ज्वालाजी की अखंड लौ की ज्योत इंदौर के दिव्य शक्ति पीठ में स्थापित की जाएगी, ज्योत के दर्शन से लाभांवित होंगे इंदौर के भक्त।

इंदौर, एम.आर 10 रोड स्थित रेडिसन होटल के पास, शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित प्रमुख शक्तिपीठ ज्वालाजी की प्रज्वलित अखंड लौ की ज्योत स्थापित की जाएगी। यह ज्योत हमेशा जलती रहेगी, जिससे इंदौर के भक्तों को माता के दर्शन का लाभ मिलेगा। यह विशेष व्यवस्था उन भक्तों के लिए होगी, जो ज्वालाजी के मंदिर तक नहीं पहुँच सकते।

दिव्य शक्ति पीठ इंदौर की प्रमुख डॉ दिव्या गुप्ता ने बताया की 40 प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों का जत्था 1 अक्टूबर को ज्वालाजी से अखंड लौ की ज्योत लेकर निकलेंगे और 3 अक्टूबर को इंदौर आएंगे। इस विशेष अवसर पर सत्य साईं चौराहे से दिव्य शक्ति पीठ तक भव्य शोभा यात्रा का आयोजन किया जाएगा। इसमें भक्त पीतांबर वस्त्र के साथ पारम्परिक वेशभूषा के साथ बड़ी संख्या शामिल होगी, जो अपने श्रद्धा भाव के साथ इस यात्रा में भाग लेंगे।

ज्वालाजी के अखंड लौ की महिमा

ज्वाला देवी का मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है और यहां सदियों से माता रानी की जोत जलती आ रही है। इस अद्भुत ज्योत के जलने की विशेषता यह है कि यह बिना तेल और बाती के प्रज्वलित होती है। इस कारण इसे नगरकोट, चमत्कारी और जोता वाली का मंदिर भी कहा जाता है।

ज्वाला देवी के मंदिर में 9 ज्वालाएं जलती हैं, जो मां भगवती के 9 स्वरूपों का प्रतीक मानी जाती हैं। भक्तों का विश्वास है कि यहां की ज्योत में अपार शक्ति है, जो भक्ति और श्रद्धा से जुड़ी हुई है।

पौराणिक कथा का महत्व

इस अद्भुत ज्योत के जलने के पीछे एक पौराणिक कथा है। कहा जाता है कि जब मां सती के अंग गिर रहे थे, तब उनकी जीभ इसी स्थान पर गिरी थी। बाबा गोरखनाथ, जो ज्वाला देवी के बड़े भक्त थे, ने एक दिन मां से कहा कि वे भीक्षा मांगने जा रहे हैं, तब तक मां पानी गर्म कर लें। लेकिन गोरखनाथ लौटकर नहीं आए, जिससे मां ने ज्वाला को प्रज्वलित कर दिया। इस कथा के माध्यम से भक्तों को यह संदेश मिलता है कि मां की भक्ति में कोई कमी नहीं आनी चाहिए।

भक्तों के लिए एक विशेष अवसर

इंदौर के भक्तों के लिए यह एक अनूठा अवसर होगा, जब वे ज्वालाजी की अखंड लौ की ज्योत के दर्शन कर सकेंगे। यह कदम न केवल स्थानीय भक्तों को धार्मिक संतोष देगा, बल्कि यह संस्कृति और श्रद्धा का एक नया अध्याय भी खोलेगा।

इस प्रकार, यह आयोजन ज्वाला देवी की कृपा और आशीर्वाद का प्रतीक बनेगा, जिससे भक्तों में आस्था और विश्वास और भी मजबूत होगा। भक्तों के लिए यह एक नई शुरुआत होगी, जहां वे ज्वाला देवी की अनुकंपा का अनुभव कर सकेंगे।

ज्वालाजी की अखंड लौ की ज्योत का इंदौर में स्थापित होना, न केवल भक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह सभी भक्तों को एक साथ लाने और सांस्कृतिक धरोहर को संजोने का भी एक प्रयास है।

इस कार्यक्रम के माध्यम से, इंदौर में एक नई धार्मिक जागरूकता का संचार होगा, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

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