- Anirudh Surya on his Role in Kanneda: "It Reminded Me of Mahesh Manjrekar in Kaante, but with a Lot More Play"
- Manushi Chhillar’s Wise Words on Passion, Perseverance, and Practicality
- शोबिज़ का सपना? मानुषी छिल्लर के समझदारी भरे विचार—जुनून, धैर्य और व्यावहारिकता पर जोर
- Viineet Kumar Siingh Dedicates His Big Win To Fans, Says 'This Award Belongs To Each and Every One of You'
- विनीत कुमार सिंह ने अपनी बड़ी जीत प्रशंसकों को समर्पित की, कहा – 'यह पुरस्कार आप सभी का है'
जोड़ो के दर्द की समस्या और ज्योतिष

डॉ श्रद्धा सोनी
वैदिक ज्योतिषाचार्य

वैसे तो हमारे स्वास्थ से जुडी कोई भी समस्या जीवन की गति को धीमा कर ही देती है पर जोड़ो के दर्द या जॉइंट्स पेन की समस्या हमारे जीवन में एक बोझ की तरह होती है जिससे जीवन ठहर सा जाता है घुटनो के दर्द की समस्या बहुत से लोगो के जीवन में एक बड़ी बाधा बनी रहती है तो बहुत से लोग कमर दर्द के कारण कितनी ही समस्याओं का सामना करते हैं तो आये देखते हैं कौनसे ग्रहयोग व्यक्ति को जोड़ो के दर्द की समस्या देते हैं.
“ज्योतिष की चिकित्सीय शाखा हमारे स्वास्थ और शारीरिक गतिविधियों को समझने तथा उनके निदान में अपनी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है ज्योतिष में “शनि” को हड्डियों के जोड़ या जॉइंट्स का कारक माना गया है हमारे शरीर में हड्डियों का नियंत्रक ग्रह तो सूर्य है पर हड्डियों के जोड़ों की स्थिति को “शनि” नियंत्रित करता है अतः हमारे शरीर में हड्डियों के जोड़ या जॉइंट्स की मजबूत या कमजोर स्थिति हमारी कुंडली में स्थित ‘शनि” के बल पर निर्भर करती है.
कुंडली में शनि पीड़ित स्थिति में होने पर व्यक्ति अक्सर जॉइंट्स पेन या जोड़ो के दर्द से परेशान रहता है और कुंडली में शनि पीड़ित होने पर ही घुटनो के दर्द, कमर दर्द, गर्दन के दर्द, रीढ़ की हड्डी की समस्या, कोहनी और कंधो के जॉइंट्स में दर्द के जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इसके अतिरिक्त कुंडली का “दसवा भाव” घुटनो का प्रतिनिधित्व करता है छटा भाव कमर का प्रतिनिधित्व करता है तीसरा भाव कन्धों का प्रतिनिधित्व करता है और सूर्य को हड्डियों और केल्सियम का कारक माना गया है.
अतः इन सबकी भी यहाँ सहायक भूमिका है परंतु जोड़ो के दर्द की समस्या में मुख्य भूमिका “शनि” की ही होती है क्योंकि शनि को हड्डियों के जोड़ो का नैसर्गिक कारक माना गया है और शनि हमारे शरीर में उपस्थित हड्डियों के सभी जॉइंट्स का प्रतिनिधित्व करता है अतः कुंडली में शनि पीड़ित होने पर ही व्यक्ति को दीर्घकालीन या निरन्तर जॉइंट्स पेन की समस्या बनी रहती है”
यदि शनि कुंडली में छटे या आठवे भाव में हो तो ऐसे में व्यक्ति को घुटनो, कमर आदि के जोड़ो के दर्द की समस्याएं होती हैं।
शनि यदि नीच राशि (मेष) में हो तो भी व्यक्ति जोड़ो के दर्द से समस्याग्रस्त रहता है।
शनि का केतु और मंगल के योग से पीड़ित होना भी जॉइंट्स पेन की समस्या देता है।
शनि यदि सूर्य से पूर्णअस्त हो तो भी जोड़ो के दर्द की समस्या रहती है।
शनि का अष्टमेश या षष्टेश के साथ होना भी जोड़ो में दर्द की समस्या देता है।
यदि कुंडली के दशम भाव में कोई पाप योग बन रहा हो या दशम भाव में कोई पाप ग्रह नीच राशि में हो तो भी घुटनो के दर्द की समस्या रहती है।
छटे भाव में पाप योग बनना कमर दर्द की समस्या देता है।
यदि कुंडली में शनि पीड़ित स्थिति में हो तो शनि की दशा में भी जॉइंट्स पेन की समस्या बनी रहती है।
वैसे तो प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली में ग्रहस्थिति भिन्न होने के कारण व्यक्तिगत रूप से प्रत्येक व्यक्ति के लिए उपाय भी भिन्न होते हैं परंतु यहाँ हम जॉइंट्स पेन के लिए कुछ सामान्य ज्योतिषीय उपाय बता रहें हैं जिन्हें प्रत्येक व्यक्ति कर सकता है –
शांत्यर्थ उपाय
ॐ शं शनैश्चराय नमः का नियमित जाप करें।
शनिवार को मन्दिर में पीपल पर सरसो के तेल का दिया जलाएं।
शनिवार को संध्याकाल में सरसो के तेल का परांठा कुत्ते को खिलाएं।
किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श के बाद शनि का कोई रत्न भी धारण कर सकते हैं पर किसी योग्य ज्योतिषी की सलाह के बिना शनि का कोई भी रत्न ना पहने।
आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
शुक्ल पक्ष के प्रथम शनिवार से आरंभ कर कम से कम तीन शनि सर से पैर तक काल धागा नापकर उसे जटा वाले नारियल पर लपेट सर से 11 बार मनोकामना बोलकर उतार बहते जल में प्रवाहित करें।
सप्त धान्य एवं काली वस्तुओ का दान करने से भी काफी फर्क पड़ता है।