पंचकुईया मे 16वीं सदी से गुरू गादी पंरपरा का निर्वाह

इंदौर. शहर के पश्चिम क्षेत्र स्थित पंचकुईया श्री राम मंदिर आश्रम मे 400 वर्षो की प्राचीन गुरू गादी परंपरा का 16 वी सदी से लगातर निर्वाह हो रहा है और निंरतर यह परंपरा का निर्वाह होता रहेगा है. गुरू पूर्णिमा पर सबसे पहले चार पूर्व श्रीमहंतो का पाद पूजन होता है. उसके बाद बर्तमान श्रीमहंत लक्ष्मणदास महाराज  का गुरू पाद पूजन शिष्यों द्धारा किया जाता है.
मंदिर मे गुरू गादी पंरपरा की शुरूआत प्रथम श्रीमहंत प्रहलादासजी महाराज ने की थी उन्होंने उनकी गादी द्धितीय श्रीमहंत ठाकुरदासजी महाराज को सोपी उसके बाद ठाकुरदास ने तृतीय श्रीमहंत मोहनदासजी महाराज को गादी दी और यह पंरपरा अनुसार चतुर्थ श्रीमहंत बालमुकन्ददासजी को संतो ने गुरू गादी पर विराजमान किया. गुरू बालमुकुदंदासजी के शरीर छोडने के बाद  मंदिर की गुरू गादी की चादर साधु संतो ने पाचंवें वर्तमान महामण्डलेश्वर लक्ष्मणदासजी महाराज  को ओढाई ।
महामण्डलेश्वर  लक्ष्मणदास महाराज पाँचवे श्रीमहंत के रूप मे 16 वी सदी से चली आ रही गुरू गादी परापंरा का निर्वाह कर रहे है। वह राम नाम की गुरू दक्षिणा देकर शिष्यों को गुरू की महिमा के पदचिन्हो पर चलने की शिक्षा दे रहे है.   श्रीराम मंदिर पंचकुईया मे गुरू पूर्णिमा महोत्सव 27 जुलाई को धूमधाम से मनाया जावेगा ।
गुरू पूर्णिमा पर सबसे पहले चार पूर्व श्रीमहंतो श्री प्रहलादासजी,ठाकुरदासजी,महोनदासजी, बालमुकुददासजी व गुरू सुरसुरानंदाचार्य महाराज  की चरण पादुका का पूजन मन्त्रोच्चार के साथ होगा उसके बाद फिर वर्तमान श्रीमहंत महामण्डलेश्वर  लक्ष्मणदास महाराज का गुुरू पाद पूजन गुरू पंरपरा के अनुसार हजारो भक्त करेगें यह गुरू पाद पूजन का सिलसिला सुबह 8 बजे से प्रांरभ होकर चंद्रग्रहण के कारण दोपहर 2:30 बजे तक लगातर चलेगा.

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