- उर्वशी रौतेला 12.25 करोड़ रुपये में रोल्स-रॉयस कलिनन ब्लैक बैज खरीदने वाली पहली आउटसाइडर इंडियन एक्ट्रेस बन गई हैं।
- Urvashi Rautela becomes the first-ever outsider Indian actress to buy Rolls-Royce Cullinan Black Badge worth 12.25 crores!
- 'मेरे हसबैंड की बीवी' सिनेमाघरों में आ चुकी है, लोगों को पसंद आ रहा है ये लव सर्कल
- Mere Husband Ki Biwi Opens Up To Great Word Of Mouth Upon Release, Receives Rave Reviews From Audiences and Critics
- Jannat Zubair to Kriti Sanon: Actresses who are also entrepreneurs
दो साल के बच्चे से हारा अप्लास्टिक एनीमिया, होम्योपैथी साबित हुई वरदान

बिहार के दो वर्षीय बच्चे शिवांश सिंह ने जीती जिंदगी की जंग, एडवांस्ड होम्यो हेल्थ सेंटर के वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. एके द्विवेदी से इलाज लेने के बाद मिली सफलता
इंदौर, अप्रैल 2022: चिकित्सा विज्ञान में अत्याधुनिक नवीनतम पद्धतियां मौजूद होने के बावजूद अप्लास्टिक एनीमिया का इलाज करना अब भी चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है, लेकिन अब होम्योपैथिक दवाईयों से मरीजों को पूरी तरह ठीक करने में बड़ी सफलता मिल रही है। अप्लास्टिक एनीमिया के हर उम्र के मरीजों को स्वस्थ पर नया जीवन देने की दिशा में होम्योपैथिक दवाईयों से कम समय में बड़े समारात्मक परिणाम मिल रहे हैं। हाल ही में इंदौर के एक वरिष्ठ चिकित्सक द्वारा बिहार के दो वर्षीय बच्चे की इस बीमारी को दूर किया गया है। मरीज बच्चे के पिता ने मध्यप्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान को इस उपलब्धि की जानकारी देने के लिए उन्हें पत्र भी लिखा है।
मौलाबाग, भोजपुर निवासी नीरज कुमार ने बताया कि मेरे बेटे शिवांश सिंह (दो वर्ष) को अप्लास्टिक एनीमिया नामक बीमारी हो गई थी। स्थानीय स्तर पर हमने कई अस्पतालों और डॉक्टरों से इलाज करवाया लेकिन समस्या दूर नहीं हुई। इसके बाद दिल्ली के अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर से भी पांच महीने तक इलाज करवाया लेकिन बच्चे की हालत खराब होती चली गई। इसके बाद मुझे इंदौर के एडवांस्ड होम्यो हेल्थ सेंटर के बारे में जानकारी मिली और मैंने यहां डॉ. एके द्विवेदी से संपर्क किया। डॉ. द्विवेदी ने वीडियो कॉलिंग के माध्यम से इलाज शुरू किया और दवाईयां दी गईं। कई बार जांचें करवाई गईं और उनकी रिपोर्ट के आधार पर दवा की मात्रा कम- ज्यादा की गई। अब मेरे बच्चे के स्वास्थ्य में काफी सुधार है और उम्मीद है कि जल्द ही वह पूरी तरह ठीक हो जाएगा।
क्या है अप्लास्टिक एनीमिया
डॉ. द्विवेदी ने बताया कि अप्लास्टिक एनीमिया एक गंभीर बीमारी है जो किसी भी उम्र के लोगों को अपना शिकार बना सकती है। अप्लास्टिक एनीमिया हमारे शरीर के बोन मैरो में होने वाली बीमारी है। इसमें हमारा बोन मैरो नए ब्लड सेल्स का निर्माण नहीं कर पाता। इसे मायेलोडिस्प्लास्टिक सिंड्रोम भी कहा जाता है। अप्लास्टिक एनीमिया में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण बंद हो जाता है और शरीर के अंगों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। इस बीमारी के कारण शरीर में प्लेटलेट्स कम होने लगते हैं और बार-बार खून चढ़ाना पड़ता है। अनियंत्रित रक्त स्त्राव होने लगता है। मरीज को बार-बार ब्लड देने के बावजूद प्लेटले्टस घटते जाते हैं और सही समय पर इलाज नहीं होने की स्थिति में यह जानलेवा साबित होता है।
न ब्लड देना पड़ रहा, न प्लेटलेट्स
डॉ. द्विवेदी ने बताया कि शिवांश की हालत में अब पहले से काफी सुधार है और दवाईयों के असर से उसकी बीमारी लगभग ठीक हो चुकी है। अब न ही उसे ब्लड चढ़ाना पड़ता है और न ही प्लेटलेट्स देने की जरूरत पड़ती है। अब शरीर के विभिन्ना हिस्सों से ब्लीडिंग भी नहीं होती और कुछ ही दिनों में वह सामान्य बच्चों के साथ दौड़ने-भागने और खेलने में सक्षम होगा। संभव है कि भविष्य में उसे दवाईयां लेने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।
पिता ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
शिवांश के पिता नीरज कुमार ने बताया कि अप्लास्टिक एनीमिया जानलेवा बीमारी है और कई मरीज इसके कारण मौत के मुहाने पर खड़े हैं। यह हर उम्र के लोगों को हो सकती है और इसके बाद लोग जगह-जगह भटकते रहते हैं लेकिन उन्हें सही इलाज नहीं मिल पाता। मैंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर शिवांश की तबीयत में सुधार और डॉ. द्विवेदी की सफलता के बारे में जानकारी दी है। ताकि अन्य मरीजों और परिजनों को भी यह पता लग सके, वे विशेषज्ञ डॉ. द्वारा होम्योपैथी इलाज ले सके और मरीजों को नई जिंदगी मिल सके।