शो के ट्रेलर से प्रेरित हुईं नीना गुप्ता, पिता को याद करके छलक पड़ीं आंखें

ज़ी टीवी के शो कुर्बान हुआका दिल छू लेने वाला प्रोमो देखने के बाद इस मशहूर एक्टर ने सोशल मीडिया पर उस इंसान के बारे में बताया, जिसने उनके लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

ज़ी टीवी का अगला प्राइमटाइम शो ‘कुर्बान हुआ‘,एक इंटेंस ड्रामा है,जिसमें ज़ुनून से भरे दो लोगों – नील और चाहत की कहानी है,जिनकी पृष्ठभूमि और संस्कृति पूरी तरह जुदा हैं। लेकिन इसके बावजूद उन दोनों में एक बात समान है -दोनों ही प्यार के लिए बगावत करते हैं और अपने-अपने परिवारों के लिए अपना सबकुछ कुर्बान करने को तैयार हैं।

वो दोनों बिना पलकें झपकाएअपनी जिंदगी के सबसे खास और सबसे करीबी रिश्ते को छोड़कर एक दूसरे से शादी के बंधन में बंधते हैं। इन दोनों के बीच प्यार का नामोनिशान तक नहीं है, जो कि किसी भी शादी का आधार होता है। जहां नील अपनी बहन की मौत का बदला लेने की आग में जल रहा है, वहीं चाहत अपने अब्बू को निर्दोष साबित करने की जिद पर अड़ी है क्योंकि उसे यकीन है कि नील की बहन की मौत में उसके अब्बू का कोई हाथ नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि ये दोनों अपने-अपने परिवार के प्यार और सम्मान के लिए किस हद तक जाएंगे?

ज़ी टीवीके कुर्बान हुआ के प्रोमोज़ने न सिर्फ सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है बल्कि इस शो की खूबसूरती से लिखी गई लाइन- जब परिवार पर हो वार, इंसान करे हर हद पार, ने भी एक ऐसी मशहूर अदाकारा का ध्यान अपनी ओर खींचा है, जोअपनी जिंदगी के साहसिक फैसलों,अपने बेशुमार टैलेंट और कभी हार न मानने वाले हौसले के साथ लाखों महिलाओं की रोल मॉडल हैं।

इस शो के ‘वॉरियर्स फॉर लव’ के विचार से प्रेरित होकर मशहूर एक्ट्रेस नीना गुप्ता ने एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने बताया कि उनके अपने वॉरियर्स फॉर लव यानी उनके पिता रूपनारायण गुप्ता ने कैसे अपनी जिंदगी का हर पल अपने परिवार की खुशी के लिए जिया।

नीना गुप्ता ने अपने उन दिनों को याद किया जब वो एक ऐसे इंसान की बेटी थी जिन्होंने अपने परिवार को सबसे पहले रखा। नीना गुप्ता सही मायनों में नील और चाहत की भावनाओं से जुड़ गईं, जिसमें वो अपने परिवार के प्यार और सम्मान के लिए हर हद पार करने को तैयार हैं।

इस वीडियो मैसेज के साथ नीना ने अपने फैंस के लिए एक नोट भी लिखा, “मैंने टीवी पर एक नई काव्यात्मक लाइन सुनी-‘जब परिवार पर होवार, इंसान करेहर हद पार।’ यह लाइन सुनने में जितनी साधारण लगती है, यह हम सभी लोगों के लिए उतनी ही सच है। यह मुझे किसी की याद दिलाती है, जिसने मेरे लिए सबकुछ पीछे छोड़ दिया। वो इंसान कोई और नहीं बल्कि मेरे अपने पिता थे।”

एक एक्टर के रूप में अपने सफर के बीच अपनी बेटी मसाबा की सिंगल पैरेंट की भूमिका निभाने वाली नीना बताती हैं, “उन्होंने हर अच्छे बुरे वक्त में मेरा साथ दिया। हम बहुत करीब थे लेकिन हमारी विचारधाराएं और महत्वाकांक्षाअलग-अलग थीं। मैं अपने करियर को लेकर बहुत गंभीर थी और उन्होंने मेरे लिए हमेशा अपने सपनों को कुर्बान किया।

उन्होंने मेरी बेटी, मेरे घर का ख्याल रखा और आर्थिक परेशानियों में मेरा साथ दिया और सबकुछ मुस्कुराते हुए गुजार दिया। जब भी दुनिया ने मुझे दरकिनार किया मेरे पिता ने मेरे साथ खड़े रहकर मुझे मजबूती से संभाला। हमारी उम्र में अंतर था लेकिन वो हमेशा हमारे करीब रहकर इस अंतर को पाटने की कोशिश करते रहे और हमेशा हमें सुरक्षित और आराम से रखा।”

उन्होंने एक कविता के जरिए एक परिवार के महत्व पर अपने विचार रखते हुए लिखा-‘प्यार से परिवार है और परिवार से ही प्यार है… साथ मिले जब जहां दो,हों मुस्कुराते पल हजार।’ उन्होंने अंत में लिखा,”वे (मिस्टर गुप्ता) आज हमारे साथ व्यक्तिगत रूप से नहीं है, लेकिन वो हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे। मैं भी अपनी बेटी के सपनों को पूरा करने के लिए उसका साथ दूंगी और सबकुछ त्याग दूंगी। आज मुझे यह कहते हुए गर्व होता है कि मैं भी प्यार की योद्धा हूं और मैं भी अपने पिता की तरह अपनी बेटी के लिए हर वक्त खड़ी रहूंगी।”

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