सिर्फ कॉस्टमेटिक लुक्स नहीं बल्कि अच्छी सेहत के लिए भी डेंटल ट्रीटमेंट जरूरी

दो दिवसीय सीडीए-आईडीए कॉन्क्लेव का हुआ समापन

इंदौर। हम लोग आजकल कॉस्मेटिक ड्रिवेन समाज में रहते हैं। लोग दिखावे को काफी महत्व देते हैं लेकिन लोग टेढ़े-मेढ़े दातों की ट्रीटमेंट सिर्फ लुक्स को बेहतर बनाने के लिए नहीं है, उसमें फंक्शन और यूज ऑफ टीथ भी शामिल है। अगर दांत सहीं नहीं होंगे तो यह हमारी सेहत को भी असर करेगा। यह कहना है गुजरात से आए ऑर्थो डेंटिस्ट के डॉ. प्रणव चंद्राना का।

वह रविवार को कॉमनवेल्थ डेंटल एसोसिएशन और इंडियन डेंटल एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय सीडीए-आईडीए कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उदाहरण देते हुए समझाया कि अगर आप के आगे के दांत टेढ़े-मेढ़े हैं तो आप अपने दांतों से सेब को सही तरीके से कांट नहीं पाएंगे। इसी तरह अगर किसी के ऊपर नीचे के दांत सही तरह नहीं बैठते हैं तो आप सही तरह से चबा नहीं सकते, जिस वजह से डाइजेशन में बहुत परेशानी आती है। अब ऐज डेंटल चेकअप में कोई बाधा नहीं रह गई है। मेरा मानना है कि बच्चे का पहला ऑर्थोडोंटिक चेकअप 7 साल की उम्र में होना चाहिए। ताकि कुछ दिक्कत हो तो उस पर वर्क कर सकते है। हां पर यह बात सही है कि यह जितना जल्दी हो जाए उतना बेहतर होता है।

ऑफिशियल इनोग्रेशन में शामिल हुए देश भर के मेहमान

रविवार को कॉन्फ्रेंस का ऑफिशियल इनोग्रेशन आरआर कैट के असिस्टेंट डायरेक्टर महेंद्र लाढ, इंडियन डेंटल एसोसिएशन के नेशनल प्रेसिडेंट डॉ राजीव चुके और कॉमनवेल्थ डेंटल एसोसिएशन के सेक्रेटरी जनरल डॉ अशोक ढोबले,गदर 2फिल्म में काम करने वाले एक्टर डॉ.सुमित दिवेदी और मेडिकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ अशोक खंडेलवाल की उपस्थिति में किया गया। इस अवसर पर सेक्रेटरी डॉ. मनीष वर्मा, कॉन्फ्रेंस कोर्सेस के चेयरमैन डॉ. गगन जायसवाल , स्टेट सेक्रेटरी डॉ. विवेक चौकसे और कॉन्फ्रेंस के साइंटिफिक चेयरमैन डॉ. राजीव श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे। यह पहली बार है कि कॉमनवेल्थ डेंटल एसोसिएशन की कॉन्फ्रेंस इंडिया में आयोजित किया जा रही है। इसे आईडीए के एमपी स्टेट ब्रांच, गुजरात स्टेट ब्रांच और महाराष्ट्र स्टेट ब्रांच द्वारा संयुक्त रूप से होस्ट किया। हाइब्रिड मोड में आयोजित हो रही इस कॉन्क्लेव में नेशनल और इंटरनेशनल डेलीगेट्स शामिल हुए।

ज्ञानवर्धक रहे दो दिन

गुजारत से आए डॉ. प्रणव चंद्राना ने कहा कि ये कॉन्फ्रेंस के लिए बेहद फायदेमंद साबित हुई है। इसका पूरा श्रेय डॉ. मनीष वर्मा और ऑर्गनाइजिंग टीम को जाता है। वहीं इसमें कॉमनवेल्थ डेंटल एसोसिएशन के जुड़ जाने से इसका महत्व और भी बढ़ गया। महाराष्ट्र से आए डॉ. संजय जोशी ने कहा कि हम काफी समय से आईडीए के लिए काम कर रहे है, पर यह पहला मौका है जब तीन स्टेट मिलकर इस तरह की कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर रहे हैं। यह तीनों पड़ोसी राज्यों के डेंटिस्ट के लिए काफी फायदेमंद रहा। यहां आकर न सिर्फ उन्हें लेटेस्ट टेक्निक और नॉलेज मिली बल्कि वह एक दूसरे से मिलकर आपस में एक नया बांड भी बना पाएं।

अपनी स्माइल को परफेक्ट बनाने के लिए बढ़ी अवेयरनेस

मुंबई से आए प्रोस्थो डेंटिस्ट डॉ. अमित साधवानी ने कहा कि आजकल लोगों में अपनी स्माइल को परफेक्ट बनाने के लिए अवेयरनेस काफी बढ़ गई है। इसको लेकर बड़ी संख्या में लोग हमारे पास आते हैं। फिर वो चाहे दांतों के बीच गैप को लेकर हो या फिर दांतों के रंग के लिए। इसके लिए पेशेंट्स वीनर्य ट्रीटमेंट को पसंद काफी पसंद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वीनर्य एक प्राकर का एक्रीलिक ब्लैकेंट है जो कि उस पोर्शन को पूरी तरह से छिपा देता है और आपकी स्माइल और दांत सुंदर दिखने के साथ साथ पूरी तरह से नेचुरल भी नजर आते हैं। वीनर्स टेंपरेरी और परमानेंट दोनों प्रकार के पाए आते है। इसके अलावा ये बिल्कुल दांतों की तरह दिखने और बिहेव करने वाले कंपोजिट मैटेरियल के भी बनाए जा रहे हैं।

पहले से कंफर्टेबल हुआ डेंटल ट्रीटमेंट

डॉ. अमित साधवानी ने बताया कि पहले कि तुलना में डेंजर के लिए जिस एक्रिलिक मैटर यूज किया जाता था अब उसकी क्वालिटी काफी बेहतर हो गई है। जिसकी वजह से अब जो डेंचर इस्तेमाल करते है वह बिल्कुल नेचुरल जैसा हो गया है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह हुआ है कि इससे पेशेंट का कम्फर्ट लेवल काफी बेहतर हो गया। पहले जब नया नाय डेंचर पेशेंट को दिया जाता था तो उन्हें एडजस्ट करने में काफी परेशानी होती थी और इसमें 20 दिन से 1 महीने तक समय लग जाता था। अब जो मैटेरियल इस्तेमाल होता है, उससे पहले दिन से ही कस्टमर कम्फर्टेबल फील करते हैं। पेशेंट जो है बिना किसी संकोच और तकलीफ के कठोर पदार्थ का भी सेवन कर पा रहे हैं।

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