मधुप्रयास 2020 -वेब प्लेटफार्म पर अंतरराष्ट्रीय डायबिटीज कांफ्रेंस

प्रदेश में पहली बार अंतरराष्ट्रीय डायबिटीज़ वेब कोंफ़्रेंस सम्पन

इंदौर. इंदौर से प्रयास फ़ॉर केयर ऑफ़ डायबिटीज़ सोसायटी के डॉ भरत साबू और रायपुर के डॉ राका शिवहरे के तत्वाधान में 20 सिंतबर रविवार को सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक एक अंतरराष्ट्रीय डायबिटीज संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

इसमें विश्व के सुप्रसिद्ध डायबेटोलॉजिस्ट जैसे डॉ वी मोहन, डॉ अनन्त निगम, डॉ कृष्णा शेषाद्री ,डॉ बंशी साबू ,डॉ अमरपाल सूरी, डॉ सुनील गुप्ता, डॉ सुनील एम जैन, डॉ अर्चना शारदा ,डॉ गडवे, डॉ रवि कामेपल्ले अमरीका से सम्मिलित हुए।

पद्मश्री डॉ वी मोहन सर का रिसर्च व्याख्यान विश्व पटल पर आने वाली नई तरह की डायबिटीज और उनके लक्षणों पर केंद्रित था l

अहमदाबाद के वरिष्ठ डायबेटोलॉजिस्ट वर्तमान RSSDI प्रेजिडेंट डॉ बंशी साबू डायबिटीज फ्री इंडिया मधुमेह रहित भारत पे अपने विचार रखे।

गोष्ठी की शुरुआत खान पान और न्यूट्रिशन पे चर्चा और डायबिटिक डाइट से हुई जो मुंबई की ख्यातनाम डाइटीशियन शेरील सेलिस ने लिया। डॉ रवि कामेपल्ली मेटाबोलिक हेल्थ और कीटो न्यूट्रिशन पे अपना रिसर्च सामने रखी।

डायबिटीज में टेक्नोलॉजी के उपयोग की परिचर्चा में इंदौर से डॉ भरत साबू ने अपना युरोपीयन सोसायटी ऑफ़ एंडोक्रिनोलोजी में चयनित अपना शोध प्रस्तुत किया जिस पर पुणे से डॉ उन्निकृष्णन अपना मार्ग दर्शन दिया।

बच्चो पे होने वाली डायबिटीज और उसमें लगने वाले इन्सुलिन पंम्प के विशेष सेमिनार रखा गया जिसे कानपुर के डॉ सौरभ मिश्रा ने लिया।

मात्र 21 दिनों में इम्युनिटी कैसे बढ़ाये इसपे किताब लिखने वाले इंग्लैंड के डॉ असीम मल्होत्रा अपना व्याख्यान दिया, जयपुर से डॉ संदीप माथुर ने एशियन भारतीयो की जीन्स में मधुमेह के कारणों का रिसर्च बताए।

खाने में वसा कोलेस्ट्रॉल की मात्रा और उसे जुड़ी बड़ी भ्रांतियो का निराकरण राजमुंदरी से डॉ करतुरी ने किया।

डायबिटीज में ह्रदय की देखभाल और चिकित्सकीय समन्वयन पर शोध अहमदाबाद से डॉ ओम जे लखानी प्रस्तुत किया।

विश्व प्रसिद्ध समाजसेवी और खुद बचपन से टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित सुश्री जाज़ सेठी सुपुत्री अपना खुद का जीवन व्रतांत और उसमें टेक्नोलॉजी के उपयोग के बारे प्रेरणा दायक संबोधन दिया, गर्भावस्था में मधुमेह और उससे जुड़ी सारी विसंगतियों का समाधान पे नागपुर से डॉ सुनील गुप्ता सम्बोधित किया।

मधुमेह रोगियो में पैरो मैं होने वाली समस्यायों के समाधान हेतु फुट केयर वर्कशाप रखी गई जिसे आइपीए IPA के नेशनल प्रेसिडेंट दिल्ली से डॉ अमरपाल सूरी और CGIPA छत्तीसगढ़ के स्टेट प्रेजिडेंट डॉ राका शिवहरे सन्चालित किया और पैरो से जुड़ी सारी समस्यायों का निराकरण कैसे करें ये बताया।

Telepodiatry कंप्यूटर और इंटरनेट के उपयोग से पैरो का निदान पर बंगलोर से डॉ संजय शर्मा अपनी बात कही।

डायबिटीज में उपयोगी लगभग सारी दवाओं के समुचित उपयोग पर एक संगोष्ठी रखी गई जिसमे पुणे से सम्मिलित डॉ फड़के अपने विचार रखे।

चेन्नई से सीनियर डायबेटोलॉजिस्ट डॉ कृष्णा शेषाद्री अपने शोधपत्रों से बताया की डायबिटीज की कौन सी दवाओं का कॉम्बिनेशन हम भारतीयों के लिए सबसे बेहतर है।

पुणे से डॉ अंजलि भट्ट इन्सुलिन परामर्श की समयानुकूलता पर अपने विचार रखें। इंदौर से डॉ सुनील जैन नई तरह के इंजेक्शन GLP 1 पे अपना अनुभव और ज्ञान साझा किए।

औरंगाबाद से डॉ अर्चना शारदा मधुमेह पर सबसे पुरानी और सबसे सस्ती दवाओं SU की उपयोगिता पे अपना पक्ष रखें, कोरोना और मधुमेह पर पुणे से डॉ वैशाली ने अपनी बात रखी।
टेलेमेडिसिन और उससे इलाज के संदर्भ में इंदौर से डॉ भरत साबू ने अपना रिसर्च पेपर पढ़ा और टेक्नोलॉजिकल समाधान के महत्व को समझाया।

मधुमेह में आंखों में और रेटिना में आने वाली अंधत्व का जल्दी निदान और नवीन जांच पद्धतियों के बारे में कोयम्बटूर से डॉ आशीष शर्मा ने अपना सम्बोधन किया।

मधुप्रयास 2020 मात्र एक बेब कांफ्रेंस ही नही बल्कि दो नवोदित ऊर्जावान विचारधाराओं का मिलन और सामूहिक सममिश्रण है जिसपे मधुमीत डायबिटीज सोसायटी रायपुर के डॉ राका शिवहरे और प्रयास डायबिटीज सोसायटी इंदौर के डॉ भरत साबू का मधुर प्रयास अपने आप ही दीख पड़ता है।

निश्चय ही इस कोंफ़्रेंस के आयोजन से आने वाले समय में डायबिटीज़ रीसर्च को बल मिलेगा

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