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माण्डव की ऐतिहासिकता और खूबसूरती पर तैयार कॉफी टेबल बुक का हुआ विमोचन
कल के कोलाहल से आज की खामोशी
इंदौर। हम अपनी धरोहरों को सही रूप में प्रदर्शित नहीं कर पाए। यही कारण है कि लोग इतिहास और महत्वपूर्ण तथ्यों से अनजाने रहते हैं। हम लोग जब विदेशों में पर्यटन के लिए जाते हैं, तो हमें पता होता है कि किन-किन ऐतिहासिक स्थलों पर हमें जाना है।
दुर्भाग्य की बात है कि हमारे आसपास के ऐतिहासिक स्थलों की जानकारी लोगों को नहीं है। कारण साफ है कि हमने अपनी धरोहरों के महत्व को ठीक ढंग से सहेजा नहीं और न ही जनता के सामने इसे प्रदर्शित कर पाए।
यह बात संभागायुक्त श्री आकाश त्रिपाठी ने कही। वे स्मार्ट सिटी भोपाल के सीईओ एवं धार के पूर्व कलेक्टर दीपक सिंह द्वारा माण्डव पर लिखी गई कॉफी टेबल बुक ‘माण्डव : कल का कोलाहल आज की खामोशी’ पर आयोजित चर्चा में बोल रहे थे।
इंदौर प्रेस क्लब में आयोजित समारोह में श्री त्रिपाठी ने कहा जिस स्वरूप में इस कॉफी टेबल बुक को तैयार किया गया है, वह काफी रुचिकर है और जनता को विस्तृत जानकारी प्रदान करेगी। आवश्यकता है ज्यादा से ज्यादा लोगों तक यह पहुंचे।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि नौकरी की शुरुआत उन्होंने धार से की। तब माण्डव पर काफी काम उस दौर में हुआ था। मेरा भी शुरुआती योगदान इसमें रहा है। उन्होंने कहा माण्डव की ऐतिहासिकता, प्राकृतिक सौंदर्य को एक दिन में नहीं देखा जा सकता। माण्डव में विदेशी पर्यटकों की जितनी आमद होना चाहिए, उतनी नहीं हो रही है। जरूरत है वहां नाइट लाइफ का माहौल बने, ठहरने के उचित प्रबंध हों।
पुस्तक की समीक्षा करते हुए वरिष्ठ पत्रकार श्री रमण रावल ने कहा कि अलग-अलग दौर में माण्डव पर कई लेखकों ने बहुत लिखा है। इस किताब में बहुत मौजू चित्रों के साथ महत्वपूर्ण जानकारियों को कुशलता के साथ संकलित किया गया है। खासकर माण्डव में जलप्रबंधन पर जो काम पुराने दौर में हुआ, उसे बहुत बेहतर तरीके से उल्लेखित किया गया है। श्री रावल ने कहा कि यह किताब ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचना चाहिए ताकि लोग माण्डव की महत्ता को जान सकें।
भोज शोध संस्थान के श्री दीपेन्द्र शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि इतिहास कई घटनाओं को समेटता है और साहित्य इतिहास को समेटता है। पुरानी कई पुस्तकों में माण्डव का इतिहास लिखा गया है, परंतु इस पुस्तक में माण्डव का अतीत, वर्तमान और भविष्य संकलित है जैसा कि इसका शीर्षक भी है। धार और माण्डव से मेरा पुराना नाता रहा है। इस पुस्तक को तैयार करने के दौरान एक नया अनुभव प्राप्त हुआ है।
किताब के लेखक दीपक सिंह ने कहा मेरी कोशिश रहती है कि जहां रहूं, वहां की विशेषताओं और ऐतिहासिकता को लोगों के बीच पहुंचाऊं। बुरहानपुर में रहने के दौरान मैंने अपनी पहली किताब लिखी थी, फिर जब धार आया तो माण्डव को करीब से जानने का मौका मिला। मैंने पाया कि जितनी बातें इस ऐतिहासिक शहर के बारे में मुझे या जनता को पता है, वह बहुत कम है। यह एक वैभवशाली राज्य था, जिसमें कई सभ्यताओं का जुड़ाव रहा है। अलग-अलग खंडकाल में यह संस्कृतियां राज्य से जुड़ी थी।
श्री सिंह ने बताया किताब को तैयार करने में कई लेखकों और इतिहासकारों का सहयोग मिला। एक समन्वित प्रयास के जरिए हमने माण्डव के प्राचीन वैभव से लेकर आज तक के इतिहास को प्राकृतिक सौंदर्य को जनता के सामने पहुंचाने का प्रयास किया है। यह एक टीम वर्क है और हम उम्मीद कर सकते हैं कि माण्डव विश्व परिदृश्य में उभरकर आएगा और इसे यूनेस्को की सूची में स्थान मिलेगा।
इंदौर प्रेस क्लब अध्यक्ष श्री अरविंद तिवारी ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि यह एक ऐतिहासिक पल है, जिसमें इंदौर प्रेस क्लब की पूर्ण भागीदारी है। हम सब समन्वित प्रयास के साथ हमारे गौरवशाली इतिहास को जनता के बीच एक खूबसूरत अंदाज में ले रहे हैं। इसके लिए पुस्तक के लेखक श्री दीपक सिंह, संपादकीय सहयोग श्री मुकेश मिश्रा और पूरी टीम बधाई की पात्र है।
आरंभ में अतिथियों का स्वागत श्री अरविंद तिवारी, श्री नवनीत शुक्ला, श्री राहुल जैन, श्री हेमन्त शर्मा, श्री प्रदीप जोशी, श्री संजय त्रिपाठी ने किया। अतिथियों को स्मृति चिह्न वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रजातंत्र के श्री हेमन्त शर्मा, श्री प्रवीण शर्मा, प्रेस क्लब कार्यकारिणी सदस्य श्रीमती रजनी खेतान, फैशन डिजाइनर श्री आसिफ शाह ने प्रदान किए। कार्यक्रम का संचालन श्री पंकज दीक्षित ने किया और अंत में आभार श्री नवनीत शुक्ला ने माना।
कार्यक्रम में पद्मश्री भालू मोंढे, पद्मश्री सुशील दोशी, एसपी अजाक श्री अरविंद तिवारी, एसपी लोकायुक्त सव्यसाची सर्राफ, वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश हिंदुस्तानी, श्री हेमन्त शर्मा, श्री कीर्ति राणा, श्री राजेश ज्वेल, वास्तुविद श्री अचल चौधरी, धार प्रेस क्लब अध्यक्ष श्री छोटू शास्त्री, सुश्री श्रुति अग्रवाल, वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्री राजेश चौकसे, समाजसेवी श्रीमती अलका सैनी, श्री परविंदर सिंह भाटिया, क्षेत्रीय लोक संपर्क ब्यूरो के सहायक निदेशक श्री मधुकर पंवार, जनसंपर्क विभाग के संयुक्त संचालक श्री आर.आर. पटेल, पूर्व संयुक्त संचालक श्री भूपेन्द्र गौतम सहित अनेक गणमान्य जन मौजूद थे।