अप्लास्टिक एनीमिया एक रक्त विकार

अप्लास्टिक एनीमिया व होम्योपैथी इलाज को लेकर सेमिनार सम्पन्न
इन्दौर. गुजराती होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज में अप्लास्टिक एनीमिया के कारण, बचाव व होम्योपैथी दवाईयों के माध्यम से सफल व कारगर इलाज को लेकर एक दिवसीय सेमिनार सम्पन्न हुआ. सेमिनार मुख्यत: इन्टर्नी एवं बीएचएमएस के अन्तिम वर्ष के छात्र-छात्राओं को लेकर आयोजित हुआ.कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. एस.पी.सिंह ने किया।

डॉ. सिंह ने अपने सम्बोधन में बताया कि, एनीमिया कई तरह के होते हैं कुछ जन्मजात होते हैं तथा कुछ अलग-अलग कारणों से होते हैं. जैसे कि, अत्यधिक रक्तस्राव, खानपान में प्रोटीन एवं आयरन की कमी तथा अन्य कारण शामिल हैं,

मुख्य वक्ता डॉ. ए.के. द्विवेदी ने बताया कि, चिकित्सा जगत में सामान्यत: असाध्य की श्रेणी में मानी जा रही बीमारी अप्लास्टिक एनीमिया, पैनसाइटङ्क्षपेनिया,आईटीपी को  ठीक करने में उन्हें बड़ी सफलता मिली है,

डॉ. द्विवेदी ने पिछले 21 वर्षों से इस बीमारी पर कर रहे सतत शोध चिकित्सा एवं प्रयासों से कई मरीजों को पूरी तरह से ठीक करने का महारत हासिल किया है. उन्होंने बताया कि अप्लास्टिक एनीमिया एक रक्त विकार है, जिसमें शरीर की बोनमैरो पर्याप्त रक्त कोशिकायें बनाना बन्द कर देती है.

डॉ. द्विवेदी के अनुसार अप्लास्टिक एनीमिया/पैनसाइटङ्क्षपेनिया/आईटीपी का प्रमुख कारण अभी भी अज्ञात है, परन्तु मरीजों के परीक्षण से यह ज्ञात हुआ है कि ऐसे मरीज जो तेज बुखार व दर्द होने पर बुखार उतारने की दवा या दर्द निवारक दवाईयों का इस्तेमाल करते हैं, ज्यादातर ऐसे मरीजों में बोनमैरो सस्प्रेस हो जाता है या काम करना कम कर देता है. इसके दुष्परिणामस्वरूप से शरीर में संक्रमण फैलने लगता है, रक्त बहने जैसी स्थितियाँ निर्मित हङ्क्ष जाती हैं।

हल्का बुखार बना रहना, कमजङ्क्षरी महसूस हङ्क्षना, हृदय गति का असामान्य हङ्क्षना, चिड़चिड़ापन जैसी स्थितियाँ अप्लास्टिक एनीमिया के प्रारम्भिक लक्षण होते हैं. एलोपैथी में अप्लास्टिक एनीमिया का इलाज बङ्क्षनमैरो ट्रान्सप्लान्ट करके अथवा ए.टी.जी. करने के बावजूद प्राय: स्थायी इलाज नहीं हङ्क्ष पाता है.

उक्त सेमिनार में शासकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, भोपाल से पधारे डॉ. हेमन्त सोनी विशेष अतिथि के तौर पर उपस्थित थे तथा गुजराती होम्योपैथिक कॉलेज से प्रो. डॉ. राजेश बोर्डिया, प्रो. डॉ. मुनीरा नकी, डॉ. दीपाली सोनी भी उपस्थित थीं। कार्यक्रम का संचालन संस्था की छात्रा आकांक्षा पगारे ने किया।

महाविद्यालय के लगभग 100 से अधिक इन्टर्नी एवं बीएचएमएस के छात्र/छात्राओं ने उपस्थित रहकर सेमिनार में अप्लास्टिक एनीमिया का होम्योपैथिक उपचार के बारे में सीख ली। 

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