गुरु अमरदास के प्रकाश पर्व पर समागम

इंदौर. श्री गुरु अमरदास प्रकाश पर्व पर श्री गुरु अमरदास जी हॉल में शुरुआत सुबह साढ़े सात बजे से भाई सूरज सिंह जी हजूरी जत्था गुरुद्वारा अमरदास ने की.
हजूरी रागी जत्था दरबार साहिब अमृतसर से पधारें भाई रायसिंह ने ‘हम तिनके चरज पखालदे, घुड़ घोला घोल पीजेÓ (जो व्यक्ति वाहे गुरु का नाम जपते है और उनके चरणों की धूल लेते हैं उनका जीवन सफल है) का शब्द गायन किया.  यहां चंडीगढ़ से पधारे कथावाचक भाई अमरीक सिंह जी ने गुरु अमरदास जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि किस तरह उन्होंने समाज में चल रहे ऊंच-नीच के भाव को मिटाया, किसानों का लगान, पर्दा प्रथा, सती प्रथा को मिटाया. पदमश्री निर्मलजीत सिंह ने हर विसरत सदा खुखारी शब्द गायन से बताया कि जो प्रभु को भुला देते हैं उन्हें जीवन में धोखे ही मिलते हैं. इसलिए सदा गुरु के बताए मार्ग पर चलना चाहिए। यही जीवन है. प्रधान (अध्यक्ष)अमरजीत सिंह बग्गा और सचिव अमरजीत सिंह भाटिया ने बताया कि समागम में पधारे वरिष्ठजनों, अतिथियों का सम्मान भी किया गया. हजारों की तादात में समाज के लोगों ने पहुंचकर कीर्तन का लाभ लिया और मत्था टेका. गुरुद्वारा कमेटी प्रताप नगर के साथ ही बाकि गुरुद्वारा के सहयोग से दोनों समय हजारों लोगों को लंगर खिलाया गया। इससे पहले कल सुबह निकली रैली में करीब 20 हजार लोग शामिल हुए।

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