एकजुटता का संदेश देने के लिए सासाकावा-इंडिया लेप्रोसी फाउंडेशन और ओरिएंटल यूनिवर्सिटी ने क्षेत्रीय यूथ फेस्टिवल का उद्घाटन किया, फेस्टिवल में विभिन्न पृष्ठभूमि के युवाओं ने भागीदारी की

सासाकावा – इंडिया लेप्रोसी फाउंडेशन (एस-आईएलएफ) राष्ट्रव्यापी शिविरों का आयोजन करता है ताकि युवाओं को कुष्ठ रोग के बारे में जागरूक बनाया जा सके और उन्हें कुष्ठ रोग के खिलाफ लड़ने के लिए प्रोत्साहित करते हुए महात्मा गांधी के ‘कुष्ठ मुक्त भारत’ के अधूरे एजेंडे को पूरा किया जा सके।

इंदौर, 17 अक्टूबर 2022 – ओरिएंटल यूनिवर्सिटी, इंदौर के सहयोग से सासाकावा-इंडिया लेप्रोसी फाउंडेशन (एस-आईएलएफ) ने कुष्ठ रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक क्षेत्रीय यूथ फेस्टिवल ‘यूथ अगेंस्ट लेप्रोसी’ का आयोजन करने जा रहा है। यूथ फेस्टिवल का आयोजन ओरिएंटल यूनिवर्सिटी कैम्पस, इंदौर में किया जाएगा। इससे पहले, एस-आईएलएफ ने दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में इस तरह के यूथ फेस्टिवल आयोजित किया है। यह आयोजन विभिन्न कुष्ठ कॉलोनियों तथा महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश राज्यों के विभिन्न कॉलेजों के युवाओं को एक मंच पर साथ लाएगा, जिनकी भावना भी एक रहेगी। इस तीन दिवसीय महोत्सव के दौरान, प्रतिभागी प्रदर्शन कलाओं के अंतर्गत कई रचनात्मक गतिविधियों के ज़रिये एक-दूसरे के करीब होंगे और आपसी बातचीत में शामिल होंगे।

एस-आईएलएफ का यूथ फेस्टिवल गैर-कुष्ठ पृष्ठभूमि (विभिन्न कॉलेजों/विश्वविद्यालयों के छात्र) के युवाओं को कुष्ठ कॉलोनियों के युवाओं के साथ घुलने-मिलने और बातचीत करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। इन संवादों का उद्देश्य कुष्ठ रोग के बारे में बने हुए मिथकों को तोड़ना और कॉलेज के युवाओं के बीच सामाजिक पुलों का निर्माण करना है। यूथ फेस्टिवल “हम बनाम वे” के विभाजन को समाप्त करने में मदद करता है।

कार्यक्रम में डॉ. विवेक लाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सासाकावा-इंडिया लेप्रोसी फाउंडेशन ने कहा कि कुष्ठ रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के अभियानों के बावजूद, समुदाय में कई मिथक और गलत धारणाएं प्रचलित हैं जो कलंक और भेदभाव का कारण बनती हैं। रोग के बारे में महत्वपूर्ण संदेश फैलाने में युवा पीढ़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है और समाज में यह प्रसारित कर सकती है कि कुष्ठ रोग एक जीवाणु के कारण होता है; यह रोग इलाज योग्य है और इसका इलाज मुफ्त में उपलब्ध है। एस-आईएलएफ में हमारा दृढ़ विश्वास है कि ऐसे सकारात्मक संदेश से कलंक समाप्त होगा और एक अधिक समावेशी समाज बनाने में मदद मिलेगी। दुनिया में कुष्ठ रोग के सबसे अधिक नए मामले भारत में पाए गए हैं। आइए, हम सब हाथ मिलाएं और कुष्ठ से प्रभावित व्यक्तियों के सामाजिक-आर्थिक पुनर्वास के लिए काम करें और महात्मा गांधी के ‘कुष्ठ मुक्त भारत’ के सपने को पूरा करने के लिए कलंक और भेदभाव से निपटने में मदद करें।’’

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर (डॉ.) सुनील सोमानी, वाइस चांसलर, ओरिएंटल यूनिवर्सिटी ने पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया और सभी लोगों से इस उद्देश्य का समर्थन करने का आग्रह किया।

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