- Tollywood’s Queen Seerat Kapoor All Set to Bring Timeless Elegance At The Runway As Showstopper For Hyderabad Times Fashion Week
- कार्तिक आर्यन के साथ दिखी मिस्ट्री गर्ल- क्या ये है नए प्यार की शुरुआत?
- Kartik Aaryan Spotted with Mysterious Girl—Is It Love?
- Global star Ram Charan starrer Game Changer's 3rd single 'Janaa Hairaan Sa' wins audience's hearts! Thaman-backed musical is the melody of the year!
- राहुल देव ये साबित करते हैं उम्र बढ़ने काे उलटना वास्तविक है
19 मई दिन शुक्रवार को ज्येष्ठ अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा।
डॉ श्रद्धा सोनी, वैदिक ज्योतिष आचार्य, रतन विशेषज्ञ, वास्तु एक्सपर्ट
शास्त्रों में सभी अमावस्याओं में ज्येष्ठ अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान कर जप-तप व दान आदि धार्मिक कार्य किए जाते हैं। ज्येष्ठ अमावस्या पितरों की शांति के लिए पिंड दान, तर्पण और भोजन कराने के लिए शुभ माना गया है। इस दिन शनि जयंती और वट सावित्री का व्रत भी रखा जाएगा। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु, शनिदेव और बरगद के पेड़ की पूजा करने का विधान है।
आइए जानते हैं ज्येष्ठ अमावस्या का महत्व, पूजा विधि, मुहूर्त….
ज्येष्ठ अमावस्या की शुरुआत – 18 मई, रात 9 बजकर 42 मिनट से
ज्येष्ठ अमावस्या का समापन – 19 मई, रात 9 बजकर 22 मिनट पर
अमावस्या तिथि स्नान मुहूर्त – 19 मई, सुबह 4 बजकर 59 मिनट से 5 बजकर 15 मिनट तक
शनिदेव पूजा मुहूर्त – 19 मई, शाम 6 बजकर 42 मिनट से रात 7 बजकर 3 मिनट तक
वट सावित्री पूजा मुहूर्त – 19 मई, सुबह 5 बजकर 43 मिनट से सुबह 8 बजकर 58 मिनट तक
ज्येष्ठ अमावस्या पूजा मंत्र (Jyeshtha Amavasya 2023 Puja Mantra)
ॐ शं शनैश्चराय नमः
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं शनैश्चराय नमः
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः
ॐ नमः शिवाय
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं श्रीं नमः
ॐ नमो नारायणाय
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न:
प्रचोदयात्
19 मई शुक्रवार के दिन जेष्ठा अमावस्या पितरों की प्रसन्नता के लिए एक बहुत ही शुभ दिन
पितरों के निमित्त किए गए पिंडदान ,अर्पण और तर्पण करने से वो खुश होकर आशीर्वाद देते हैं
अमावस्या का दिन पित्र देवो को समर्पित है जिनके birth chart मे पित्र दोष है तो इस दिन स्नान कर .. सबसे पहले पित्र देवताओं का पूजन करें फिर देवों का ध्यान करें
सूर्य देव को दूध केसर मीठा डालकर जल अर्पण करें और प्रार्थना करें यह जल हमारे पित्रो को पहुंचे
इस दिन अपने बड़ों के नाम का खाना ब्राह्मणों के निमित्त जरूर निकालें
गरीबों को भोजन कराएं जीव जंतुओं को पक्षी कुत्ता गाय कीड़ा मकोड़ा इनको भी भी भोजन का दान करें
इसके साथ पीपल, बरगद पर मीठा जल अर्पण करे
अपनी चौखट पर तिल के तेल का दीपक जलाएं और घर की ग्रहणी अपने पितरो से प्रार्थना करें उनके परिवार में हमेशा सुख शांति बनी रहे
यकीन मानिए घर में सो करोड़ दोषों का नाश होता है अगर आप इस तरह से पित्र पूजन करते हैं
इस दिन बट सावित्री व्रत और शनि जयंती होने से इस दिन की महत्वता और भी बढ़ जाती है
वट सावित्री व्रत सुहागिन स्त्री पति की लम्बी आयु के लिये व्रत रखती है इस भगवान विष्णु की .. और बड़ के पेड़ की पूजा की जाती है