- Over 50gw of solar installations in india are protected by socomec pv disconnect switches, driving sustainable growth
- Draft Karnataka Space Tech policy launched at Bengaluru Tech Summit
- एसर ने अहमदाबाद में अपने पहले मेगा स्टोर एसर प्लाज़ा की शुरूआत की
- Acer Opens Its First Mega Store, Acer Plaza, in Ahmedabad
- Few blockbusters in the last four or five years have been the worst films: Filmmaker R. Balki
जानें गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त, पूजन मुहूर्त और उपाय
डॉ श्रद्धा सोनी
इस वर्ष 13 सितम्बर 2018 को गजकेसरी योग बुधादित्य योग और लाभ की चौघड़िया में विराजेंगे विघ्न विनायक भगवान गणेश.
शास्त्रों के अनुसार भगवान गणेश जी का जन्म भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि को दोपहर के समय हुआ था|
शास्त्रों के अनुसार इस व्रत में मध्य व्यापिनी चतुर्थी तिथि ग्रहण करने का मत है 13 सितंबर गुरुवार को भगवान गणेश जी के पूजन स्थापना के समय गजकेसरी योग बुध आदित्य योग और दोपहर के समय 12 से 3 के बीच लाभ अमृत की चौघड़िया रहेगी जो कि भगवान गणेश जी की पूजन स्थापना के लिए अति उत्तम शुभ है शाम को 4 ब ज कर 30 मिनट से 6 बजे तक शुभ की चौघड़िया भी स्थापना के लिए शुभ है.
वैसे भी भगवान गणेश जी का जन्म दोपहर के समय हुआ था यदि दोपहर के समय पूजन स्थापना करें तो अतिशुभ होगा भगवान गणेश हिंदुओं के प्रथम पूज्य देवता हैं सनातन धर्मानुयाई स्मार् तो के पंच देवताओं में गणेश जी प्रमुख हैं हिंदुओं के घर में चाहे जैसी पूजा या क्रिया कर्म हो सर्वप्रथम श्री गणेश जी का आह्वान और पूजन किया जाता है |
शुभ कार्यों में गणेश जी की स्तुति का अत्यंत महत्व माना गया है गणेश जी विघ्नों को दूर करने वाले देवता है.
इनका मुख हाथी का उ द र लंबा तथा शेष शरीर मनुष्य के समान है मोदक इन्हें विशेष प्रिय है.
भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को प्रातः काल स्नान से निवृत होकर अपनी शक्ति के अनुसार सोने चांदी ताबे या मिट्टी गोबर पीतल की गणेशजी की प्रतिमा बनाएं या बनी हुई प्रतिमाओं का विधिपूर्वक पूजन करना चाहिए,
गणेश जी को सिंदूर मोदक और दूर्वा अधिक प्रिय है गणेश जी को 21 दूर्वा अवश्य चढ़ाना चाहिए 21 लड्डुओं का भोग लगाना चाहिए.
उन लड्डू में से पांच लड्डू गणेश जी के पास रखें 5 लड्डू किसी ब्राह्मण को दान दें शेष लड्डू प्रसाद के रूप में वितरण करना चाहिए.
भगवान गणेश जी की पूजा से सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं और मनवांछित फल की प्राप्ति होती है सभी कार्य सिद्ध होते हैं .
गणेश जी की पूजन में विशेष सिंदूर मगद के लड्डू दूर्वा लाल पुष्प रक्त चंदन समीपत्र हवस रखना चाहिए!
गणेश जी का पूजन बुद्धि विद्या तथा रिद्धि सिद्धि की प्राप्ति एवं विघ्नों के नाश के लिए किया जाता है.
गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी का दूर्वा से या मोदक के लड्डू से गणेश सहस्रनामावली से 1000 नामों से दूर्वा या लड्डू भगवान गणेश जी को चढ़ाना चाहिए !
गणेश चतुर्थी के दिन गणेश अथर्वशीष के पाठ, संकटनाशक गणेश स्त्रोत, गणेश चालीसा; गणेश पुराण करने का भी विधान है |