परिश्रम के साथ बुद्धि का निवेश भी जरूरी

इंदौर। आज के युग में केवल परिश्रम से ही करियर नहीं बनता। परिश्रम के साथ बुद्धि का निवेश भी जरूरी हो गया है। जब तक हम बुद्धियुक्त परिश्रम की दौड़ में आगे नहीं निकलेंगे, हमारी सफलता की मंजिलें पीछे ही छूट जाएंगीं। महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में भी अभी बहुत कुछ करना बाकी रह गया है, हालांकि आज की महिलाएं पहले के मुकाबले काफी प्रगतिशील और वक्त की रफ्तार को समझने वाली हो गई हैं। देश की समृद्धि में महिलाओं का योगदान निरंतर बढ़ रहा है। यह हम सबके लिए गौरव की बात है। 

राज्य के उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त अजीत कुमार ने मोती तबेला स्थित माता जीजाबाई शास. स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय में विश्व बैंक परियोजना के तहत पिछले वर्ष स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं में उत्तीर्ण छात्राओं की स्टूडेंट ट्रेकिंग के लिए आयोजित पूर्व छात्राओं के मिलन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उक्त उदगार व्यक्त किए।

इस कार्यक्रम के माध्यम से यह जानने की कोशिश की गई कि गत वर्ष उत्तीर्ण छात्राएं अब कहां हैं और क्या कर रही हैं। सम्मेलन में ढाई सौ से अधिक पूर्व छात्राओं ने उत्साह के साथ भाग लेकर अपनी रचनाएं भी प्रस्तुत की और अपनी प्रतिभाओं को भी मंच से व्यक्त किया। इनमें से अधिकांश छात्राएं कहीं प्राध्यापक हैं, तो कहीं चिकित्सक और कम्प्यूटर विशेषज्ञ। सम्मेलन में उपस्थित छात्राओं के लिए विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन के सहयोग से स्कील ट्रेनिंग के अवसर, स्वरोजगार एवं प्रतियोगी परीक्षाओं मंे आने वाली समस्याओं पर पूर्व में सफलता प्राप्त कर चुके छात्रों एवं विशेषज्ञों के व्याख्यान भी आयोजित किए गए।

छात्राओं ने अपने अनुभव भी साझा किए। संचालन किया कॅरियर मार्गदर्शन प्रभारी डॉ. सुषमा शर्मा ने और सम्मेलन के उद्देश्य एवं अन्य कार्यक्रमों की जानकारी समन्वयक डॉ. राखी शुक्ला ने दी। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. श्रीमती सुमित्रा वास्केल सहित अनेक प्राध्यापक एवं छात्राएं भी उपस्थित थे। 

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