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58वीं रैंक के साथ श्रेयस बने सिटी टॉपर
नीट में शहर के विद्यार्थियों ने लहराया परचम
इंदौर. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी, एनटीए की ओर से नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट, नीट-2019 का रिजल्ट बुधवार को घोषित कर दिया गया. इस बार 15 लाख से अधिक स्टूडेंट्स ने नीट परीक्षा के लिए पंजीकृत करवाया था.
नीट की परीक्षा 5 और 20 मई को आयोजित की गई थी. घोषित परिणामों में टॉप 50 में तो शहर का कोई विद्यार्थी नहीं था लेकिन श्रेयस अग्रवाल ने आल इंडिया 58वीं रैंक के साथ सिटी में टॉप किया. इसके साथ ही देवास के सार्थक शर्मा की 75वीं रैंक आई है. उन्होंने इंदौर से ही अपनी पढ़ाई की है. वहीं क्षितिज भारद्वाज की 142 वीं रैंक आई है.
एनटीए के आंकड़ों के अनुसार, नीट-2019 परीक्षा के लिए कुल 15,19,375 उम्मीदवारों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, जिसमें से 14,10,754 उम्मीदवार सभी राज्यों में परीक्षा के दौरान उपस्थित हुए.
कुल 7 लाख 16 हजार 72 छात्रा व 5 लाख 53 हजार 849 छात्राएं एग्जाम में शामिल हुई. एक स्टूडेंट ट्रांसजेंडर था. इसी प्रकार 518 विदेशी व 1651 एनआरआई स्टूडेंट्स ने भी नीट एग्जाम में भाग लिया था.परिणाम आने के बाद ही कोचिंग संस्थानों और घरों में खुशी का जश्न शुरू हो गया.
एलेन कॅरियर इंस्टीट्यूट, इंदौर में खुशियों के ढोल बजे और स्टूडेंट्स ने फिल्मी गानों और ढोल की थाप पर डांस कर सफलता का जश्न मनाया. टॉपर्स के माता-पिता भी इस दौरान मौजूद रहे. एलेन कॅरिअर इंस्टीट्यूट इंदौर के हैड कमल शर्मा ने बताया कि एलेन इंदौर सेंटर के श्रेयस अग्रवाल को 58वी रैंक, सार्थक शर्मा को 75वी, क्षितिज भारद्वाज को 142वी, नन्दन पटेल 493वीं, मेहुल पुसलकर 785वीं, नीलम पटेल 891वीं आल इंडिया रैंक मिली है.
एलेन कॅरिअर इंस्टीट्यूट के निदेशक ब्रिजेश माहेश्वरी ने बताया कि एलेन जयपुर के स्टूडेंट नलिन खंडेलवाल ने आल इंडिया टॉप किया. पहले की अपेक्षा बढ़ा स्टूडेंट्स का प्रतिशतगौरतलब है कि नीट 2018 एग्जाम में देशभर से कुल 13 लाख 26 हजार 725 विद्यार्थी पंजीकृत थे. यह आंकड़ा वर्ष 2017 में आयोजित हुई नीट एग्जाम के लिए रजिस्टर्ड स्टूडेंट्स की संख्या से 16.49 फीसदी ज्यादा है. नीट 2018 एग्जाम में 95.71 फीसदी स्टूडेंट्स यानी 12 लाख 69 हजार 922 स्टूडेंट्स उपस्थित व 56 हजार 803 स्टूडेंट्स अनुपस्थित रहे.
क्या कहा सफल विद्यार्थियों ने
पढ़ाई के साथ की मस्ती भी: श्रेयांस
आल इंडिया 58वीं रैंक बनाकर शहर से टॉप करने वाले श्रेयांस अग्रवाल मारीशस में अपनी छुट्टियां बना रहे हैं. उन्होंने फोन पर चर्चा करते हुए बताया कि मेरी सफलता का श्रेय माता-पिता, भाई-बहन और टीचर्स के सपोर्ट को जाता है. सभी ने समय पर मेरा मार्गदर्शन किया. इसके साथ ही मैंने एनसीआरटी की पुस्तक पर फोकस किया. उसी में से बहुत से सवाल आए. सामान्यत: फिजिक्स के सवाल नहीं आते हैं लेकिन इस बार फिजिक्स के सवाल भी उसमें से ही आए. मैं दूसरे स्टूडेंट्स को भी कहूंगा कि वे एनसीआरटी की पुस्तक पर ही फोकस करें. इसके अलावा मैंने कभी पढ़ाई का कोई विशेष टाइम टेबल फिक्स नहीं किया. 7 घंटे सोता था और 2-3 घंटे मस्ती भी करता था. बाकि टाइम में पढ़ाई करता था. लेकिन उस दौरान में जब मूड होता था मस्ती कर लेता था. श्रेयांस ने बताया मम्मी-पापा भी डॉक्टर है इसलिए पूरा ध्यान डॉक्टर बनने पर ही है.
जैसा टीचर ने कहा वैसा फॉलो किया: सार्थक
75वीं रैंक बनाने वाले सार्थक शर्मा ने बताया कि जैसा टीचर ने कहा मैंने वैसा फॉलो किया. मेरा मानना है उनको सुनना चाहिए. मैं 7-8 घंटे रोज पढ़ाई करता था. कोचिंग में जो बताते थे उसकी प्रेक्टिस घर पर भी करता था. मेरा मानना है स्ट्रेस नहीं लेना चाहिए इसलिए मैं टीवी पर कॉमेडी शो और मूवी देखता था. जब थोड़ा बहुत स्ट्रेस होता था तो टीचर्स गाइड करते थे. सार्थक ने कहा कि मम्मी-पापा डॉक्टर है इसलिए बचपन से ही इस ओर रूझान हो गया था. मुझ ह्यूमन बॉडी के बारे में पढऩा अच्छा लगता है. इसलिए मैंने मेडिकल में आने के बारे में सोचा. मैं न्यूरो फिजिशियन बनना चाहता हूं. इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में ही पढऩा चाहता हूं. मैं दूसरे स्टूडेंट्स को कहूंगा कि वे एनसीआरटी के किताबों पर फोकस करें. सार्थक देवास से हैं और इंदौर आकर पढ़ाई करते हैं.
छुट्टियों में भी की पढ़ाई: क्षितिज
142वीं रैंक बनाने बनाने वाले क्षितिज भारद्वाज ने बताया कि मैंने 10वीं तक तो सोचा नहीं था कि मेडिकल फील्ड में जाउंगा. लेकिन मेरे बेस्ट फे्रंड ने बायो ले लिया और पापा का भी मेडिकल में फोकस था तो मैंने भी इसमें एडमिशन ले लिया. शुरूआत में तो इतना फोकस नहीं था और क्लास में भी ध्यान नहीं देता था. लेकिन फिर धीरे-धीरे मेरी रूचि इस ओर हो गई. मैंने शुरू से बायो पर ज्यादा ध्यान दिया. छुट्टियों में भी पढ़ाई पर फोकस रखा इसलिए आज यह सफलता हासिल हुई. इसके साथ ही मोटिवेशनल शो और कॉमेडी शो भी देखे. क्षितिज कोटा से हैं और इंदौर में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं.