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नींबू मिर्ची से लेकर काली बिल्ली तक, दुनिया अंधविश्वास से आगे निकल आई है लेकिन कुछ बातें अब भी बची हुई हैं : जितेन

मुंबई : भारतीय लोग प्राचीन काल से ही अंधविश्वासों के प्रति आकर्षित रहे हैं। विज्ञान और टेक्नोलॉजी की तरक्की के बावजूद हमारे समाज में अनेक तरह के अजीबोगरीब अंधविश्वास सांस लेते हैं जबकि इनमें से कुछ के पीछे ही तर्क समझा जा सकता है।
सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन का शो मेरे साईं दर्शकों का फेवरेट है क्योंकि यह समाज के ज्वलंत मुद्दों को उजागर करता है और इस बारे में दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देता है। इस शो का आगामी ट्रैक समाज में फैली अंधविश्वास की बुराई पर आधारित है।
इसमें दिखाया गया है कि कैसे लोग कई तरह के आधारहीन अंधविश्वासों को मानते हैं। कहा जा सकता है कि अंधविश्वास हमारे देश की बरसों पुरानी त्रासदी है और देश की आधी से ज्यादा आबादी इसका शिकार है।
पॉपुलर टीवी एक्टर जितेन लालवानी इस शो के आगामी ट्रैक में एक महत्वपूर्ण किरदार निभाने के लिए चुने गए हैं। दिलचस्प बात यह है कि जितेन लालवानी व्यक्तिगत रूप से ऐसी किसी भी अंधी धार्मिकता या आध्यात्मिक गुरुओं के प्रति अंधविश्वास के खिलाफ हैं, लेकिन वो इस शो में गंगाधर का किरदार निभा रहे हैं, जो एक अमीर व्यापारी है और जिसकी जिंदगी अपने गुरु के कहे अनुसार चलती है। गंगाधर अंधविश्वास की जंजीरों में मजबूती से जकड़ा हुआ है।
इस बारे में बताते हुए जितेन ने कहा, “हम में से ज्यादातर लोगों की परवरिश विचित्र अंधविश्वासों के साथ हुई है, जिनमें से अधिकांश मान्यताओं का कोई तर्क ही नहीं है। नींबू मिर्ची से लेकर काली बिल्ली तक, हमें बड़े विचित्र तरह के नियम पालने के लिए कहा जाता है। जहां दुनिया इन अंधविश्वासों से धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है, वहीं कुछ बातें अब भी बाकी हैं। इनमें आध्यात्मिक गुरु भी शामिल हैं, जिनके हमारे देश में कई भक्त हैं।
यह कहना गलत नहीं होगा कि अब वक्त बदल रहा है और ऐसे में इन गुरुओं की प्रभुता भी बदल रही है। लेकिन मैं यह जरूर कहूंगा कि हमें अभी और आगे जाना है जब तक कि इस तरह के ढोंगी बाबाओं पर पूरी तरह प्रतिबंध नहीं लगा दिया जाता। हम अपने शो के साथ दर्शकों को एक सही संदेश देने की कोशिश कर रहे हैैं। हमें उम्मीद है कि हम भी इस स्थिति को बदलने में अपने तरीके से मदद कर सकते हैं।”
इस ट्रैक में दिखाया जाएगा कि कैसे साईं, गंगाधर को उसके गुरु के चंगुल से बाहर निकलने में मदद करते हैं और उसे आधारहीन अंधविश्वासों के दुष्परिणाम के बारे में समझाते हैं।