IPRS ने पहली बार भारत में म्यूज़िक स्ट्रीमिंग सेवा प्रदान करने वाले प्लेटफ़ॉर्म, हंगामा म्यूज़िक के साथ लाइसेंसिंग समझौते पर हस्ताक्षर किए

यह समझौता निष्पक्ष तरीके से संगीत के कारोबार को बढ़ावा देता है, जिसका उद्देश्य मूल रचनाकारों को लाभ पहुंचाना है

भारत. अक्टूबर महीने को निष्पक्ष व्यापार माह के रूप मान्यता दी गई है, और अक्टूबर 2020 की शुरुआत में द इंडियन परफॉर्मिंग राइट सोसाइटी लिमिटेड (IPRS) ने देश में म्यूज़िक स्ट्रीमिंग सेवाएं उपलब्ध कराने वाले सबसे बड़े प्लेटफ़ॉर्मों में से एक, हंगामा म्यूज़िक के साथ साझेदारी की है। IPRS ने पहली बार भारत में एक म्यूज़िक स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म के साथ एक बड़े लाइसेंसिंग समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

यह साझेदारी संगीत के क्षेत्र में निष्पक्ष तरीके से व्यवसाय का समर्थन करती है, ताकि लेखकों, संगीतकारों और सभी म्यूज़िक राइट्स धारकों के लिए वैल्यू-चेन को पारदर्शी और नीतिपरक बनाया जा सके। इस लाइसेंसिंग समझौते का मुख्य उद्देश्य यह है कि, संगीत के मूल रचनाकारों को उनके काम के लिए उचित मेहनताना मिले, साथ ही उन्हें अपने काम के अनुरूप उचित रॉयल्टी भी प्राप्त हो सके।

पिछले कुछ सालों के दौरान, गीत-संगीत को लोगों तक पहुंचाने और इसके समग्र रूप से विकास में म्यूज़िक स्ट्रीमिंग का सबसे बड़ा योगदान रहा है। डेलॉइट की रिपोर्ट के अनुसार, फिलहाल भारत में ऑडियो एवं वीडियो OTT बाज़ार का अनुमानित मूल्य तकरीबन 280 मिलियन अमेरिकी डॉलर है। इसमें ऑडियो OTT बाज़ार का लगातार विकास हो रहा है, और हर महीने लगभग 150 मिलियन सक्रिय उपयोगकर्ता अलग-अलग प्लेटफ़ॉर्मों पर मौजूद लाखों साउंडट्रैक का आनंद लेते हैं। 

IPRS के सीईओ, श्री राकेश निगम ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “हंगामा म्यूज़िक के साथ इस समझौते को लेकर हम बेहद खुश एवं उत्साहित हैं, और सबसे बड़ी बात यह है कि हर महीने लगभग 87 मिलियन उपयोगकर्ता हंगामा नेटवर्क के सभी प्लेटफ़ॉर्मों का इस्तेमाल करते हैं। वर्तमान में OTT बाज़ार में ऑडियो कंटेंट्स का उपयोग काफी बढ़ गया है, जिसे देखते हुए इस क्षेत्र में कारोबार को सभी के लिए एकसमान बनाना अनिवार्य हो गया है, ताकि सभी स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म संगीत रचनाकारों का सम्मान करें और उन्हें उनके काम के लिए उचित मेहनताने का भुगतान करें।

सब्सक्रिप्शन के रूप में जो लोग पैसे का भुगतान करते हैं, वह पैसा गीतसंगीत के मूल रचनाकारों को भी मिलना चाहिए। म्यूज़िक क्रिएटर्स को इस तरह पैसे का भुगतान करके हम उनके रचनात्मक कार्यों के प्रति सम्मान दिखाते हैं, साथ ही इसकी रचना में उन्होंने जो कड़ी मेहनत की है उसके लिए उन्हें उचित मेहनताना भी मिलता है। हंगामा म्यूज़िक के साथ इस लाइसेंसिंग समझौते के जरिए हम ऐसा कर सकते हैं।

म्यूज़िक स्ट्रीमिंग इंडस्ट्री से जुड़े दूसरे प्लेटफार्म भी अगर इस आंदोलन में भाग लेंगे, तो पिछले कई सालों से संगीत रचनाकारों के साथ हो रहे अनुचित व्यवहार को रोकने में हमें काफी मदद मिलेगी। इस तरह युवा प्रतिभाओं को भी संगीत को अपना करियर बनाने का प्रोत्साहन मिलेगा।”

श्री निगम ने आगे कहा, निष्पक्ष तरीके से व्यापार का मतलब ऐसे व्यवसायों का समर्थन करना, उन्हें मान्यता देना और प्रोत्साहन देना है, जो सम्मान और पारदर्शिता के माध्यम से व्यवसाय को सभी के लिए एकसमान बनाना चाहते हैं। हम इस विषय पर जागरूकता फैलाना चाहते हैं कि संगीत का निष्पक्ष तरीके से व्यापार क्यों महत्वपूर्ण है, तथा इससे मूल रचनाकारों को कैसे मदद मिलेगी। IPRS में, हम लेखकों और रचनाकारों के अधिकारों और उनकी रचना की रक्षा करते हैं और यही बात हमें अनुकूल विक्रेता बनाती है, लेकिन यह तभी संभव है जब सभी स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म एक अनुकूल खरीदार के रूप में दिलचस्पी दिखाएं। इससे केवल ऐसे म्यूज़िक क्रिएटर्स को मदद मिलेगी जिन्हें अब तक कोई लाभ नहीं मिल पाया है, बल्कि इससे बड़े पैमाने पर संगीत समुदाय को भी मदद मिलेगी।

हंगामा डिजिटल मीडिया के सीओओ, श्री सिद्धार्थ रॉय ने इस साझेदारी के बारे में बताते हुए कहा, हमें IPRS के साथ काम करके बेहद प्रसन्नता हो रही है, जो संगीत उद्योग जगत का प्रतिनिधित्व करने वाला एक पंजीकृत कॉपीराइट संस्थान है। हम आशा करते हैं कि, इस साझेदारी के बाद संगीत उद्योग जगत में एक सकारात्मक बदलाव आएगा।

निष्पक्ष तरीके से संगीत के व्यापार का समर्थन करने वाले लोग, वास्तव में रचनाकारों से लेकर उपभोक्ताओं तक, हर व्यक्ति का सम्मान करते हैं तथा उन सभी के बीच बेहद सरल एवं नैतिक प्रक्रियाओं को अपनाने पर बल देते हैं। इस तरह यह सुनिश्चित होता है कि गीतकारों, संगीतकारों सहित म्यूज़िक वैल्यू-चेन से जुड़े सभी पक्षों को उनके काम के लिए उचित मेहनताना मिले। निष्पक्ष तरीके से संगीत के व्यापार से उपभोक्ताओं को स्पष्ट रूप से यह संकेत मिलेगा कि कौन सी डिजिटल स्ट्रीमिंग एवं अन्य संगीत सेवाएं निष्पक्ष, पारदर्शी और नैतिक तरीके से संचालित हैं, और इस तरह उपभोक्ताओं को म्यूज़िक वैल्यू-चेन में स्पष्ट तौर पर विकल्प मिलेगा। 

IPRS ने हाल ही में #CreditTheCreator नामक एक अभियान के जरिए म्यूज़िक प्लेटफ़ॉर्म और ऐप्स द्वारा गीतकारों को श्रेय नहीं दिए जाने का मुद्दा उठाया था। IPRS ने इस तरह के मुद्दों पर हमेशा अपनी आवाज़ बुलंद की है, और इसका उद्देश्य उन सभी संगीत लेखकों और संगीतकारों को मान्यता दिलाने के लिए एक मजबूत समाधान प्रस्तुत करना है, जो बेहतरीन व शानदार रचनाओं को तैयार करने में अपनी ज़िंदगी बिता देते हैं।

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