एक ही छत के नीचे कश्मीर से कन्याकुमारी तक के पारंपरिक परिधान

बास्केटबॉल कॉम्प्लेक्स में आज से शुरू हुआ इंडिया सिल्क एंड कॉटन एक्सपो 28 मार्च तक चलेगा

इंदौर,। आगामी शादियों के सीजन और गर्मियों के मौसम को देखते हुए शहर में ‘इंडिया सिल्क एंड कॉटन एक्सपो’ की शुरुआत आज से बास्केटबॉल कॉम्प्लेक्स में हुई है। एक छत के नीचे इस एक्सपो में शादियों में पहने जाने वाले पारंपरिक कपड़ों के अलावा गर्मियों में पहने जाने वाले हल्के सूती कपड़ों की अच्छी रेंज मौजूद है।

देशभर के बुनकर यहां अपने राज्य की विशेषता लेकर आए हैं। मेले में गर्मी के सीजन को देखते हुए जयपुरी मलमल से लेकर कॉटन कुर्तियों की बड़ी रेंज मौजूद है, तो शादियों को देखते हुए कांजीवरम सिल्क से लेकर बनारस की साड़ियां तक मौजूद है।

राष्ट्रीय संस्कृति, समाज एवं सभ्यता की ओर से आयोजित इस एक्सपो में गुजरात से लेकर दक्षिण भारत और उत्तर-पूर्वी राज्यों के बुनकर भी अपनी विशेषता लेकर आए हुए हैं। महाराष्ट्र की पैठनी साड़ियां हो या बनारसी सिल्क, यहां कई अच्छी और बहुत सारी वैरायटी इस मेले में मौजूद है। रेशम के कपड़ों के लिए मशहूर बिहार के भागलपुर से आए बुनकरों का भी भागलपुर सिल्क का बारीक काम यहां मौजूद है। तमिलनाडु से बुनकर कांजीवरम की साड़ी लेकर आए हैं, जो सोने और चांदी के तारों से बनी होती है। इस साड़ी को कारीगर 30 से 40 दिन में बनाकर तैयार करते हैं।

बास्केटबॉल कॉम्प्लेक्स में शुरू हुआ यह एक्सपो 28 मार्च तक सुबह 10:30 से रात 8:30 बजे तक चलेगा। इसमें बनारसी, पटोला, उपाडा, बेंगलुरु सिल्क, कलमकारी, पोचपल्ली, गडवाल और रेशम के साथ ही मंगलगिरी और सूती के भी कई कपड़े मौजूद है। जयपुर की प्रसिद्ध चादरें भी अलग-अलग वैरायटी और डिजाइन में यहां बुनकर लेकर आये हैं।

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