टेमासेक द्वारा स्थापित गुडवर्केर ने सोनू सूद और स्कूलनेट के साथ साझेदारी की और ब्लू-कॉलर श्रमिकों के लिए टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म में २५० करोड़ रुपये का निवेश किया
प्रवासी रोजगार दरअसल सोनू सूद और स्कूलनेट की एक पहल है, जिसने पिछले 4 महीनों के भीतर नौकरी की इच्छा रखने वाले 10 लाख लोगों तथा नौकरी देने वाले हज़ारों एंपलॉयर्स को अपने प्लेटफॉर्म से जोड़ा है
बेंगलुरु. कोविड-19 से उत्पन्न संकट के इस दौर में भारत धीरे-धीरे आत्मनिर्भर बनने और प्रगति करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, लिहाजा इन परिस्थितियों में ब्लू-कॉलर श्रमिकों के रोजगार एवं सशक्तिकरण से सम्बंधित चुनौतियों का तुरंत समाधान निकालना बेहद जरूरी है।
इस कमी को दूर करने के लिए, डिजिटल जॉब मैचिंग प्लेटफॉर्म, गुडवर्केर ने शिक्षा एवं व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण संस्था स्कूलनेट और विख्यात अभिनेता सोनू सूद के साथ मिलकर काम करने का फैसला लिया है। इस गठजोड़ के बाद 250 करोड़ रुपये के शुरुआती निवेश के साथ एक संयुक्त उपक्रम की स्थापना की जाएगी (~US$ 34M)।
इस टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म ने अच्छी नौकरियों के साथ-साथ अपस्किलिंग सेवाओं के माध्यम से करियर में प्रगति के अवसर, और इसके बाद वित्तीय, स्वास्थ्य देखभाल और सामाजिक सुरक्षा सेवाएं उपलब्ध कराते हुए 10 करोड़ भारतीयों तक पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
इस पहल से नौकरी देने वाले एंपलॉयर्स को प्रमाणित कुशल श्रमिकों को नौकरी देने तथा उन्हें नौकरी पर बरकरार रखने में भी मदद मिलेगी, जिसके परिणामस्वरूप उत्पादकता में वृद्धि होगी, मुनाफे में बढ़ोतरी होगी और कारोबार के संचालन को स्थायित्व मिलेगा।
यह प्लेटफॉर्म अफ्फिनिडी (Affinidi) द्वारा विकसित की गई विकेंद्रीकृत (डिसेंट्रलाइज्ड) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है, और आगे श्रमिकों तथा उनके परिवारों को डिजिटल पहचान और वेरीफाई करने योग्य क्रैडेंशियल्स प्रदान करेगा।
इस तरह उनके पास अपने डेटा पर अधिक नियंत्रण होगा, साथ ही उनके लिए रोजगार के अवसर बेहतर होंगे तथा जीवन को सशक्त बनाने वाली सेवाओं तक बेहतर पहुंच होगी। अफ्फिनिडी भी सिंगापुर इन्वेस्टमेंट कंपनी टेमासेक द्वारा स्थापित की गयी है।
प्रवासी रोजगार को सोनू सूद के साथ स्कूलनेट ने नौकरी चाहने वालों के लिए एक रोजगार पोर्टल के रूप में जुलाई 2020 को लॉन्च किया था, क्योंकि इस महामारी के दौरान लाखों लोगों, खास तौर पर प्रवासी लोगों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा।
सभी हितधारकों ने इस पहल की भरपूर सराहना की है, और लॉन्च के महज 4 महीनों के भीतर ही नौकरी की इच्छा रखने वाले 10 लाख लोगों तथा नौकरी देने वाले हज़ारों एंपलॉयर्स को प्लेटफॉर्म से जोड़ा जा चुका है। अब प्रवासी रोजगार ने गुडवर्केर के साथ साझेदारी करते हुए अपने दायरे को जॉब-मैचिंग से आगे विस्तृत किया है, जो प्रवासी लोगों तक पहुंच, शिक्षा, कौशल विकास तथा टेक्नोलॉजी की संयुक्त ताकत पर आधारित होगा।
इस कोर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आधारित स्ट्रेटजी सेंटर्स पूरे भारत में मौजूद हैं जिन्हें स्कूलनेट के फिजिकल नेटवर्क की सहायता प्राप्त है। अगले साल की शुरुआत में इस संयुक्त उपक्रम द्वारा अपने प्रोडक्ट से जुड़े प्रस्तावों को औपचारिक तौर पर प्रस्तुत किया जाएगा।
मुंबई में स्थित इन्वेस्टमेंट बैंकिंग फर्म एकम एडवाइज़र्स ने सभी भागीदारों को एकजुट करने और रणनीति तैयार करने में बेहद अहम भूमिका निभाई है ।
साझेदारी की घोषणा करते हुए, गुडवर्केर के बोर्ड के सदस्य, श्री प्रद्युम्ना अग्रवाल ने कहा, “गुडवर्केर द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली अत्याधुनिक तकनीक, भारत में विभिन्न व्यवसायों को योग्य एवं प्रतिभाशाली लोगों की तलाश में मदद करके उनके कारोबार को असरदार तरीके से बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगी, साथ ही नौकरी चाहने वाले लोगों के लिए भी डिजिटल उत्पादों एवं सेवाओं का दायरा बढ़ेगा तथा उन्हें अपने डेटा पर नियंत्रण रखने की अनुमति भी मिलेगी। कोविड-19 महामारी के इस दौर में डिजिटल माध्यमों के उपयोग में काफी तेजी आई है, और ऐसे में गुडवर्केर का निवेश भारत में टेक्नोलॉजी तथा डिजिटलाइजेशन के इस नए ट्रेंड के प्रति हमारे भरोसे को दर्शाता है।”
स्कूलनेट के बोर्ड के सदस्य, श्री आरसीएम रेड्डी और श्री केके इयर ने कहा, “स्कूलनेट शिक्षा एवं कौशल विकास संबंधी सेवाएं प्रदान करने में अग्रणी है, जो इस डोमेन में अपनी गहन जानकारी व अनुभव और बेहद शानदार ट्रैक-रिकॉर्ड के साथ 1 करोड़ से ज्यादा छात्रों, युवाओं और उद्यमों से जुड़ा हुआ है। इस प्रकार यह सशक्त ब्लू-कॉलर श्रमिकों के एक समुदाय के निर्माण के इस मिशन को हक़ीक़त में बदलने के लिए बिल्कुल उपयुक्त स्थिति में है।”
हाल के दिनों में प्रवासी श्रमिकों के लिए सोनू सूद की जन–कल्याण सेवाओं को बड़े पैमाने पर प्रशंसा मिली है, जिन्होंने इस अवसर पर कहा, “इस साझेदारी के बाद, मुझे लाखों युवाओं को रोजगार पाने तथा उनकी ज़िंदगी को बेहतर बनाने के अपने सपने को साकार करने में मदद मिलेगी। यह टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म वर्तमान में सामाजिक रूप से बेहद आवश्यक है और मैं खुशकिस्मत हूं कि मुझे इस प्लेटफार्म के साथ साझेदारी का अवसर मिला है, क्योंकि यह प्रवासी रोजगार के जन-कल्याण के प्रयासों को संस्थागत बनाने और इसे बड़े पैमाने पर लोगों तक पहुंचाने में मददगार है।”
उम्मीद है कि इस साझेदारी के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, रोजगार के अवसर पैदा करने तथा बड़े पैमाने पर टेक्नोलॉजी के उपयोग के जरिए समावेशी विकास को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार की पहल को और मजबूती मिलेगी।