इंडेक्स मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल से 25 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए

इंदौर. इंदौर के इंडेक्स मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल से आज 25 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर पहुंचे। इंडेक्स से इतनी बड़ी संख्या में स्वस्थ होकर घर लौटने का यह पहला मौक़ा है. पूरी तरह कोरोना मुक्त हुए इन मरीजों को अस्पताल से विदाई देते वक़्त सांसद शंकर लालवानी, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कैलाश विजयवर्गीय, संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी एवं जिला कलेक्टर मनीष सिंह उपस्थित थे.

इंडेक्स मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन ने इसे अपनी टीम के कर्मयोगियों नोडल अधिकारी डॉ. सुधीर मौर्या, सुपरिन्टेन्डेन्ट डॉ. अजय जोशी, डॉ. दुबे, कोऑर्डिनेटर डॉ दीप्ति सिंह हाडा,  नर्सिंग डायरेक्टर असलम खान, नितिन कोथवाल, डॉक्टर्स, और उनके सुपरविज़न में काम कर रहे साथियों की मेहनत का परिणाम बताया है.

डॉ. सुधीर मौर्या, नोडल ऑफिसर, (एम. डी. मेडिसन एवं हेड ऑफ़ द डिपार्टमेंट) के अनुसार – जब से इंडेक्स मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर का स्टेटस यलो हॉस्पिटल से से रेड हॉस्पिटल में बदला गया है उसके बाद से हॉस्पिटल में अधिकतम 270 – 280 पेशेंट्स तक भरती हुए हैं। 42 पेशेंट्स जो पहली रिपोर्ट में नेगेटिव आए थे, उनमें से अभी दूसरी रिपोर्ट में 25 लोग नेगेटिव आए हैं। ये सभी पेशेंट्स ठीक हो गए है, इनकी हालत स्थिर है. इसके अतिरिक्त भी 200 से अधिक पेशेंट्स की हालत में या तो लगातार सुधार हो रहा है या हालत स्थिर है।

इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के एडिशनल डायरेक्टर श्री आर सी यादव ने कहा – खुशी की बात है कि आज 25 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो रहे हैं। और बाकी की भी हम रिपोर्ट चेक कर रहे हैं। इसके अलावा कई मरीजों की पहली रिपोर्ट भी आज या कल में आने की उम्मीद कर रहे है और इसी तरह दूसरी रिपोर्ट भी अगले सप्ताह की शुरुआत यानि सोमवार – मंगलवार तक आ जायेगी और डिस्चार्ज करने के लिये हमारे पास दूसरी बैच तैयार हो जायेगी।

इंडेक्स ग्रुप के चेयरमैन श्री सुरेश सिंह भदौरिया ने इन मरीजों के डिस्चार्ज के बारे में कहा – “मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि इंडेक्स मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर की टीम स्थानीय प्रशासन के सहयोग से अपनी और से मरीजों की बेहतर सेवा करने का यथासंभव प्रयास कर रही है और हमारे साथियों के इस प्रयास का इश्वर ने हमें यह प्रतिफल दिया है कि कल सुबह करीब 10:30 बजे 26 मरीजों को अपने घर जाने का मौक़ा मिल रहा है।

हमारी टीम को मैंने विशेष रूप से कहा है कि सभी डिस्चार्ज हो रहे भाई – बहनों की काऊंसिलिंग की जाए और उन्हें अगले दो सप्ताह अपना और अपने आस – पड़ोस का कैसे विशेष ध्यान रखना है, यह सिखाया जाए। इन स्वस्थ हुए लोगों की यह भावनात्मक और मानवीय जिम्मेदारी है कि वे अस्पताल की दुनिया से निकलकर बाहर की दुनिया को बताएं कि अस्पताल हमारा कितना भी ध्यान क्यों ना रख रहा हो, अपना घर अपना ही होता है. सभी स्वस्थ हुए साथियों को और स्वास्थय लाभ ले रहे मरीजों के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ।“

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