विश्व किडनी दिवस पर केयर सीएचएल हॉस्पिटल्स में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

इंदौर, मार्च 2025 – केयर सीएचएल हॉस्पिटल्स, इंदौर ने विश्व किडनी दिवस के अवसर पर एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य किडनी स्वास्थ्य, इससे जुड़ी बीमारियों, उनके बचाव और उपचार के प्रति जागरूकता फैलाना था। कार्यक्रम में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं और किडनी दानकर्ताओं व प्राप्तकर्ताओं को सम्मानित किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद श्री शंकर लालवानी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि, “स्वस्थ समाज की नींव, जागरूकता से रखी जाती है। किडनी रोग तेजी से बढ़ रहे हैं, और हमें अपनी जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाकर इनसे बचने के प्रयास करने होंगे। कोविड के बाद हमने एक प्रिवेंटिव हेल्थ कैंपेन चलाया था, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 3 लाख लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण किए गए। इन परीक्षणों के परिणाम चिंताजनक रहे, क्योंकि 48% लोगों की रिपोर्ट सामान्य नहीं पाई गई। सबसे अधिक प्रभावित मिडिल क्लास और मिडिल एज ग्रुप के लोग रहे, जिनकी स्वास्थ्य स्थिति खराब पाई गई। इसका मुख्य कारण उनकी जीवनशैली है, जो असंतुलित खानपान, शारीरिक गतिविधियों की कमी और अनियमित दिनचर्या से प्रभावित हो रही है। यह स्थिति हमें बताती है कि हमें स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने और नियमित स्वास्थ्य जांच को प्राथमिकता देने की जरूरत है। केयर सीएचएल हॉस्पिटल्स द्वारा किया गया यह प्रयास प्रशंसनीय है, क्योंकि यह न केवल लोगों को जागरूक करता है बल्कि उन्हें सही दिशा में सोचने के लिए भी प्रेरित करता है।”

केयर सीएचएल हॉस्पिटल्स, इंदौर की नेफ्रोलॉजिस्ट एंड किडनी ट्रांसप्लांट फिजिशियन डॉ. ईशा तिवारी अरोरा ने कहा, “आज के दौर में लोग अपनी किडनी हेल्थ को नजरअंदाज कर रहे हैं, जबकि यह हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो खून को शुद्ध करने और विषैले तत्वों को बाहर निकालने का काम करता है। यदि किडनी ठीक से काम नहीं कर पाती, तो शरीर में टॉक्सिन्स जमा होने लगते हैं, जिससे कई गंभीर बीमारियां जन्म ले सकती हैं।हमारी जीवनशैली, खानपान और व्यायाम की आदतें किडनी स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालती हैं। अगर किसी को सुबह-सुबह चेहरे पर सूजन, बार-बार रात में उठकर पेशाब आना, भूख कम लगना, वजन घटना जैसे लक्षण नजर आएं, तो इन्हें नजरअंदाज न करें। सही समय पर पहचान और इलाज से डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के जरिए मरीज की जान बचाई जा सकती है। हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज दो ऐसी बीमारियां हैं, जो किडनी फेल्योर का प्रमुख कारण बनती हैं।

बहुत से मरीज नियमित रूप से पानी नहीं पीते, अधिक नमक और प्रोसेस्ड फूड का सेवन करते हैं, जिससे किडनी पर अनावश्यक दबाव पड़ता है। अगर हम अपनी दिनचर्या में कुछ छोटे-छोटे बदलाव करें—जैसे कि ज्यादा पानी पिएं, कम नमक खाएं, नियमित व्यायाम करें और साल में कम से कम एक बार किडनी की जांच करवाएं—तो हम इस गंभीर समस्या से बच सकते हैं।”

केयर सीएचएल हॉस्पिटल्स, इंदौर के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. शिवशंकर शर्मा ने कहा, “हमारे पास आने वाले सभी मरीज सकारात्मक मानसिकता के साथ आते हैं, और यही माइंडसेट उपचार में अहम भूमिका निभाता है। किडनी की बीमारी को ‘विकल्पों की बीमारी’ कहा जा सकता है, क्योंकि इसके कई समाधान मौजूद हैं। सही देखभाल, जीवनशैली में सुधार और समय पर इलाज से इसे रोका और नियंत्रित किया जा सकता है। कई मरीज 5 साल से डायलिसिस पर हैं और पूरी तरह से सामान्य और अच्छा जीवन जी रहे हैं। डायलिसिस कोई अंत नहीं, बल्कि एक माध्यम है जिससे व्यक्ति स्वस्थ और सक्रिय रह सकता है। सबसे जरूरी है कि बीमारी को मैनेज करना सीखें—सकारात्मक सोच, सही इलाज और अनुशासित दिनचर्या से एक लंबा, अच्छा और स्वस्थ जीवन संभव है।”

केयर सीएचएल हॉस्पिटल के यूरोलॉजिस्ट डॉ विपिन शर्मा ने बताया, “किडनी दानकर्ताओं और प्राप्तकर्ताओं को सम्मानित करना हमारा कर्तव्य है, क्योंकि वे समाज के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। किडनी ट्रांसप्लांट के मामले में अंगदान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दुर्भाग्य से, भारत में अब भी ऑर्गन डोनेशन को लेकर जागरूकता की कमी है। कई लोग यह नहीं जानते कि एक स्वस्थ व्यक्ति अपनी एक किडनी दान करके भी सामान्य जीवन व्यतीत कर सकता है।

हमें समाज में यह जागरूकता फैलाने की जरूरत है कि अंगदान से किसी को नया जीवन मिल सकता है। सरकार और सामाजिक संगठनों को मिलकर ऐसे कार्यक्रम करने चाहिए, जो लोगों को ऑर्गन डोनेशन के प्रति जागरूक करें और उन्हें आगे आने के लिए प्रेरित करें। किडनी से जुड़ी बीमारियों को रोकने के लिए, हमें अपने खानपान और जीवनशैली में सुधार लाना होगा और ऑर्गन डोनेशन के प्रति सकारात्मक सोच विकसित करनी होगी।”

कार्यक्रम में किडनी दानकर्ताओं और प्राप्तकर्ताओं का हुआ सम्मान

इस जागरूकता अभियान के दौरान किडनी दानकर्ताओं और प्राप्तकर्ताओं को सम्मानित किया गया, जिन्होंने अपनी बहादुरी और उदारता से समाज में मिसाल कायम की है। उनके इस योगदान से कई लोगों को नया जीवन मिला है और उनके इस नेक कार्य को प्रेरणा के रूप में प्रस्तुत किया गया।

कार्यक्रम में उपस्थित नागरिकों, चिकित्सा विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस पहल की सराहना की और संकल्प लिया कि वे किडनी स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने में अपना योगदान देंगे। मुख्य प्रबंधक श्री मनीष गुप्ता ने अंत में आभार व्यक्त किया।

Leave a Comment