अपोलो हॉस्पिटल्स की मेजबानी में ’11वीं अपोलो इंटरनेशनल क्लिनिकल न्यूट्रिशन अपडेट-2019 कॉन्फ्रेंस’ शुरू

–       थीम ‘कनेक्टिंग एविडेंस टू क्लीनिकल न्यूट्रीशन प्रैक्टिस’ पर होगी दो दिन बात

इंदौर,।अपोलो हॉस्पिटल ग्रुप की न्यूट्रिशन एंड डाइटेटिक्स आर्म की इंदौर में ’11वीं अपोलो इंटरनेशनल क्लीनिकल न्यूट्रीशन अपडेट कॉन्फ्रेंस (एआईसीएनयू) आज इंदौर में बायपास के होटल प्राइड एंड कन्वेंशन सेंटर में शुरू हुई। इस सालाना कांफ्रेंस में क्लीनिकल न्यूट्रीशन के क्षेत्र में हो रही प्रगति और अपडेट पर बात की गई। द

ुनिया भर से आए क्लीनिकल न्यूट्रीशनिस्ट और डाइटिशियन ने इस क्षेत्र में मौजूद चुनौतियों पर विचार-विमर्श कर चर्चा की और बेहतर हेल्थ केयर पर बात भी की। इस कांफ्रेंस और दुनियाभर के डेलीगेट्स एवं एक्सपर्ट्स को एक मंच पर लाकर अपोलो ग्रुप ने क्लीनिकल न्यूट्रीशन क्षेत्र में आगे बढ़ने और लगातार हो रहे अपडेट को सीखने के लिए एक नॉलेज एक्सचेंज प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया। 10 देशों के 600 से ज्यादा डेलीगेट्स में पहले दिन इस कॉन्फ्रेंस में भाग लेकर इस साल की थीम ‘कनेक्टिंग एविडेंस टू क्लीनिकल न्यूट्रीशन प्रैक्टिस’ पर बात की

आज कॉन्फ्रेंस में चर्चा, व्याख्यान, संगोष्ठी, सार सत्र हुए। पहले दिन एक्सपर्ट्स ने न्यूट्रिशन केयर टेक्निक, क्रिटिकल केयर, रेनल, ऑन्कोलॉजी और चाइल्ड न्यूट्रिशन के कुछ प्रमुख पहलुओं पर बात की। इस 2 दिनी कॉन्फ्रेंस में डाइटिशियन, पी.एच-डी स्कॉलर और स्नातकोत्तर छात्रों के जमा किए 75 से ज्यादा रिसर्च पेपर भी पढ़े जाएंगे। आखरी दिन एक्सपर्ट्स और जूरी के द्वारा 7 विशिष्ट रिसर्च पेपर घोषित किये जाएंगे।

अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. प्रताप रेड्डी ने कहा, क्लिनिकल न्यूट्रीशन के क्षेत्र में लगातार हो रहे परिवर्तन को देखते हुए इस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया है ताकि इस कांफ्रेंस के जरिए मरीज को बेटर न्यूट्रिशंस मिल सके। क्लिनिकल डाइटीशियन और न्यूट्रीशन एक्सपर्ट्स को इस कॉन्फ्रेंस से बड़ी मदद मिलेगी। न्यूट्रिशंस में कमी और अस्वास्थ्यकर आहार एनसीडी के प्रमुख जोखिम कारक हैं। इस मंच से नये विचार और नवाचार सामने आ रहे हैं, जो बहुत फायदेमंद होंगे।

अपोलो हॉस्पिटल (सीएसआर) की वाइस चेयरपर्सन और अपोलो लाइफ की मैनेजिंग डायरेक्टर उपासना कामिनेनी कोनिडेला ने कहा, न्यूट्रिशन में उत्कृष्ट पोषण मरीज के उपचार में मददगार होता है।इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी बांटना न केवल हॉस्पिटल के डायटीशियन बल्कि वेलनेस रिलेटेड न्यूट्रिशनिस्ट्स को अपडेट और अपग्रेड करने में मदद करता है।

अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप के प्रेसिडेंट (हॉस्पिटल डिवीज़न) डॉ. हरिप्रसाद ने कहा, एक मरीज के दवा जितना ही जरूरी पोषक आहार है, जबकि कई बार आहार के मामले में लापरवाही देखी जाती है। अपोलो हॉस्पिटल में डायटीशियन, मरीज की देखभाल टीम का हिस्सा हैं और वे पूरी तरह से मरीज की देखरेख में शामिल होते हैं।

डॉ. अनुपम सिब्बल, ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर, अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप, सीनियर पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट एंड हेपेटोलॉजिस्ट ने कहा, क्लिनिकल न्यूट्रीशन क्षेत्र में लगातार प्रगति देखी जा रही है, इसलिए डायटिशियन और क्लिनिस्टलिस्ट को लगातार खुद को अपग्रेड करना बहुत जरूरी है, ताकि वे इसके फायदों को मरीजों तक पहुंचा सके।

कांफ्रेंस में शामिल होने के लिए इंटरनेशनल और नेशनल डेलिगेट्स एवं एक्सपर्ट डॉ. मायरेकरावेटियन, असिस्टेंट प्रोफेसर, जायद विश्वविद्यालय दुबई, डॉ. तिलकावतीकुरुपैया, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विज्ञान संकाय, टेलर्स विश्वविद्यालय, सेलांगोर मलेशिया, डॉ. एस्थर मायर्स मुख्य विज्ञान अधिकारी अकादमी ऑफ न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स, डॉ. लुकमानमज़लान, कंसल्टैंट कोलोरेक्टल सर्जन पंटाई हॉस्पिटल कुआलालम्पुर, और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले कई प्रतिनिधि जैसे डॉ. शोभा चमनिया, प्रमुख, बर्न यूनिट चोइथराम हॉस्पिटल इंदौर, डॉ. रेबेका कुरियनराज, प्रोफेसर एवं प्रमुख, न्यूट्रीशन डिवीजन, बंगलुरू, डॉ. प्रतिम सेनगुप्ता, सलाहकार, भारत सरकार नेशनल ऑर्गन ऐंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन, डॉ. नमित जेरथ, वरिष्ठ सलाहकार, पीडियाट्रिक पल्मोनोलॉजी ऐंड क्रिटिकल केयर, नयी दिल्ली, डॉ. सपना नांगिया, वरिष्ठ कंसल्टेंट, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी प्रोटॉन कैंसर यूनिट चेन्नई, डॉ. अमिता त्रेहान, पीडियाट्रिक्स विभाग, चंडीगढ़, डॉ. एस. अहमद इब्राहिम, वैज्ञानिक, एनआईएन, हैदराबाद, डॉ. जगमीत मदान, प्रिंसिपल एवं प्रोफेसर, एसएनडीटी मुंबई आये हैं।

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