कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में मोरपेन लैब्स ने भारतीय बाजारों में इंफ्रारेड थर्मामीटर, हैंड सैनिटाइजर और फेस मास्क लॉन्च किए

कंपनी को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) दवा बनाने का लाइसेंस मिला

नई दिल्ली.  मोरपैन लैबोरेटरीज लिमिटेड ने नोवल कोरोना वायरस संक्रमण (जो कोविड-19 के नाम से लोकप्रिय है) के खिलाफ जंग में अग्रिम मोर्चे पर लड़ने की पूरी तैयारी कर ली है। कंपनी ने कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से निपटने के लिए कई आवश्यक प्रॉडक्ट्स की विस्तृत रेंज भारतीय बाजारों में लॉन्च की है। इसमें नॉन कॉन्टेक्ट इंफ्रारेड थर्मामीटर, अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर, हैंड वॉश, हैंड रब्स और फेस मास्क शामिल हैं। इन सभी प्रॉडक्ट्स की लॉन्चिंग डॉ. मोरपेन के अंब्रेला ब्रैंड के तहत की गई है।

कंपनी को हिमाचल प्रदेश के बद्दी प्लांट में प्रदेश के स्टेट ड्रग कंट्रोलर से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) दवा बनाने का लाइसेंस पिछले हफ्ते ही मिला है। कंपनी अब इस दवा का एपीआई और टैबलेट की फॉर्म में व्यावसायिक उत्पादन करने की दिशा में काम कर रही है। HCQ दवाएक डॉक्टरों की सलाह पर दी  जाने वाली दवा है और यह कोरोना बीमारी से पीड़ित मरीजों के इलाज में दी जा रही है।

भारत अमेरिका समेत पूरी दुनिया में HCQ दवा की सप्लाई में सबसे आगे रहा है।भारत HCQ दवा का सबसे बड़ा निर्माता है और वह इस संकट की घड़ी में  दुनिया का नेतृत्व करने की अपनी स्थिति को बरकरार रखे हुए हैं।

मोरपैन लैबोरेटरीज के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री सुशील सूरी ने कहा, कोरोना वायरस का संक्रमण काफी तेजी से हमारे देश की हर गली और नुक्कड़ में फैल रहा है। इसी वजह से हम सभी आवश्यक वस्तुओं और दवाओं की नियमित सप्लाई बरकरार रखने की दिशा में काम कर रहे हैं।हम इस संकट के समय में भी जरूरी दवाओं और मेडिकल उपकरण की मांग को पूरा करने की दिशा में जुटे हैं। कोरोना वायरस से लड़ने में हम भारत सरकार और सभी उपभोक्ताओं की मदद के लिए पूरे उत्साह और प्रतिबद्धता से अग्रसर हैं।

नॉन कॉन्टेक्ट इंफ्रारेड थर्मामीटर में किसी व्यक्ति के शरीर का तापमान बिना उसे छुए एक निश्चित दूरी से मापा जा सकता है। इन थर्मामीटर से किसी भी पब्लिक प्लेस, जैसे होटल, एयरपोर्ट, फैक्ट्री, ऑफिस या किसी धार्मिक स्थान में प्रवेश करते हुए व्यक्ति के माथे का तापमान 1 सेंटीमीटर से लेकर 5 सेंटीमीटर तक दूरी से मापा जा सकता है।

कोरोना से संक्रमित व्यक्तियों की पहचान के लिए इसका प्रयोग दुनिया भर में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। ये बैटरी से चलते हैं, आराम से इसे हाथ में पकड़ा जा सकता है। इसे इस्तेमाल करने के लिए किसी प्रशिक्षित टेक्नीशियन की जरूरत नहीं पड़ती। 

 कंपनी ने अपने ब्रैंड डॉ. मोरपेन प्रोटेक्ट के तहत अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर्स, हैंड वॉश, हैंड रब्स और फेस मास्क की रेंज का विस्तार किया है। कंपनी भारत सरकार की ओर से स्वीकृत फॉर्म्युले के तहत 70 फीसदी आइसोप्रॉपिल अल्कोहल के साथ सैनिटाइजर्स बना रही है। कंपनी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के स्वीकृत फॉर्म्युले के तहत 83 फीसदी इथाइल अल्कोहल के साथ एक और हैंड सैनिटाइजर भी लॉन्च किया है।

इसके अलावा कंपनी की ओर से बनाए गए हैंड सैनिटाइजर्स और हैंड रब प्रॉडक्ट्स में एलोवेरा जैसे मॉश्चराइजर मौजूद हैं। अगर इन्हें दिन में कई बार इस्तेमाल किया जाए तो यह हाथों को रूखा होने से बचाते हैं। डॉ. मोरपेन के पास हैंडसैनिटाइजर की विशाल रेंज मौजूद हैं, जो आम पब्लिक, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, अस्पतालों और सरकारी संस्थाओं में अलग-अलग पैक और साइज में उपलब्ध कराया जा रहा है।

ये हैंड सैनिटाइजर 100 ML, 200ML, 500ML, 1000 ML और 5 लीटर के बल्क पैक में उपलब्ध हैं। कंपनी ने सैनिटाइजर्स का उत्पादन बढ़ाया है और अब तक 20 लाख यूनिट हैंड सैनिटाइजर की सप्लाई की जा चुकी है। हाल ही में जारीनोटिफिकेशन के अनुसार डॉ. मोरपैन हैंड सैनिटाइजर की 200 ML की बोतल की बिक्री सरकार की ओर से तय किए गए 100 रुपये की फिक्स एमआरपी पर हो रही है।

डॉ. मोरपेन के 2 प्लाई और 3 प्लाई फेस मास्क पांच (5) और पचास (50) के पैक में ऑफर किए जा रहे हैं। हाल ही में कोरोना वायरस के फैलते प्रकोप के कारण देश के हर भाग मॆं फेस मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रखना बहुत जरूरी हो गया है।

हर राज्य के सबसे अधिक कोरोना प्रभावित इलाकों या हॉटस्पॉट्स में फेस मास्क का पहनना सरकार द्वारा अनिवार्य कर दिया गया है। सरकार ने 3 प्लाई मास्क के लिए 10 रुपये मूल्य तय किया है और कंपनी इसी कीमत पर अपना 3 प्लाई मास्क बेच रही है।

कंपनी की ओर से सप्लाई किए गए प्रॉडक्ट्स सभी मार्केटिंग सेगमेंट्स और फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसे ऑनलाइन चैनलों पर काफी लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं। देश के सभी क्षेत्रों में कंपनी के यह प्रॉडक्ट्स उपलब्ध है। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में कंपनी के सभी प्रॉडक्ट्स प्राइवेट और सरकारी संस्थाओं को सप्लाई किए जा रहे हैं।

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