- Over 50gw of solar installations in india are protected by socomec pv disconnect switches, driving sustainable growth
- Draft Karnataka Space Tech policy launched at Bengaluru Tech Summit
- एसर ने अहमदाबाद में अपने पहले मेगा स्टोर एसर प्लाज़ा की शुरूआत की
- Acer Opens Its First Mega Store, Acer Plaza, in Ahmedabad
- Few blockbusters in the last four or five years have been the worst films: Filmmaker R. Balki
गुलशन भी उनके जाते ही वीराना हो गया
इंदौर. नेहरू पार्क में अखंड संडे द्वारा आयोजित मुशायरे में कवियों ने गीत ग़ज़लों के माध्यम से अपने चहेते गीतकार स्व. नीरजजी को नम आँखों से भावभीनी श्रद्धांजलि दी.
नीरज जी के काफी करीबी रहे भोपाल से आए वरिष्ठ कवि सुशील गुरू ने अपनी भावनाओं को छंदों में पिरोकर व्यक्त किया. उनकी पंक्यिताँ – मुझे भूल जाना मत, दूरियाँ बढ़ाना मत, हीरा तो नहीं हूँ, पर हीरे के समान हूँ थक नहीं सकता मैं… गंगाजी का पानी हूँ, अविरल बहने वाली धारा का प्रमाण हूँ… ललित कला में एक ज्योति बिंदू का स्वरूप… कल्पना में डूबे चित्रकार की अजान हूँ… वायु सा चलायमान नभ के समान… मुक्त उनमुक्त मानस निराला का प्रणाम हूँ सुनाई.
मुकेश इन्दौरी ने उनको समर्पित अपनी $गज़ल – जब बेखुदी से होश का याराना हो गया, बन्दे खुदी को तोड़ मैं मस्ताना हो गया… जब चाहे मुफलिसी चली आती है मेरे घर… गुरबत से जैसे अपना तो याराना हो गया सुनाई. शाम बागौरा ने तुम्हारे गीत जीवन में रंग भरते हैं, रस भरते हैं / तुम्हारे गीतों में शहद सी मिठास है… सुनाक र श्रद्धांजली अर्पित की.
दिनेशचंद्र तिवारी ने – गीतों का वो प्रहरी कहाँ खो गया… ख़्वाब को ओढ़े कहाँ सो गया… सांसों का सफर खत्म हो गया… गीतों का प्रेमी वो अमर हो गया नीरज जी को समर्पित की.
मधुर मनोहर ने अपने गीत – मैं गीतों की रचना करता हूँ… तुम बैठो पास प्रिये… मेरे पतझर से जीवन में छा जाओ प्रिये… शब्दों में ढ़ालकर मैं तुम्हें एक नया जीवन दूँगा / मेरे भाव मेरी कल्पना तुम्हें समर्पण कर दूँगा… गीत के माध्यम से नीरज जी के प्रति अपने भावों को व्यक्त किया.
अशफाक हुसैन, देवीलाल गुर्जऱ, रामनाथ मालवीय, रमेश धवन, हरिलाल यादव जितेन्द्र सोलंकी, राहुल मिश्रा आदि ने भी सुहानी शाम को गुलज़ार किया. संचालन मुकेश इन्दौरी ने किया. आभार जितेन्द्र सोलंकी ने माना.