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मुख्यमंत्री पथ विक्रेता योजना से दिव्यांग मुमताज की जिंदगी में नया सवेरा
इंदौर. कोरोना के कहर ने नगरों और ग्रामों में रहने वाले वाले छोटे व्यावसाइयों का व्यवसाय चौपट कर दिया। लोगों की घर-गृहस्थी पर प्रतिकूल असर पड़ा। समय की मार झेलकर ऐसे टूटे परिवारों को मुख्यमंत्री पथ विक्रेता योजना से दोबारा लड़खड़ाते कदमों से फिर चलने का अवसर मिला। शासन ने इन परिवारों का आर्थिक रुप से आत्मनिर्भर बनने का बीड़ा उठाया है। छोटा ही सही बल्कि कुछ करने का संकल्प इन परिवारों ने लिया है।
मुख्यमंत्री पथ विक्रेता योजना के तहत 43/6 मल्हारगंज निवासी दिव्यांग मुमताज बी पति इरशाद को पंजाब नेशलन बैंक की जवाहर मार्ग शाखा से दस हजार रुपये का ऋण गत माह मिला है। मुमताज बी कपड़े की सिलाई कर मार्केट में रेडिमेड कपड़े सप्लाय करती है। इस काम में उनके पति इरशाद भी मदद करते हैं।
लॉक डाउन के दौरान गत अप्रैल-मई, 2020 में उनकी सारी जमा पूंजी परिवार के भरण-पोषण में खर्च हो गई थी। व्यवसाय करने के लिए उनके पास जमा पूंजी नहीं थी। उनका भविष्य अंधकार में था। शासन की मुख्यमंत्री पथ विक्रेता योजना उनके डूबते को तिनके का सहारा साबित हुई है।
उन्होंने नगर निगम के माध्यम से इस योजना का सहारा लेकर अपना कपड़ा व्यवसाय पुन: शुरू कर दिया है। उन्हें इस योजना की जानकारी समाचार पत्रों के माध्यम से मिली थी।
ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री पथ विक्रेता सहायता योजना के तहत पथ विक्रेताओं का दस हजार रुपये का ऋण बैंक के माध्यम से दिया जा रहा है। ब्याज की रशि का भुगतान बैंक को शासन द्वारा किया जायेगा।
इस अभिनव योजना का लाभ इस समय सैकड़ों हितग्राहियों द्वारा लिया जा रहा है। यह योजना राज्य शासन द्वारा जनपद पंचायत, नगर परिषद और नगर निगम इंदौर के माध्यम से लागू की जा रही है।
चर्चा के दौरान श्रीमती मुमताज बी ने बताया कि राज्य शासन की मुख्यमंत्री पथ विक्रेता योजना गरीबों के लिए बहुत बड़ा सहारा साबित हो रही है। लॉक डाउन के दौरान हमारी सारी जमा पूंजी खत्म हो गई थी। मेरे पति इरशाद, जो कि प्रायवेट नौकरी करते हैं, दो महीने घर बैठे रहे।
नगर निगम के माध्यम से मुझे मुख्यमंत्री पथ विक्रेता योजना के तहत पंजाब नेशनल बैंक से दस हजार रुपये का ऋण मिला है। अब हमारा व्यवसाय फिर से जोर पकड़ने लगा है। उन्होंने फुटपॉथ पर व्यवसाय करने वाले छोटे व्यवासायों से इस योजना का लाभ लेने की अपील की है।