शनिवार को प्रदोष व्रत सभी देहधारियों के लिए है दुर्लभ

डॉ श्रद्धा सोनी, वैदिक ज्योतिषाचार्य, रतन विशेषज्ञ

01 अगस्त 2020 को शनि प्रदोष है । शनिवार को प्रदोषकाल में त्रयोदशी तिथि हो तो उसे शनिप्रदोष कहा जाता है।

शनिप्रदोष व्रत की महिमा अपार है | स्कन्दपुराण में ब्राह्मखंड – ब्रह्ममोत्तरखंड में हनुमान जी कहते हैं कि
एष गोपसुतो दिष्ट्या प्रदोषे मंदवा सरे । अमंत्रेणापि संपूज्य शिवं शिवमवाप्तवान् ।।
मंदवारे प्रदोषोऽयं दुर्लभः सर्वदेहिनाम् । तत्रापि दुर्लभतरः कृष्णपक्षे समागते ।।

एक गोप बालक ने शनिवार को प्रदोष के दिन बिना मंत्र के भी शिव पूजन कर उन्हें पा लिया। शनिवार को प्रदोष व्रत सभी देहधारियों के लिए दुर्लभ है।

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