होलाष्टक : ये 8 दिन होते हैं बहुत अशुभ

डॉ श्रद्धा सोनी
वैदिक ज्योतिषाचार्य

इस वर्ष होलाष्टक 14 मार्च 2019, गुरुवार से प्रारंभ होगा, जो 21 मार्च 2019, गुरुवार को धुलण्डी के दिन समाप्त हो जाएगा अर्थात्‌ आठ दिनों का यह होलाष्टक दोष रहेगा। जिसमें सभी शुभ कार्य वर्जित है। माघ पूर्णिमा से होली की तैयारियां शुरू हो जाती है।

होलाष्टक आरंभ होते ही दो डंडों को स्थापित किया जाता है, इसमें एक होलिका का प्रतीक है और दूसरा प्रह्लाद से संबंधित है। ऐसा माना जाता है कि होलिका से पूर्व 8 दिन दाह-कर्म की तैयारी की जाती है। यह मृत्यु का सूचक है। इस दुःख के कारण होली के पूर्व 8 दिनों तक कोई भी शुभ कार्य नही होता है।

जब प्रह्लाद बच जाता है, उसी ख़ुशी में होली का त्योहार मनाते हैं। ग्रन्थों में उल्लेख मिलता है कि भगवान शिव की तपस्या को भंग करने के अपराध में कामदेव को शिव जी ने फाल्गुन की अष्टमी में भस्म कर दिया था। कामदेव की पत्नी रति ने उस समय क्षमा याचना की और शिव जी ने कामदेव को पुनः जीवित करने का आश्वासन दिया।

इसी खुशी में लोग रंग खेलते हैं। धार्मिक ग्रंथ और शास्त्रों के अनुसार होलाष्टक के दिनों में किए गए व्रत और किए गए दान से जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है और ईश्वर का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन वस्त्र, अनाज और अपने इच्छानुसार धन का दान करना चाहि

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