्षिय रचनात्मकता का लोकार्पण तीन माह के पड़पोते द्वारा किया जाकर रचनात्मकता की निरंतरता का सन्देश समाज को सकारात्मकता से संप्रेषित हुआ. लोकार्पण के पूर्व डॉ. वसुधा गाडगीळ ने शरयुजी की रचनात्मकता एवं कृति पर अपने विचार रखे. श्रीति राशिनकर ने कार्यक्रम का सञ्चालन एवं आभार प्रदर्शन किया .