काफिले के साथ बाणेश्वरी कावड़ यात्रा के  लिए पांच हजार से अधिक श्रद्धालु महेश्वर रवाना

इन्दौर। बोल बम के जयघोष से गूंजता समूचा बाणगंगा क्षेत्र… भोले बाबा की  भक्ति से ओत-प्रोत गीतों एवं भजनों की प्रस्तुतियां…  बोल बम के उद्घोष एवं ढोल नगाड़ों के बीच पुष्पवर्षा… विद्वान पंडितों द्वारा शंखध्वनि… महाकालेश्वर के जयघोष के मिले-जुले उत्साहपूर्ण वातावरण में आज दोपहर मरीमाता चौराहे से बाणेश्वरी कावड़ यात्रा के काफिले ने महेश्वर के लिए प्रस्थान किया, जहां से  30 जुलाई को सुबह 8.30 बजे प्रख्यात संत उत्तम स्वामीजी एवं मौनी बाबा के सानिध्य में  180 किलोमीटर लंबी 8 दिवसीय पद यात्रा का शुभारंभ मां नर्मदा के दुग्धाभिषेक एवं 1100 मीटर लम्बी चुनरी समर्पित करने के साथ होगा।
यात्रा संयोजक गोलू शुक्ला, यात्रा प्रभारी दीपेन्द्र सिंह सोलंकी एवं कमल शुक्ला ने बताया कि यात्रा का शुभारंभ विधायक सुदर्शन गुप्ता, समाजसेवी पं. विष्णुप्रसाद शुक्ला, इविप्रा के पूर्व उपाध्यक्ष हरिनारायण यादव, पार्षद सूरज केरो, दिलीप मिश्रा, प्रवेश यादव, पूर्व पार्षद राजेंद्र शुक्ला, आनंद पुरोहित सहित अनेक अतिथियों ने सिद्ध विजय गणेश मंदिर में पूजा-अर्चना तथा 21 फीट ऊंचे नंदीजी की आरती के साथ किया।
अतिथियों ने शिव-पार्वती, नंदीजी एवं गणेशजी की झांकी का पूजन भी किया। यात्रा में आज करीब 5 हजार  श्रद्धालु बसों से महेश्वर प्रस्थित हुए हैं जबकि इतने ही यात्री अन्य वाहनों से महेश्वर पहुंच कर कावड़यात्रा में  शामिल होंगेे। यात्रा के साथ डिजिटल शिव रथ तथा चार अन्य रथों पर सुसज्जित खजराना गणेश, उड़ते हनुमान,शिव बारात, 11 फीट के नंदी,पार्वती का डोला तथा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश दे रही जीवंत झांकियां भी आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहेंगीं।
रात्रि विश्राम वाले स्थलों पर प्रतिदिन सुबह एक घंटा योग एवं ध्यान, सुखद वर्षा की प्रार्थना, ‘स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत’ के संदेश के साथ भजन संध्या, पौधरोपण एवं पर्यावरण संरक्षण के आयोजन भी होंगे। भजन गायक श्रीधर झरकर, गन्नू महाराज, प्रकाश चौहान के भजन तथा प्रख्यात सुंदरकांड वाचक श्री कैलाश शर्मा की प्रस्तुतियां इस दौरान आकर्षण का केन्द्र रहेगी। पौधरोपण के तहत इस बार यात्रा मार्ग के 220 छोटे बडे़ गांवों में  पौधे लगाए जाएंगे। इनकी देखभाल का संकल्प पहले ही ग्रामीणों को दिलाया जा चुका है।
शुक्ला ने बताया कि कावड़ यात्रा 30 जुलाई को महेश्वर से प्रस्थित हो कर  गुजरी, 31 को मानपुर, 1 अगस्त को महू, 2 अगस्त को इंदौर, 3 अगस्त को नगर भ्रमण के बाद रेवतीरेंज, 4 को को पंथपिपलई से खानबड़ोदिया, 5 अगस्त रविवार को रात्रि में उज्जैन पहुंचकर 6 अगस्त सोमवार को सुबह 4 बजे भगवान महाकाल का जलाभिषेक कर देश एवं प्रदेश में सुखद वर्षा एवं सुख, शांति तथा समृद्धि की प्रार्थना करेंगे।

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