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सीए सुधारेंगे अपनी हेल्थ की बैलेंस शीट
हैल्थ एक्टिविटी में इन्वेस्टमेंट से बढ़ाएंगे अपनी जीवन रूपी एसेट्स
आईसीएआई की इंदौर शाखा के द्वारा हेल्थ अवेयरनेस बढ़ाने के लिए सीए मेंबर्स के लिए रनिंग और साइकिलिंग और इसके फायदों के ऊपर वेबीनार का आयोजन किया गया। वेबीनार के मुख्य वक्ता नीरज याग्निक जो कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक साइकिल से यात्रा कर चुके हैं, डॉ भरत रावत जो कि ह्रदय रोग विशेषज्ञ होने के साथ-साथ स्वयं नियमित रूप से दौड़ते हैं एवं राज्य कर विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर विजय सोहनी ने किस तरह साइकिलिंग एवं रनिंग के द्वारा अपने शरीर और स्वास्थ्य का ख्याल रखा जा सकता है के ऊपर अपने विचार व्यक्त किए। यह जानकारी इंदौर शाखा के मीडिया प्रभारी आनंद जैन के द्वारा दी गई।
इंदौर सीए शाखा के चेयरमैन सीए हर्ष फिरोदा ने बताया कि हम सीए लोग पूरे दिन अपनी कुर्सी पर बैठकर कार्य में व्यस्त रहते हैं दिन भर कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बैठकर अपने मस्तिष्क से जोड़ – घटाव, कई तरह के एडजस्टमेंट, टैक्स सेविंग, प्रॉफिट की गणना, इन्वेस्टमेंट पर विचार आदि कार्य करते रहते हैं। ऐसे में हेल्थ के ऊपर ध्यान देना हम भूल जाते हैं आज यदि हेल्थ के ऊपर हम ध्यान देकर इन्वेस्टमेंट करते हैं तो भविष्य में इसके अच्छे रिटर्न हमें मिल सकते हैं।
सीए फिरोदा ने बताया कि पिछले 5 वर्षों से इंदौर में हेल्थ अवेयरनेस बड़ी है दौड़ने साइकिल चलाने योगा करने इत्यादि का शोक लोगों में बड़ा है और विशेषतः इस कोरोना काल में इसका महत्व और बढ़ जाता है ऐसे समय में हमें प्रतिदिन कम से कम 1 घंटे का समय हेल्थ अवेयरनेस के लिए निकालना चाहिए इससे मानसिक शारीरिक एवं अन्य कई प्रकार के रोग से निजात पाई जा सकती है।
साइकिलिंग या रनिंग करके एक शारीरिक बैलेंस शीट को सुधार सकता है
कार्यक्रम के वक्ता श्री नीरज याग्निक ने बताया कि मैं कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक साइकिल से यात्रा कर चुका हूं जिस तरह सीए अपने क्लाइंट की बैलेंस शीट का अध्ययन और गहन विश्लेषण करते हैं, ठीक उसी प्रकार अपने शरीर का अध्यन करने से हम पाएंगे कि साइकिलिंग या रनिंग करके एक व्यक्ति अपनी शारीरिक एवं मानसिक बैलेंस शीट को सुधार सकता है।
इसमें धीरे-धीरे इन्वेस्टमेंट करके एक व्यक्ति अपने जीवन की बैलेंस शीट और स्पेशली जीवन की एसेट्स को मजबूत कर सकता है। जिस प्रकार इन्वेस्टमेंट शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म होते हैं उसी प्रकार नीरज याग्निक ने उदाहरण देकर कहा कि रनिंग एक शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट है और साइकिल चलाना एक लोंग टर्म इन्वेस्टमेंट है। एक व्यक्ति धीरे-धीरे करके लंबे समय तक एक स्थिर नियम के द्वारा साइकिलिंग कर सकता है और अपने शरीर में सुधार कर सकता है इससे भविष्य में धीरे धीरे फायदे मिलते है।
उन्होंने बताया कि लगातार हेल्थ एक्टिविटी करने के लिए दिल और दिमाग का बैलेंस करना बहुत जरूरी है कई बार दिल करता है कि मैं 10 किलोमीटर साइकिल चलाऊ परंतु दिमाग 6 या 7 किलोमीटर पर आकर हमें रोकने लगता है ऐसे में हमें ज्यादा टारगेट लेना चाहिए और उस टारगेट को जिस दिन हम पूरा कर लेंगे उस दिन हम अपने दिमाग पर भी कंट्रोल पा लेंगे। कई लोग समय नहीं होने का बहाना बनाकर हेल्थ एक्टिविटी से परहेज करते है परंतु आज बड़े से बड़े शख्सियत अपनी हेल्थ के लिए इन्वेस्टमेंट कर रही है।
लगातार प्रयास करना जरूरीः डॉ. भरत रावत
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर भरत रावत ने कहा कि किसी भी प्रकार की एक्टिविटी के लिए लगातार प्रयास करना बहुत जरूरी है यदि आप कभी कबार साइकिलिंग या रनिंग करते हैं तो इसके फायदे नहीं मिलेंगे परंतु यदि आप लगातार नियमित रूप से साइकिल या रनिंग करते हैं तो इसके बहुत अधिक फायदे मिलेंगे। उन्होंने कहा साइकिलिंग करने से या रनिंग करने से एक अनुशासित जीवन और दिनचर्या प्रारंभ हो जाती है इनके द्वारा जोड़ों का दर्द, वजन कम करना, मधुमेह और ह्रदय से संबंधित कई बीमारियों से निजात पाई जा सकती है।
श्री भरत ने बताया कि आप चाहे तो अकेले भी साइकिलिंग या रनिंग कर सकते हैं अकेले साइकिल के रनिंग करने से आप स्वयं को स्वयं के और करीब ला सकते हैं साथ ही आप अपने आप को प्रकृति के करीब भी महसूस करते हैं यह एक प्रकार का योगा है जिससे कि आप स्वयं आत्म चिंतन कर अच्छे विचारों की उत्पत्ति कर सकते हैं उन्होंने बताया कि कई व्यक्ति 40 वर्ष की उम्र के बाद भी फिजिकल एक्टिविटी शुरू कर सकते हैं ऐसे में पहले डॉक्टर से सलाह ले लेना चाहिए।
दौड़ने से घुटने के जोड़ खराब हो जाते हैं इस प्रश्न के उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक अवधारणा है यदि आप उचित शेड्यूल और सभी प्रकार की केयर रखते हुए रनिंग करते हैं तो डैमेज नहीं होता है। मुख्य रूप से घुटनों पर प्रभाव तब पड़ता है जब आपका वजन अधिक हो ऐसे में यदि आप प्रॉपरली रनिंग नहीं करते हैं तो आपके घुटने क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।
लंबा दौड़ने से पहले कुछ खाना चाहिए
श्री विजय सोनी ने बताया कि मैंने 52 वर्ष की उम्र में दौड़ना शुरू किया। फौजा सिंह की कहानी के माध्यम से उन्होंने दौड़ने के फायदे और 100 वर्ष की उम्र में भी जिस तरह उन्होंने दौड़ना जारी रखा है उसके बारे में चर्चा की। उन्होंने बताया कि दौड़ने से पहले हमें पैदल चलने से शुरुआत करनी चाहिए जब हम 5 से 6 किलोमीटर चलने की आदत बना लें तब हमें दौड़ना शुरू करना चाहिए और दौड़ने की गति उतनी होनी चाहिए कि आप दौड़ते वक्त एक पूरे वाक्य को बोल कर बात कर सके।
साथ ही उन्होंने बताया कि दौड़ने के लिए स्टेबल शूज पहनना चाहिए और जूते का नंबर आपके पैर की साइज से बड़ा होना जरूरी है जिससे कि दौड़ते वक्त जब पैर फैलता है तो आपके नाखून एवं पैर के अन्य भाग क्षतिग्रस्त ना हो, साथ ही जूते का कुशन खराब होने पर जूता अनिवार्य रूप से बदल लेना चाहिए नहीं तो क्षति हो सकती है।
उन्होंने यह भी बताया कि लंबा दौड़ने से पहले कुछ खाना चाहिए और साथ ही पानी भी पीना चाहिए उसके बाद करीब आधे घंटे या 1 घंटे बाद ही रनिंग करने से पेट में गैस बनना सर दर्द होना आदि की समस्या हो सकती है।
कार्यक्रम का संचालन सीए नवीन खंडेलवाल के द्वारा किया गया एवम् आभार सीए कीर्ति जोशी द्वारा व्यक्त किया गया। कार्यक्रम में सीए अवनी चोपड़ा, सीए प्रेम दुआ इत्यादि के द्वारा अपने नियमित रूप से साइकिल चलाने और दौड़ने के अनुभव को साझा किया गया।