- टास्कअस ने हर महीने 250 से ज़्यादा नए स्टाफ को नियुक्त करने की योजना के साथ इंदौर में तेजी से विस्तार शुरू किया
- Capture Every Live Moment: OPPO Reno13 Series Launched in India with New MediaTek Dimensity 8350 Chipset and AI-Ready Cameras
- OPPO India ने नए AI फीचर्स के साथ पेश की Reno13 सीरीज़
- इंदौर एनिमल लिबरेशन की पहल: जानवरों के अधिकारों का हो समर्थन
- सपनों को साकार करने का मंच बन रहा है ‘प्लास्ट पैक 2025’
बच्चों को बाल्यावस्था से ही कथा में ले जाएं ताकि उन्हें संस्कार मिले
तिलक नगर में जया किशोरी जी के मुखारविंद से नानीबाई रो मायरो का भव्य आयोजन
इंदौर । प्रख्यात प्रवचन कार जया किशोरी जी ने इंदौर के श्रद्धालुओं से कहा है कि अपने घर के बच्चों को अपने साथ कथा में अवश्य लेकर जाएं। कथा में आने से बच्चों को संस्कार मिलते हैं और यह संस्कार उनके लिए जीवन भर काम आते हैं ।
जया किशोरी जी आज से तिलक नगर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के मैदान में श्री गीता रामेश्वर परमार्थिक न्यास के द्वारा आयोजित किए गए नानी बाई रो मायरो की कथा में श्रद्धालुओं को कथा का श्रवण करवा रही थी । अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल तथा उनके परिवार के सदस्यों के द्वारा आयोजित की गई इस कथा के प्रारंभ में पटेल के द्वारा श्री गणेश पूजन किया गया । इसके बाद जब जया किशोरी जी आयोजन स्थल पर पहुंच गई तो श्री पटेल की माताजी गीता पटेल व परिवार के सदस्यों ने व्यासपीठ का पूजन किया ।
इस कथा में कथा के प्रसंग सुनाने के साथ ही साथ वर्तमान हालात की भी जया किशोरी जी ने चर्चा की । उन्होंने कहा कि पहले के समय पर दादी अपने साथ अपने घर के बच्चों को मंदिर , कथा में लेकर जाती थी । अब माता अपने साथ बच्चों को मूवी, माल और मेला में लेकर जाती हैं । जब यह माताएं किसी कथा अथवा धार्मिक आयोजन में जाने के लिए तैयार हो रही होती हैं और उस समय उनके साथ जाने वाले आते हैं तब यह पूछते हैं कि बच्चा तो अभी तक तैयार नहीं हुआ ? तो माता स्वयं ही कह देती है कि यह वहां जाकर क्या करेगा ? बोर हो जाएगा । जिस बच्चे ने जीवन में कभी कथा नहीं सुनी, उसे कथा सुनने से पहले ही उससे दूर कर दिया जाता है । उसे जीवन भर के लिए यह संदेश दे दिया जाता है कि कथा सुनने जाना मतलब बोर होना है । इसके बाद हम कहते हैं कि नई पीढ़ी अच्छी नहीं है । इस पीढ़ी को संस्कार देने में हम चूक कर रहे हैं । बच्चों को बाल्यावस्था में ही संस्कार देने के लिए मंदिर और कथा में लेकर जाएं । हम यह समझते हैं कि बच्चे को समझदार होने के बाद समझा देंगे लेकिन जब बच्चा समझदार होता है तो फिर वह आप को समझदार नहीं समझता है ।
उन्होंने कहा कि जो गुजरात आज भक्ति का मुकुट है, उस गुजरात में एक समय ऐसा था जब यदि कोई व्यक्ति अपने सिर पर तिलक भी लगा लेता तो उसे पूरे गांव वाले गांव से निकालने में लग जाते थे । इस गुजरात में नरसी मेहता ने भक्ति का बीजारोपण किया । जूनागढ़ के नागर ब्राह्मण परिवार में जन्मे नरसी मेहता बचपन से गूंगे बहरे थे । बाल्यावस्था में जब बीमारी – महामारी फैली तो उनके माता-पिता का भी स्वर्गवास हो गया । वे दादी के साथ रहते थे । दादी के साथ शिवरात्रि के दिन मंदिर गए और वहां दादी को एक नए महाराज नजर आए । दादी तत्काल नए महाराज का आशीर्वाद दिलाने के लिए नरसी मेहता को ले गई और वहां उन महाराज के आशीर्वाद से उनकी आवाज आ गई ।
जया किशोरी जी ने कहा कि वैसे भी नए महाराज का चाव ज्यादा होता है । इस समय तो चमत्कार को नमस्कार करने का समय चल रहा है । इस समय जो नई पीढ़ी है उसे भगवान के माता-पिता, भाई बंधुओं और कथा का पता नहीं है । यदि यही स्थिति रही तो शायद आने वाले समय में उन्हें भगवान का नाम भी मालूम नहीं होगा । भगवान की कहानी हमेशा जिंदगी की सीख देती है । छोटी उम्र में भगवान की पूजा करने वालों को भगवान मिल जाते हैं । मीराबाई ने छोटी उम्र में ही भगवान की भक्ति शुरू कर दी थी । आजकल घरों में होने वाले क्लेश की चर्चा करते हुए जया किशोरी जी ने कहा कि हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि यदि दो बहू लाना है तो 1 तेज लाओ तो दूसरी को धीमी ले आओ । यदि एक ही बहू लाना है तो बेटा तेज है तो बहु शांति वाली लाओ और बेटा धीमा है तो बहुत तेज लाओ । ऐसा नहीं करोगे तो घर में रोज पटाखे फूटेंगे और दिवाली मनती रहेगी ।
उन्होंने कहा कि आजकल घरों में बहू के काम में मीन मेक निकालते हुए कहा जाता है की मां ने सिखाया नहीं क्या ? तो हमें समझना चाहिए कि वह मां के घर से आइए किसी ट्यूशन सेंटर से नहीं । वह बहू अपनी मां के उस घर से आई है जहां पर की सुबह उठने के बाद उससे पूछा जाता था कि खाने में क्या खाएगी ? आज वह सुबह सबसे पूछती है कि खाने में क्या बनाऊं ? बुजुर्गों को शिक्षा देते हुए जया किशोरी जी ने कहा कि जब उम्र बढ़ने लगे तो अपनी इच्छा को कम करना शुरू कर दो । इच्छा केवल यह करो कि भगवान मिल जाएं।
इस आयोजन के प्रारंभ में वाल्मीकि समाज के प्रमुख महामण्डलेश्वर उमेश नाथ जी महाराज ने व्यासपीठ का पूजन किया । कथा के शुभारंभ के अवसर पर व्यासपीठ की आरती करने के लिए मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष अर्चना जायसवाल, पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल, शैलेश गर्ग, हेमंत पाल, सीमा सोलंकी, सावित्री चौधरी, अंकित दुबे, अमन बजाज, गौरव पटेल , चेतन चौधरी, राहुल पटेल मौजूद थे, इन सभी ने आरती की ।