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जीणधाम पर मंगलपाठ, दो लाख मोतियों से सजा मैया का दरबार
इंदौर। ग्रेटर बृजेश्वरी, आशीर्वाद आंगन स्थित जीणधाम आज दोपहर गुलाब, मोगरा, जूही और अन्य फूलों की सुगंध से महक उठा। जीणमाता के भक्तों ने मातारानी को बड़े श्रद्धाभाव से दो क्विंटल फूलों से बने 50 वर्गफीट के पुष्पबंगले एवं 2 लाख मोतियों से श्रृंगारित मंदिर में विराजित किया।
माता रानी को गजरा और चुनरी समर्पण के साथ कोलकाता के प्रख्यात भजन गायक सौरभ-मधुकर ने मंगल पाठ का वाचन प्रारंभ किया। दूरदराज से आए हजारों भक्तों ने परंपरागत परिधान में बैठकर और नाचते-गाते हुए मां की आराधना की।
संध्या को भक्तों ने महाआरती में सैकड़ों दीपों को एक-दूसरे से साझा करते हुए देश में सुख-शांति और समृद्धि की प्रार्थना भी की। सुसज्जित विशाल मंच पर मातारानी के लिए छप्पन भोग भी सजाया गया।
महोत्सव का शुभारंभ दोपहर को मंडल पूजन एवं दुर्गा सप्तशती पाठ के साथ कोलकाता से आए भजन गायक सौरभ-मधुकर ने किया। इस दौरान मातारानी के मनोहारी मारवाड़ी एवं राजस्थानी भजनों का जादू भी देखने को मिला जब लाल चुनरी में सजी महिलाएं और परंपरागत परिधान में आए पुरूष भी खुद को थिरकने से रोक नहीं सके।
भजन गायकों ने अपने भजनों से पूरे आशीर्वाद आंगन को झूमने-नाचने पर बाध्य कर दिया। आयोजन समिति की ओर से हरिओम-रीना अग्रवाल, गोपाल मित्तल शकरवाले, विशाल देशपांडे, मुकेश खंडेलवाल महू, सुनील गर्ग, विनोद अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल बैकुंठधाम एवं अजय उपाध्याय आदि ने सभी भजन गायकों एवं माता भक्तों का स्वागत किया।
संध्या को सुश्री रूचि बंसल एवं उनकी टीम द्वारा दो लाख मोतियों से मातारानी के दरबार एवं समूचे परिसर का श्रृंगार इतना मनोहारी और अनुपम था कि देखने वालों की नजरें जमी रही। सैकड़ों मोबाइल इस श्रृंगार की तस्वीरें कैद करने में लगे रहे। आरती क पूर्व मातारानी को गजरे और चुनरी की भेंट चढ़ाते ही समूचा परिसर मातारानी के जयघोष से गूंज उठा।
इस अवसर पर मातारानी को छप्पन भोग भी समर्पित किए गए। संध्या को श्रृंगार दर्शन शुरू होते ही भक्तों की कतारें लग गई। देर रात तक आशीर्वाद आंगन पर भक्तों का मेला जुटा रहा। जीण माता के साथ मां वैष्णोदेवी सहित समूचे परिसर का श्रृंगार भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा।