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मटका और उप्पाडा सहित 150 तरह का सिल्क शहर में
इंदौर. बुनाई कला को जीवित रखने के लिए पिछले कई सालो से काम कर रही संस्था ‘हस्तशिल्पी ‘ द्वारा आयोजित आठ दिवसीय सिल्क एक्जीबिशन सिल्क इंडिया का आज से शुरु हुई. इस प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए देश के कोने-कोने से आए बुनकरों ने सिल्क की 150 वैरायटियों का प्रदर्शित की.
उपरोक्त जानकारी देते हुए हस्तशिल्पी के प्रबंध संचालक टी अभिनंद ने बताया कि अभय प्रशाल में 17 से 24 मई तक सिल्क इंडिया प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है. इस प्रदर्शनी में सिल्क साडिय़ों के अनेक बुनकर, हैंडलूम क्लस्टर और सिल्क सहकारी समितियां 100 से अधिक स्टॉलों पर अपने उत्पादों को प्रदर्शित कर रहे है. सिल्क प्रदर्शनी में भारत के विभिन्न प्रांतों के साथ ही पाकिस्तान और बांग्लादेश से आया ढाका सिल्क भी यहा रखा गया है. प्रदर्शनी में मैसूर सिल्क साडिय़ाँ, क्रेप और जार्जेट सिल्क साडिय़ाँ, शिफॉन सिल्क साडिय़ाँ, टसर सिल्क साडिय़ाँ और सूट, कांचीपुरम सिल्क साडिय़ाँ और शादी की साडिय़ाँ, डिजाइनर फैन्सी साडिय़ाँ, धर्मावरम सिल्क साडिय़ाँ, रॉ सिल्क और तसर, जूट सिल्क साडिय़ाँ, ढाका सिल्क साडिय़ाँ, हैंडलूम सिल्क कॉटन साडिय़ाँ, सिल्क ब्लेंड साडिय़ाँ और दुपट्टे, सिल्क शॉलें, सिल्क ब्लेंड्स कपड़े/फर्निशिंग, उप्पडा, गढ़वाल सिल्क साडिय़ाँ, हैंड ब्लॉक प्रिंट साडिय़ाँ, सूट और सिल्क बेड कवर, डिजाइनर वेयर और बार्डर लेजेस, कुर्तियां, हाथ से बुने मटका और असम मूंगा कपड़े, अपूर्व सिल्क साडिय़ाँ, बालूचरी साडिय़ाँ, कढ़ाईदार डिजाइनर सिल्क साडिय़ाँ और ड्रेस मैटेरियल, भागलपुरी सूट, प्रिंटेड सिल्क साडिय़ाँ, रेशमी प्लेन और बूटी साडिय़ाँ, कर्नाटक सिल्क साडिय़ाँ, महेश्वरी, चंदेरी सिल्क साडिय़ाँ और सूट और कोटा सिल्क, मलबरी सिल्क टेम्पल बार्डर के साथ, बनारस जामदानी, हाथ से बुनी साडिय़ाँ प्रदर्शित की जा रही है. कलाप्रेमी दोपहर 10.30 से रात 8.30 बजे तक देशभर के कोने-कोने से आए बुनकरो की बुनाई कला को देखने के लिए आमंत्रित है.