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स्वयं के उत्थान के लिए आपको आत्मनिर्माण की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा!
इंदौर मैनेजमेंट एसोसिएशन स्टूडेंट चैप्टर ने शुक्रवार को “खुद से खुद को उठाएं” विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया। सत्र के अध्यक्ष श्री मृदुल दाधीच, इंटरनेशनल फेम ऑर्डेटर, सह-संस्थापक, गैर सरकारी संगठन “प्रारम्भ” और “बियोंड द टेक्स्टबुक” के लेखक थे।
उन्होंने कहा कि विकल्पों के अभाव में संकल्प की पूर्ति होती है ! अर्थात जब आप सिर्फ अपने चिंतन, मनन एवं संकल्प पर निर्भर होते हैं तो आप मसीहाओ की तलाश में समय बर्बाद नहीं करते, आप मल्लाहो का इन्तिज़ार नहीं करते, आप अपने पुरुषार्थ के बल पर अपनी यात्रा को जारी रखते हुए लक्ष्य को प्राप्त करते है!
जीवन में महान क्रांति तब आती हैं जब आप अपने वर्तमान जीवन की सम्पूर्ण रूप से जिम्मेदारी लेते हैं !! आप जो है अपने विचारो, भावनाओ और कर्मो का परिणाम जब आप यह समझ जाते हैं तो उसी पल से आप अपने विचार, भावनाओ एवं कर्मो को उसी दिशा में उन्नत करने लगते है जो आपके जीवन का लक्ष्य हैं !!
श्री कृष्णा गीता में कहते हैं आप स्वयं अपने उत्थान के कारण भी हैं और कारक भी ! स्वयं के उत्थान के लिए आपको आत्मनिर्माण की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा!! सबसे पहले अपनी वर्तमान परिस्तिथि का आकलन करे और अपने दैनिक दिनचर्या में अमूलचूल सकारात्मक परिवर्तन लेकर आये जिससे आप रोज़ अपने उद्देश्य की प्राप्ति की ओर अग्रसर हो पाए !!
भविष्य नामक शिशु का जन्म वर्तमान के गर्भ से होता है !! आप अपने भविष्य का निर्माण वर्तमान में कर रहे है , अपने वर्तमान को उत्साहपूर्ण , उद्देश्यपूर्ण और उन्नति की और अग्रसर करिये , भविष्य जो आप चाहते है स्वयं बन कर तैयार हो जायेगा !!