- Did you know Somy Ali’s No More Tears also rescues animals?
- Bigg Boss: Vivian Dsena Irked with Karanveer Mehra’s Constant Reminders of Family Watching Him
- Portraying Diwali sequences on screen is a lot of fun: Parth Shah
- Vivian Dsena Showers Praise on Wife Nouran Aly Inside Bigg Boss 18: "She's Solid and Strong-Hearted"
- दिवाली पर मिली ग्लोबल रामचरण के फैन्स को ख़ुशख़बरी इस दिन रिलीज़ होगा टीज़र
सत्य मनुष्य को निर्भय बनाता है: जगदीश पुरी
इंदौर, 8 अगस्त. सत्य मनुष्य को निर्भय बनाता है. सत्य ही सबसे बड़ा धर्म माना गया है. सत्य के स्वरूप का चिंतन भगवान कृष्ण का ही चिंतन होगा. कृष्ण ही जगत की उत्पत्ति के आधार और कारण है और उनकी प्रत्येक किया में जीव के कल्याण का भाव निहित है. सत्य का ज्ञान नहीं होने से ही आज हमारा समाज अंध परंपराओं का शिकार हो रहा है. सत्य का चिंतन और आचरण मनुष्य को सही दिशा में प्रवृत्त करता है.
ये विचार हैं शक्करगढ़, भीलवाड़ा स्थित अमरज्ञान निरंजनी आश्रम के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी जगदीशपुरी महाराज केे, जो उन्होने मनोरमागंज स्थित गीता भवन पर चातुर्मास अनुष्ठान के सत्संग में व्यक्त किये. प्रवचन के प्रारंभ में गीता भवन ट्रस्ट के अध्यक्ष गोपालदास मित्तल, मंत्री राम ऐरन, सत्संग समिति के संयोजक रामविलास राठी, सुश्री प्रमिला नामजोशी आदि ने महामंडलेश्वरजी का स्वागत किया. गीता भवन में स्वामी जगदीशपुरी महाराज के सान्निध्य में 26 अगस्त तक प्रतिदिन प्रात: 8.30 से 9 बजे तक विष्णु सहस्त्रनाम से आराधना, 9 से 10.30 एवं सांय 5 से 6.30 बजे तक भागवत कथासार एवं प्रवचनों की अमृत वर्षा जारी रहेगी.
आत्मा का पोषण भागवत रूपी रस से
आचार्य महामंडलेश्वरजी ने कहा कि भगवान तो अंतर्यामी हैं और वे जानते हैं कि हमें क्या चाहिए। आत्मा का पोषण भी भागवत रूपी रस से ही संभव है. भागवत की शरण लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए भगवान हर काम छोडकर उसे अपनी शरण में लेने को तत्पर रहते हैं. सत्य से बड़ा कोई धर्म नहीं होता. कृष्ण ही सत्य का स्वरूप है और कृष्ण ही जगत की उत्पत्ति एवं पालन-पोषण के साथ जीवमात्र का कल्याण करते हैं।