कोरोना काल में वरदान बनी जननी एक्सप्रेस, प्रसूताओं और नवजात के लिए पूर्णत: सुरक्षित सेवा

एम्बुलेंस संचालक कंपनी जिकित्जा हेल्थकेयर लि. ने जनवरी 2020 से जून 2021 तक प्रदेश में 34 लाख 49 हजार 216 मामलों में दी आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा

भोपाल, जुलाई 2021: मध्यप्रदेश में आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधाओं का पर्याय बन चुकी जिकित्जा हेल्थ केयर लि. कोरोना काल में प्रदेश के लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। खासतौर पर गर्भवती महिलाओं, प्रसूताओं और नवजात बच्चों के लिए क्योंकि संक्रमण के समय में इन्हें सुरक्षा और सावधानियां बेहद जरूरी होती है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर कंपनी द्वारा योग्य और प्रशिक्षित स्टाफ द्वारा सैनिटाइज्ड जननी एक्सप्रेस का संचालन किया जा रहा है। इनमें शासन के निर्देशों का पालन करते हुए हर सावधानी रखी जा रही है ताकि प्रसूताओं व बच्चों के लिए अस्पताल जाना और इलाज लेकर वापिस आना पूरी तरह सुरक्षित और सुविधाजनक रहे।

कोरोना का संक्रमण होने के बावजूद जननी एक्सप्रेस द्वारा 2020 में प्रदेश में गर्भवती महिलाओं से जुड़े 16 लाख 89 हजार 683 मामलों में और वर्ष 2021 में जून माह तक 7 लाख 44 हजार 191 मामलों में आपातकालीन मदद दी गई। अपने इस सेवा काल में कंपनी ने 49 लाख 41 हजार 98 गर्भवती महिलाओं को घर से अस्पताल पहुँचाया, जबकि 25 लाख 19 हजार 237 महिलाओं को अस्पताल से घर तक पहुँचाया। इस तरह कुल 74 लाख 60 हजार 335 गर्भवती महिलाओं को सेवा दी।

प्रदेश भर में तैनात 606 संजीवनी 108 एंबुलेंस एम्बुलेंस, 839 जननी एक्सप्रेस

प्रदेश के लोगों को दी जाने वाली आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कंपनी द्वारा हर तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। इनमें साधन-सुविधाओं को बढ़ाने के साथ स्टाफ को प्रशिक्षित करने तक का काम शामिल है। प्रदेश भर में 606 एम्बुलेंस द्वारा आपातकालीन मामलों में स्वास्थ्य सुविधा दी जा रही है। इनमें 51 एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस हैं जबकि बाकी एम्बुलेंस बेसिक लाइफ सपोर्ट सिस्टम वाली है। जननी एक्सप्रेस की संख्या 839 है। जिनके द्वारा प्रदेश के कोने-कोने में गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों को सेवा दी जा रही है।

ज्यादा से ज्यादा महिलाओं और बच्चों को सुविधा देने की कोशिश, फोन पर देते हैं जानकारी

स्वास्थ्य संबंधी आपातकालीन मामलों में लोग जिकित्जा कंपनी के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर मदद लेते ही हैं लेकिन कंपनी भी अपनी ओर से गर्भवती महिलाओं और बच्चों का हाल जानती है और जरूरत पड़ने पर मदद संबंधी जानकारी देती है। कंपनी द्वारा मरीज के घर और अस्पताल के बीच एम्बुलेंस की निशुल्क सुविधा दी जाती है और इसकी जानकारी देने के लिए कंपनी खुद गर्भवती महिलाओं के घर फोन लगाती है। कंपनी द्वारा गर्भवती महिलाओं को प्रसूति की अनुमानित तारीख के पहले कॉल कर सेवा के बारे में बताया जाता है ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं इसकी मदद ले सके। नवजात बच्चों को आपातकालीन मामलों में अस्पताल लाने – ले जाने के लिए भी निशुल्क सेवा दी जा रही है साथ ही उन बच्चों के लिए भी यह सुविधा दी जा रही है जिन्हें तय समय सीमा में इलाज के लिए अस्पताल जाना होता है। कंपनी पहले से इस तरह के बच्चों की जानकारी लेती है और समय पर यह सुविधा देती है। यह पूरा काम बेहद सुरक्षित तरीके से किया जाता है ताकि संक्रमण का कोई खतरा न हो।

सलाह हो या शिकायत, हेल्पलाइन 104 पर मिलेगा हर समाधान

जिकित्जा हेल्थकेयर लि. हेल्पलाइन 104 के माध्यम से सभी तरह की जानकारियां और समाधान प्रदान करती है। प्रदेश भर के सभी शहरों में आप घर बैठे इस हेल्पलाइन के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी मदद प्राप्त कर सकते हैं। आपको बीमारी के इलाज के संबंध में जानकारी चाहिए हो या अस्पताल का पता जानना हो, इस हेल्पलाइन पर सभी जानकारी मिलती है। काउंसलिंग सेवाओं के माध्यम से बीमारियों से परेशान लोगों को सही रास्ता दिखाया जाता है और धैर्य के साथ बीमारियों से लड़ने की प्रेरणा दी जाती है। चिकित्सा संबंधी सलाह लेने के साथ शिकायत करने संबंधी सुविधा भी दी जा रही है। प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल से जुड़ी कोई भी शिकायत यहां की जा सकती है और समाधान भी इसी के माध्यम से किया जाता है। योग्य व प्रशिक्षित डॉक्टरों द्वारा स्वास्थ्य संबंधी मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाता है।

हमारी कंपनी अपनी आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं के साथ प्रदेश की जनता के लिए हर पल तत्पर है। हमारी सेवाओं में प्रदेश सरकार के सकारात्मक और सहयोगात्मक रवैये का बड़ा योगदान है, जिसके कारण हम अपनी पूरी क्षमताओं के साथ काम कर पा रहे हैं। हम इसके लिए प्रदेश के लोगों और प्रदेश सरकार के आभारी हैं। हम अपील करते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग बगैर किसी संकोच और डर के टोल फ्री नंबर 108 व 104 पर कॉल कर सेवा का उपयोग करें ताकि समय पर स्वास्थ्य सुविधा लेकर मरीजों को बचाया जा सके और बेहतर इलाज दिया जा सके।

  • जितेंद्र शर्मा, प्रोजेक्ट हेड, जिकित्जा हेल्थकेयर लि.

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