राज्य शासन प्रदेश में कुपोषण मिटाने के लिये कृत संकल्पित: सिलावट

कार्यक्रम को मुख्यमंत्री ने वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिये किया संबोधित

इंदौर. रवीन्द्र नाट्य गृह में आज महिला एवं बाल विकास द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि राज्य शासन प्रदेश में कुपोषण मिटाने के लिये कृत संकल्पित हैं, जिसके लिये विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य शासन द्वारा पोषण प्रबंधन नीति तैयार की गई है।

प्रदेश के अतिकुपोषित बच्चों को सुगंधित दूध दिया जा रहा है। प्रदेश में एक लाख दस हजार लाडली लक्ष्मियों को छात्रवृत्ति शुरु कर दी गई है। डिंडोरी जिले के तेजस्विनी स्वसहायता समूह द्वारा कोदो से निर्मित बर्फी आंगनवाड़ी केन्द्रों को सप्लाई की जा रही है। प्रदेश में इस साल 601 नए आंगनवाड़ी केन्द्र बनाये गये हैं। इस अवसर पर कमिश्नर डॉ. पवन कुमार शर्मा विशेष रुप से मौजूद थे।

कार्यक्रम को भोपाल से वीडियो काफ्रेंसिंग के जरिये मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने भी संबोधित किया। उन्होंने पोषण महिलाओं से अपने बच्चों का टीकाकरण करवाने और बच्चों को पौष्टिक आहार देने की अपील की। उन्होंने ग्वालियर की पूजा, बड़वानी की राधाबाई और डिंडोरी की तेजस्विनी महिला स्वसहायता समूह के सदस्यों से चर्चा की और उनको प्रोत्साहित किया। मनोबल बढ़ाया तथा कुशलक्षेम जाना।

इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कविता पाटीदार ने कहा कि राज्य सरकार गरीबों, मजदूरों, दिव्यांगों, महिलाओं और बच्चों पर विशेष ध्यान दे रही है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने भी कहा था कि सरकारों को समाज के सबसे कमजोर वर्ग पर विशेष ध्यान देना चाहिए। अर्थात् अंत्योदय ही हमारी सरकार का मूल लक्ष्य है। हमें कमजोर वर्ग को राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास करना है।

इस अवसर पर कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने कहा कि जिले में कुपोषण मिटाने के विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। स्वसहायता समूहों को आंगनवाड़ी केन्द्रों से संबद्ध किया गया है। आंगनवाड़ी केन्द्रों में नियमित रुप से पोषण आहार वितरित किया जा रहा है। कुपोषण मिटाने का दायित्व आंगनवाड़ी केन्द्रों को दिया गया है।

कार्यक्रम को संबंधित करते हुये जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी डॉ. सी.एल. पासी ने कहा कि इस कार्यक्रम में मातृवंदना और लाडली लक्ष्मी योजना के प्रमाण-पत्र वितरित किये जा रहे हैं। महिला एवं बाल विकास का मुख्य उद्देश्य शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर में कमी लाना है तथा बच्चों में कुपोषण मिटाना हैं।

नवजात शिशुओं में प्रथम एक हजार दिन अत्यंत महत्वपूर्ण और संवेदनशील होते हैं। नवजात शिशुओं को छ: माह तक माता का दूध पिलाना जरुरी है। उसके बाद बच्चों को माँ के दूध के साथ ठोस पूरक आहार दिया जाना जरुरी है। महिला एवं बाल विकास द्वारा जिले में 1 हजार 273 आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से कुपोषण मिटाने का प्रयास किया जा रहा है।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री तुलसीराम सिलावट, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कविता पाटीदार, कलेक्टर श्री मनीष सिंह और सीईओ जिला पंचायत श्री हिमांशु चंद्र द्वारा अनामिका, अनादिया, राधा, शालवी, साक्षी, दृष्टि, डिंपी, याशिका आदि को प्रतिकात्मक तौर पर लाडली लक्ष्मी योजना के प्रमाण-पत्र वितरित किये गये। इस अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा शाहनाज, खुशबू और कान्हा को प्रतीकात्मक तौर पर मातृवंदना योजना के प्रमाण-पत्र वितरित किये। इस अवसर पर बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे और विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

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