- CoinDCX के पहले मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र में अभूतपूर्व भागीदारी देखी गई, 5.7 मिलियन यूएसडीटी वॉल्यूम के साथ संवत 2081 का जश्न मनाया गया
- जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडिया ने सालाना 31 प्रतिशत वृद्धि के साथ अक्टूबर में 7045 यूनिट की बिक्री का बनाया रिकॉर्ड
- Jsw mg motor india records sales of 7045 units in october 2024 with 31% yoy growth
- Did you know Somy Ali’s No More Tears also rescues animals?
- Bigg Boss: Vivian Dsena Irked with Karanveer Mehra’s Constant Reminders of Family Watching Him
आंखों से श्रद्धा की दो बूंदे छलके बिना भक्ति सार्थक नहीं
इंदौर. हम कितने ही यज्ञ, जप-तप और उपासना के उपाय कर लें, जब तक रेगिस्तान बन चुकी हमारी आंखों से श्रद्धा और करूणा रूपी आंसुओं की दो बूंदे नहीं छलकेंगीं, तब तक हमारी भक्ति और साधना सार्थक नहीं हो पाएगी. भागवत चाहे जितनी बार सुन लें, हमारे मन का प्रवाह ठाकुर की सेवा में जब तक प्रवृत्त नहीं होगा, हमारा श्रवण धन्य नहीं हो सकता. वह वैष्णव, वैष्णव नहीं हो सकता जिसके जीवन में वंदना का भाव न हो.
ये विचार हैं वृंदावन के प्रख्यात भागवताचार्य डॉ. संजय कृष्ण सलिल के, जो उन्होंने आज गीता भवन में अग्रवाल समाज केंद्रीय समिति द्वारा उदयपुर के नारायण सेवा संस्थान के सहायतार्थ आयोजित भागवत ज्ञानयज्ञ के शुभारंभ सत्र में व्यक्त किए. कथा का शुभारंभ गीता भवन परिसर में मुख्य यजमान राधेश्याम-शकुंतला बांकड़ा एवं मनोज-लीना बंसल सहित सैकड़ों भक्तों द्वारा निकाली गई शोभायात्रा के साथ हुआ.
कटनी के पूर्व विधायक और म.प्र. वैश्य महासम्मेलन के कार्यकारी अध्यक्ष जुगलकिशोर पोद्दार, समाजसेवी प्रेमचंद गोयल, दिनेश मित्तल, विष्णु बिंदल, रामविलास राठी, संजय बांकड़ा, राजेश गर्ग, पुष्पा गुप्ता, भोलाराम राखोड़ीवाले, संजय तोड़ीवाला, कैलाशचंद्र खंडेलवाल आदि ने दीप प्रज्जवलन कर इस दिव्य अनुष्ठान का शुभारंभ किया. स्वागत उदबोधन में अध्यक्ष अरविंद बागड़ी ने केंद्रीय समिति के सेवाकार्यों का ब्यौरा देते हुए देश के विभिन्न शहरों से आए भक्तों का स्वागत किया।
आरती में राजेश बंसल, सूरजदेवी बंसल, शोभा जैन, शिव जिंदल, दिलीप मेमदीवाला, महेश चायवाले, गोविंद सिंघल, राजेश इंजीनियर, नंदकिशोर कंदोई सहित सैकड़ों भक्तों ने भाग लिया। मंगलवार 10 जुलाई को दोपहर 3 बजे से डॉ. सलिल परीक्षित जन्म एवं कुंती-भीष्म स्तुति प्रसंग की कथा सुनाएंगे।
मुस्कुराहट नहीं छोडऩा चाहिए
भागवत की महत्ता बताते हुए डॉ. सलिल ने कहा कि भागवत कथा अमृत से भी ज्यादा प्रभावी है. अमृत का असर एक निष्चित समय तक ही रहता है, लेकिन भागवत ऐसा कालजयी ग्रंथ है, जिसकी महत्ता कई पीढिय़ों तक मानव का मार्गदर्शन करती हैं. पाप, ताप और संताप नष्ट करने का सबसे अच्छा माध्यम भागवत ही है. कलियुग की विकृतियों से बचने के लिए भागवत का आश्रय जरूरी है. परमात्मा ने मुस्कराहट के रूप में मनुष्य को अनमोल उपहार दिया है. जीवन में कितनी भी विषम स्थिति आए, मुस्कुराहट नहीं छोडऩा चाहिए. सुख और दुख कभी स्थायी नहीं होते।