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इतिहास को सुनने से बेहतर है उसे देखना: रोहित शेलतकर
मानव सभ्यता की शुरूआत से ही भारत एक समृद्ध ऐतिहासिक मूल्यों का देश है, जो एक विरासत है। इतिहास के गौरवशाली युग के ख़ज़ाने में कई अन्य किस्से हैं, जो अब तक लोगों तक नहीं पहुंच सके हैं। भावना और शौर्य के किस्से प्राचीन मराठा योद्धाओं के पर्याय हैं, और इसके प्रति जागरुकता पैदा करने के लिए भारतीय पीरियड फिल्मों ने बमुश्किल ही इसे दर्शकों तक पहुंचाया है।
हाल के दिनों में, पीरियड ड्रामा ने बड़े पैमाने पर लोकप्रियता हासिल की है, जिस तरह दर्शक इन फिल्मों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे हैं, उससे लगता है कि उन्होंने अपने पूर्वजों के इतिहास को महसूस किया है और उन्हें इसके बारे में अधिक जानने की इच्छा रखते हैं।
विज़न वर्ल्ड फिल्म्स के सीईओ और पहली बार के निर्माता रोहित शेलतकर का भी मानना है कि इतिहास को सुनने से बेहतर है उसे देखना और अब वे जाने-माने निर्देशक आशुतोष गोवारीकर के साथ अपने समुदाय की इस कहानी को प्रस्तुत करने की तैयारी कर रहे हैं।
महाकाव्य में दर्ज निर्भीक मराठा योद्धाओं की यह कहानी, पानीपत – एक बड़ा विश्वासघात, के जरिए जीवंत होंगी। फिल्म की स्टार कास्ट में जीनत अमान, संजय दत्त, पद्मिनी कोल्हापुरे जैसे इंडस्ट्री के दिग्गज कलाकारों के साथ ही अर्जुन कपूर और कृति सेनन शामिल हैं। फिल्म 6 दिसंबर 2019 को रिलीज़ होगी।
विज़न वर्ल्ड फिल्म्स और एजीपीपीएल की साझेदारी ने ड्रामा, विज़ुअल अपील, रंग, स्टार कास्ट के साथ ही रोमांच पैदा करने के लिए जानने लायक महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराने के भी प्रयास किया हैं।
यह फिल्म वर्ष 1761 के परिदृश्य को दर्शाती है, जहां महान योद्धा, सदाशिव राव ने बिना किसी व्यक्तिगत लाभ के अफगानों के खिलाफ युद्ध में पूरे 1000 मील तक मराठा सेना का नेतृत्व किया था। यह ऐतिहासिक लड़ाई भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण पल है, और मराठी समुदाय से होने के नाते, कहानी को भारतीय दर्शकों के लिए बड़े पर्दे पर लाने के लिए, रोहित शेलतकर ने इसे व्यक्तिगत मिशन के रूप में लिया।
मराठा काल के किस्से बहादुरी, देशभक्ति, पराक्रम, निष्ठा और अनुशासन से भरे हुए हैं, लेकिन फिल्मों में इन्हें काफी कम प्रतिनिधित्व मिला है। यह फिल्म अति प्रतिभाशाली और मेहनती व्यक्तियों की टीम के रूप में जानी जाने वाली, आशुतोष और सुनीता गोवारीकर के प्रोडक्शन हाउस एजीपीपीएल द्वारा सह-निर्मित की जा रही है।
चूंकि फिल्म निर्माण की हर पहलू, रचनात्मकता और इस प्रोजेक्ट से जुड़े व्यापार पहली बार के निर्माता के लिए एक नया अनुभव था, उन्होंने फिल्म के लिए अपने जुनून को अपनाया, जिसने इस पूरे सफर में उनका मार्गदर्शन किया। उन्हें लगता है कि अगर मुनाफा कमाने से पहले लगन के साथ काम किया जाए, तो नतीजे हमेशा सकारात्मक होंगे।