राधा की धर्म बहन लागे मोहन की साली
मुस्लिम समाज की विशेष भजन प्रस्तुति से समापन
इंदौर, 3 सितंबर. रघुवर तुमको मेरी लाज रखना है. मोहन आओ तो सही गिरधर आओ तो सही. राधा की धर्म बहन लागे मोहन की साली जैसे सुमधुर भजनों की प्रस्तुतियां और भजन रसिक श्रोताओं की जोरदार तालियों के बीच जब मुस्लिम समाज के बंधुओं ने ओ लाल मेरी पत रखियो बला झूले लालन की सुनाया तो सारा उषाराजे परिसर तालियों से गूंज उठा.
मौका था देवी अहिल्या बाई के 223वें पुण्य स्मरण पर आयोजित कार्यक्रमों की श्रंृखला में भजन प्रतियोगिता का. देवी अहिल्या उत्सव समिति द्वारा आयोजित भजन प्रतियोगिता में भजन मंडलियों द्वारा शास्त्रीय वाद्य यंत्रों हारमोनियम तबला झांझ मंजीरे आदि का प्रयोग कर प्रस्तुतियां दी गई.
आकर्षक वेशभूषा में विशेष तैयारियों के साथ प्रस्तुत भजनों ने समा बांध दिया. भजन मंडलियों ने आधुनिक प्रचलित भजनों के साथ-साथ सूरदास रसखान कबीर के अभंग सहित कई भजनों की मनमोहक प्रस्तुतियां दी. बस्तियों एवं मोहल्लों की ख्यात भजन मंडलियों ने इसमें हिस्सा लिया.
करीब 20 भजन मंडलियों में प्रमुख रूप से रंजीत भजन मंडल मां अंबे भजन मंडल श्रीकृपा भजन मंडल पर्व भजन मंडल सोहन दास भजन मंडल शामिल थे. अहिल्या उत्सव समिति के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक डागा प्रतियोगिता प्रमुख सुधीर देडगे एवं प्रकाश खानविलकर ने बताया कि दो दिवसीय भजन प्रतियोगिता में श्री कृपा भजन मंडल प्रथम अभिनव भजन मंडल द्वितीय एवं पर्व भजन मंडल तृतीय रहा निर्णायक के रुप में सतीश दुबे, डॉक्टर अमन काजी, मनदीप जगताप एवं शुभदा मराठी उपस्थित थे.
संचालन शरयु वाघमारे ने किया. अतिथियों का स्वागत राम मूंदड़ा, पुरुषोत्तम गर्ग, नितिन तापडिय़ा, निलेश केदारे प्रतीक तागड ने किया. 4 सितंबर को सुबह 10.30 राष्ट्रगीत प्रतियोगिता एवं लोक नृत्य प्रतियोगिता का फाइनल राजमोहल्ला वैष्णव स्कूल पर होगा।