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आईआईएम इंदौर में ईपीजीपी की 12वीं बैच शुरू
अब तक की सबसे बड़ी ईपीजीपी बैच, आईआईएम इंदौर में पहली बार किसी नियमित पूर्णकालिक कार्यक्रम का हुआ वर्चुअल उद्घाटन
भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर (आईआईएम इंदौर) ने 22 जून, 2020 को एक वर्षीय पूर्णकालिक कार्यकारी के लिए पोस्ट ग्रेजुएशन प्रोग्राम (ईपीजीपी) के 12वें बैच का वर्चुअल उदघाटन कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम के लिए कुल 68 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया।
मुख्य अतिथि सुश्री विनीता बाली, स्वतंत्र निदेशक और रणनीति सलाहकार की उपस्थिति में दो घंटे का कार्यक्रम ऑनलाइन आयोजित किया गया था; जिसमें प्रोफेसर हिमांशु राय, निदेशक, आईआईएम इंदौर; प्रोफेसर सौम्य रंजन दाश, चेयर, ईपीजीपी; प्रोफेसर रणजीत नम्बूदिरी, कर्नल गुरुराज गोपीनाथ पामिड़ी, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, आईआईएम इंदौर ने भी ऑनलाइन भाग लिया ।
प्रोफेसर राय ने कहा कि यह ईपीजीपी का अब तक का सबसे बड़ा बैच है। ‘एक ओर जहां COVID-19 महामारी ने हमें सामान्य जीवन की फिर से कल्पना करने के लिए मजबूर किया है, मैं इसे एक अवसर के रूप में भी देखता हूं। मेरे लिए COVID भी दूरदर्शिता, आत्मनिरीक्षण और खोज के अवसर पैदा करने के लिए, यानि Creating Opportunities for Visioning, Introspection and Discovery है।
हमें अपने लिए, अपने संस्थान और अपने देश के लिए एक विजन बनाने की जरूरत है और फिर उसके लिए काम करना होगा। हमें अपने आस-पास के वातावरण साथ अपने रिश्ते को आत्मनिरीक्षण करने और फिर से परिभाषित करने की आवश्यकता है। साथ ही, हमें अपनी स्वयं की वास्तविक क्षमता की खोज करने की आवश्यकता है ‘, उन्होंने कहा।
सुश्री बाली ने अपने उदघाटन भाषण में वर्तमान COVID19 परिदृश्य पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि यही वह समय है जो हमें एक पल ध्यान केन्द्रित कर के सोचने के लिए प्रेरित करता है की हम क्या करना चाहते हैं। हम हमेशा यही सोचते थे कि यदि हम एक डिग्री अर्जित कर लेते हैं, या कुछ निर्णय लेते हैं, तो हम भविष्य की योजना बना सकते हैं और हमारे जीवन को नियंत्रित करते हैं।
हालाँकि, COVID की इन परिस्थितियों ने यह बताया है कि वास्तव में तो हम कभी कुछ नियंत्रित कर ही नहीं पाए हैं। उन्होंने कहा कि हम आश्चर्यजनक और अप्रत्याशित परिस्थितियों से निपटने और इनके समाधान सोचने की अपनी क्षमता बढ़ा सकते हैं । नए बैच को प्रोत्साहित करते हुए, उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ कक्षाओं में, बल्कि कक्षाओं के बाहर अपने अनुभवों से भी सीखने का वर्ष है ।
‘यह न केवल आपकी कार्यात्मक क्षमताओं को बढ़ाएगा, बल्कि अनुकूलन क्षमता और नेतृत्व कौशल भी बढ़ाएगा; और खुद को समझने में भी मदद करेगा’, उन्होंने कहा । उन्होंने उल्लेख किया कि प्रत्येक व्यक्ति को प्रबंधकीय कौशल की आवश्यकता होती है, और विभिन्न परिस्थितियों में हमारा दृष्टिकोण, स्वभाव, प्रतिक्रिया और प्रतिक्रिया यह परिभाषित करता है कि क्या हम अपने आस-पास की स्थितियों का प्रबंधन करने में सफल हैं ।
उन्होंने छात्रों को नई चीज़ें सीखने, तलाशने, मानसिकता को व्यापक बनाने और एक दृष्टिकोण विकसित करने की सलाह दी – एक ऐसा दृष्टिकोण जो न सिर्फ स्वयं, या स्वयं के परिवार, शहर या देश तक सिमित हो, बल्कि सम्पूर्ण विश्व के बारे में हो ।
‘हम सभी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और शायद हम इसके बारे में जानते भी नहीं हैं, इसलिए हमें उन समस्याओं का समाधान खोजने की आवश्यकता है जो आने वाले वर्षों में हमारे सभी के सामने आ सकती हैं’, उन्होंने कहा ।
प्रोफेसर रणजीत नम्बूदिरी, डीन, प्रोग्राम्स ने भी नई बैच को संबोधित किया और संस्थान की योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी दी ।
ईपीजीपी बैच 2020-21 के लिए पहला कार्यकाल कल से शुरू होगा। छात्रों को परिसर में बुलाने और परिसर में कक्षाएं आयोजित करने का निर्णय उच्च अधिकारियों द्वारा आगामी महीनों में COVID की परिस्थितियों के आधार पर लिया जाएगा।