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जूनियर डॉक्टरों ने दिया सामूहिक इस्तीफा, एमवाय अस्पताल में मरीज परेशान
इंदौर. एमवाय में चल रही हड़ताल से मरीज परेशान हो गये हैं और अस्पताल में मरीजों की संख्या कम हो रहीं है. वहीं स्टायपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर हफ्तेभर से आंदोलन कर रहे एमजीएम मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स ने मंगलवार को सामूहिक इस्तीफा दे दिया. जूडा के इस्तीफा देने से और अन्य कर्मचारियों के हड़ताल पर होने से प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमवायएच में मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सामूहिक इस्तीफा दिए जाने से अस्पताल प्रबंधन को कई ऑपरेशन टालने पड़े.
आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टर्स ने मंगलवार को सामूहिक इस्तीफा दे दिया है. दोपहर जूडा द्वारा सामूहिक इस्तीफा दिए जाने के बाद एमजीएम मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने जूडा एसोसिएशन के डॉ कृपाशंकर तिवारी, जेडीए अध्यक्ष इंदौर, डॉ. अंशुमान पंचोली, सचिव जेडीए इंदौर, डॉ. मोहित टॉक, संयुक्त अध्यक्ष, जेडीए इंदौर व एक अन्य डॉक्टर को स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम से निष्काषित करने के संबंध में नोटिस जारी किया गया.
नोटिस में कहा गया है कि मप्र सरकार ने 23 जुलाई को एस्मा लागू कर दिया है इसके तहत अगले तीन माह तक समूहिक अवकाश व सरकार द्वारा विर्निदिष्ट सेवाओं में काम करने से इंकार करने पर प्रतिबंध है. इस संबंध में 24 जुलाई मंगलवार को जूडा एसोसिएशन इंदौर के पदाधिकारियों को समझाईश दी गई थी इसके बावजूद जूडा ने सामूहिक इस्तीफा दिया. इस्तीफा वापस नहीं लेने पर पांच लोगों को निष्कासित कर दिया.
वहीं सातवें वेतनमान की मांग को लेकर नर्स, टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट व अन्य कर्मचारियों ने भी एक दिन का सामूहिक अवकाश ले लिया था. इससे मरीजों की फजीहत हो गई. एमवाय अस्पताल में साढ़े चार हजार से ज्यादा विभिन्न जांचें और 40 से ज्यादा ऑपरेशन टल गए। दिनभर में 170 मरीजों की जांच और 12 मेजर ऑपरेशन हुए थे. यहीं स्थिति मंगलवार को भी रही.
स्वीकार नहीं किया इस्तीफा
जूडा के सामूहिक इस्तीफा दिए जाने पर एमवायएच प्रबंधन का कहना है कि हमने किसी भी डॉक्टर का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है. उधर जूडा ने अपना काम बंद कर दिया है इससे एमवाय अस्पताल में भर्ती और जांच के लिए आने वाले मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. स्थिति को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने वैकल्पिक व्यवस्था की है.