लेडी डॉन और हत्या के आरोपी का मकान किया जमींदोज

इंदौर. गुंडों और भूमाफियों के खिलाफ नगर निगम, जिला प्रशासन और पुलिस का अभियान गुरुवार को भी जारी रहा. बुधवार को भूमाफिया बब्बू और छब्बू के अवैध निर्माण ध्वस्त करने के बाद गुरुवार को लेडी डॉन अलका दीक्षित और 302 के एक अन्य आरोपी शुभम यादव के मकानों पर कार्रवाई की गई. निगम की टीम ने द्वारिकापुरी के रामनगर और श्रद्धा सबुरी कॉलोनी में उक्त बदमाशों के अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया.

गुरुवार को निगम द्वारा झोन 14 द्वारकापुरी, झोन 4 संगम नगर व अन्य क्षेत्रो में रिमूवल कार्यवाही की गई. कार्यवाही के दौरान अपर आयुक्त देवेन्द्र सिंह, भवन अधिकारी ओ.पी. गोयल, रिमूवल विभाग के बबलू कल्याणे, संबंधित झोन के भवन अधिकारी, भवन निरीक्षक एवं जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारी उपस्थित थे.

निगम द्वारा पहली कार्रवाई झोन 14 अन्तर्गत हवा बंगला अल्का पति अशोक दीक्षित 33 राम नगर अहीखेडी क्षेत्र के जी प्लस 2 तीन मंजिला मकान पर की गई. यह 15 बाय 50 सहित कुल 2250 वर्गफीट में बना हुआ था. सुबह जब निगम की टीम पहुंची तो वहां रहने वाले परिवार ने मकान पर अपना दावा किया और यह मकान अलका से खरीदने की बात कही. इसका उन्होंने अनुबंध भी दिखाया.

मौके पर मौजूद निगम के अफसरों ने परिवार से मकान की रजिस्ट्री दिखाने को कहा लेकिन वह नहीं दिखा सके. इसके बाद निगम की टीम ने परिवार का सामान घर से बाहर निकालना शुरू किया. बच्चे, बुजुर्ग और एक पालतू कुत्ते को भी घर से बाहर किया. इस बीच मकान में रहने वाले परिवार की एक महिला ने कमरे में घुसकर घर से बाहर आने से मना कर दिया था. मौके पर मौजूद महिला पुलिसकर्मी ने दरवाजा खोलकर महिला को जबरन कमरे से बाहर निकाल और नीचे लेकर आए इसके बाद भी महिला विरोध करती रही. इस दौरान मकान को ध्वस्त कर दिया गया.

एक अन्य बदमाश का मकान भी तोड़ा
इसके साथ ही इसी बीच निगम की रिमूवल टीम के 50 कर्मचारी व पोकलेन के साथ श्रद्धापुरी कालोनी स्थित गुंडे शुभम पिता सीताराम यादव के 30 बाय 50 के 1500 वर्गफीट पर बने टीन शेड वाले मकान को तोडऩे के लिए पहुंची. इसमें आगे के हिस्से में किराने की दुकान थी जिसका संचालन शुभम की मां करती थी. निगम ने पोकलेन के माध्यम से कुछ ही देर में मकान को ध्वस्त कर दिया. बताते है शुभम धारा 302 का आरोपी है.

दर्ज है कई मामले
पुलिस के अनुसार श्रीराम नगर निवासी अलका दीक्षित लिस्टेड बदमाश हैं। अलका पर एक दर्जन से अधिक अपराध दर्ज हैं. अलका पर आबकारी एक्ट के ज्यादातर मामले हैं. वह लसुडिय़ा के एक चोरी के मामले में जेल गई थी। पिछले महीने ही जेल से जमानत पर छूटकर आई है।

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