धनतेरस के दिन यम दीप दान से मिलेंगे लाभ

धनतेरस के दिन यम दीप दान से मिलेंगे लाभ

डॉ श्रद्धा सोनी धनतेरस के दिन यमदीपदान 05 नवम्बर सोमवार को धनतेरस है । इस दिन यम-दीपदान जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है। पूरे वर्ष में एक मात्र यही वह दिन है, जब मृत्यु के देवता यमराज की पूजा सिर्फ दीपदान करके की जाती है। कुछ लोग नरक चतुर्दशी के दिन भी दीपदान करते हैं। स्कंदपुराण में लिखा है कार्तिकस्यासिते पक्षे त्रयोदश्यां निशामुखे । यमदीपं बहिर्दद्यादपमृत्युर्विनिश्यति ।। अर्थात…

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30 वर्ष बाद बुध पुष्य योग, खरीददारी के लिए श्रेष्ठ

30 वर्ष बाद बुध पुष्य योग, खरीददारी के लिए श्रेष्ठ

डॉ श्रद्धा सोनी 30 वर्ष बाद दीपावली के पहले बन रहा है बुध पुष्य योग का संयोग. 31 अक्टूबर बुधवार को पुष्य नक्षत्र पढ़ रहा है. ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्रों के चक्र में पुष्य नक्षत्र आठवां नक्षत्र होता है. इसे नक्षत्रों का राजा कहा जाता है. इस नक्षत्र के देवता बृहस्पति है और स्वामी शनि है. कोई भी नया कार्य या व्यवसाय शुरू करने के लिए अथवा खरीददारी करने के लिए पुष्य नक्षत्र अति…

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करवा चौथ पर महिलाएं जरुर करें सोलह श्रृंगार, जाने इसका महत्व

करवा चौथ पर महिलाएं जरुर करें सोलह श्रृंगार, जाने इसका महत्व

डॉ श्रद्धा सोनी ऐसी मान्यता है कि करवा चौथ पर महिलाओं को सोलह श्रृंगार करना चाहिए. इससे घर में सुख और समृद्ध‍ि आ‍ती है और अखंड सौभाग्य का वरदान भी मिलता है. यही वजह है कि भारतीय संस्कृति में सोलह श्रृंगार को जीवन का अहम और अभिन्न अंग माना गया है. करवा चौथ पर आप ये सोलह श्रृंगार जरूर करें. जानिए सोलह श्रृंगार में कौन-कौन से श्रृंगार आते हैं. ऋग्वेद में भी सौभाग्य के लिए…

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वैवाहिक सुख और धन लाभ के लिए करवाचौथ के 6 टोटके

वैवाहिक सुख और धन लाभ के लिए करवाचौथ के 6 टोटके

डॉ श्रद्धा सोनी करवाचौथ सिर्फ पति की लंबी उम्र की कामना का ही दिन नहीं, बल्कि पति-पत्नी में आपसी प्रेम बढ़ाने वाला दिन है। इस दिन आपकी आर्थिक तंगी भी दूर हो सकती है। बस आपको जानने होंगे ये 6 टोटके – 1 करवा चौथ के दिन गणेशजी को हल्दी की 5 गांठें ‘ॐ श्री गणधिपतये नम:’ बोलते हुए अर्पित करें। इस दिन ऐसा करने से कार्यों में सफलता मिलती है और धन के रास्ते…

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कार्तिक मास के नियम

कार्तिक  मास  के नियम

डॉ श्रद्धा सोनी कार्तिक मास के नियम 24 अक्टूबर (बुधवार)से 23 नवंबर (शुक्रवार )👉 1.सुबह जल्दी उठकर स्नान अदि नित्यकर्म करके मगला आरती करे घर पर या मंदिर पास हो तो वह जाए मंगला आरती में (4:00am) से अपना दिन शुरू करे ! 2. ब्रह्म महुर्त सुबह 5:00 से 7:00 बजे तक अधिकतम माला का जप करे ! 3. प्रतिदिन हरे कृष्णा महमंत्र की कम से कम 16 माला का जप करे ! एकादशी के…

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शरद पूर्णिमा पर सुख समृद्धि के लिए राशि अनुसार करे ये उपाय

शरद पूर्णिमा पर सुख समृद्धि के लिए राशि अनुसार करे ये उपाय

डॉ श्रद्धा सोनी मेष शरद पूर्णिमा पर मेष राशि के लोग कन्याओं को खीर खिलाएं और चावल को दूध में धोकर बहते पानी में बहाएं। ऐसा करने से आपके सारे कष्ट दूर हो सकते हैं। वृष इस राशि में चंद्रमा उच्च का होता है। वृष राशि शुक्र की राशि है और राशि स्वामी शुक्र प्रसन्न होने पर भौतिक सुख-सुविधाएं प्रदान करते हैं। शुक्र देवता को प्रसन्न करने के लिए इस राशि के लोग दही और…

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शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा होगा सोलह कलाओं से पूर्ण

शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा होगा सोलह कलाओं से पूर्ण

डॉ श्रद्धा सोनी अश्विन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा शरद पूर्णिमा कहलाती है. शरद पूर्णिमा की रात्रि में चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है. इस बार शरद पूर्णिमा का पर्व 24 अक्टूबर बुधवार को मनाया जाएगा. इस व्रत में निशीथ व्यापन पूर्णिमा ग्रहण करना चाहिए जो पूर्णिमा रात के समय रहे वहीं ग्रहण करना चाहिए। शरद पूर्णिमा के व्रत को कोजा गार व्रत भी कहते हैं क्योंकि लक्ष्मी जी को जागृति करने के कारण…

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नवरात्री के नवें दिन आदि शक्ति माँ दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की उपासना विधि

नवरात्री के नवें दिन आदि शक्ति माँ दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की उपासना विधि

डॉ श्रद्धा सोनी नवरात्री के नवें दिन आदि शक्ति माँ दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की उपासना विधि माँ सिद्धिदात्री का स्वरूप नवरात्र-पूजन के नौवें दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। नवमी के दिन सभी सिद्धियों की प्राप्ति होती है। सिद्धियां हासिल करने के उद्देश्य से जो साधक भगवती सिद्धिदात्री की पूजा कर रहे हैं उन्हें नवमी के दिन इनका पूजन अवश्य करना चाहिए। सिद्धि और मोक्ष देने वाली दुर्गा को सिद्धिदात्री कहा जाता…

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कन्या पूजन का शुभ समय

कन्या पूजन का शुभ समय

डॉ श्रद्धा सोनी कन्या पूजन 17 October को -16 अक्तूबर  मंगलवार  को सुबह 10  बज कर 17 मिनट तक सप्तमी रहेगीऔर फिर अष्टमी लग जाएगी जो बुधवार दोपहर 12 बज कर 50 मिन्ट तकरहेगी। इसके बाद नवमी लग कर वीरवार की दोपहर 3 बज कर 30 मिनट तकरहेगी। ।  17 अक्तूबर बुधवार को   श्री दुर्गाष्टमी है और इस दिन महागौरी केअतिरिक्त भद्रकाली तथा सरस्वती पूजन भी  किया जाता है। काफी लोग अपनीआस्था अनुसार अष्टमी  के दिन कन्या पूजन करते हैं। – कन्या पूजन का शुभ समयः प्रातः सूर्योदय से दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक । दुर्गाष्टमी को कन्या पूजनकरके व्रतादि का उद्यापनकरना शुभ रहेगा। अष्टमीपर 9 वर्ष की कन्या 9कन्याओं तथा एकबालक को अपने निवासपर आमंत्रित करें। उनकेचरण धोएं। मस्तक परलाल टीका लगाएं कलाईपर मौली बांधें। लालपुष्पों की माला पहनाएंउनका पूजन करके उन्हेंहलुवा पूरी काले चने काप्रसाद दें या घर पर हीइसे खिलाएं। चरण स्पर्शकरके आशीर्वाद लें ।उन्हेंलाल चुनरी या लालपरिधान तभा उचितदक्षिणा एवं उपयोगीउपहार सहित विदा करें ।आज कन्या रक्षा का भीसंकल्प लें ।   देवी का अष्टम स्वरुपमहागौरी का है ।इसे श्रीदुर्गाष्टमी भी कहा जाताहै। भगवती का सुंदर,सौम्य ,मोहक स्वरुपमहागौरी में विद्यमान है।वे सिंह की पीठ पर सवारहैं। मस्तक पर चंद्र  कामुकट सुशोभित है। चारभुजाओं में शंख,चक्र,धनुष और बाण  हैं। सबसे महत्वपूर्ण है किमाता का यह स्वरुपसौन्दर्य से संबंधित है।इनकी आराधना सेसौन्दर्य प्रदान होता है।जोयुवक युवतियां सौन्दर्य केक्षेत्र में जाने के इच्छुकहैं वे आज महागौरी कीआराधना करें।फिल्म  ग्लैमर  व रंगमंचकी दुनिया की इच्छारखने वाले या  सौन्दर्यप्रतियोगिताओं में भागलेने जा रहे ,युवा वर्गआज व्रत के साथ साथनिम्न मंत्र का जाप भीअवश्य करे ं।जिनकेवैवाहिक संबंध सुंदर नहोने के कारण नहीं हो रहेया टूट रहे हों वे आजअवश्य उपासना करें। चौकी पर श्वेत रेशमीवस्त्र बिछा कर माता कीप्रतिमा या चित्र रखें । घीका दीपक जला कर चित्रपर नैवेद्य अर्पित करें ।दूधनिर्मित प्रसाद चढ़ाएं। मंत्र- ओम् ऐं हृींक्लींचामुण्डायैविच्चै! ओम् महागौरीदेव्यै नमः!! की एक या 11 माला करें।अपनी मनोकामनाअभिव्यक्त करें। आजअष्टमी पर मनोकामनाअवश्य पूर्ण होगी । नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्याओं का मां का रुप मानकर पूजनकिया जाता है। इसके साथ ही महागौरी और सिद्धिदात्री देवि की पूजा के बाद हवनकिया जाता है। अष्टमी और नवमी तिथि पर लोग अपनी कुल देवी की पूजा भी करतेहैं। पूरी नवरात्रि में व्रत रखने वाले लोग नवमी तिथि को आखिरी व्रत करते हैं। शारदीय नवरात्रि की दुर्गा पूजा के लिए अष्टमी 17 अक्टूबर 2018, बुधवार को है। इसदिन महागौरी पूजन के साथ दुर्गा अष्टमी पूजन भी किया जाएगा। शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन 18 अक्‍टूबर को है। इस दिन नवरात्रि का आखिरीव्रत या उपवास होगा। नवमी और अष्टमी इन दिनों में कन्या पूजा की जाएगी।   नौ देवियों के रूप में नौ कन्याएं शास्त्रों में कहा गया है कि नौ देवियों के रूप में अष्टमी या नवमी के दिन व्रत कापरायण करने से पहले नौ कन्याओं का पूजन करना चाहिए। दरअसल ये नौ कन्याएंनौ देवियों का ही रूप हैं। हर कन्या एक देवी का रूप है जिसका पूजन करते हुए उपासक परोक्ष रूप से उस देवी का ही पूजन करता है। इसमें दो साल की बच्ची तीन कन्याओं के पूजन से धर्म केसाथ साथ अर्थ व काम की भी प्राप्ति होती है। चार कन्याओं की पूजा से राजयोगमिलता है और पांच कन्याओं के पूजन से विद्या धन की प्राप्ति होती है। छह कन्याओंका पूजन छह तरह की सिद्धि दिाता है और सात कन्याओं का पूजन राज्य में राज कासुख मिलता है। आठ कन्याओं के पूजन से संपूर्ण संपदा और नौ कन्याओं के पूजन सेधरती के प्रभुत्व की प्राप्ति होती है। कैसे करें कन्या पूजन कन्या पूजन करते समय ये बातें ध्यान रखेंगे तो नवरात्र के मनोरथ सिद्ध होंगे। नौकन्याओं और एक लांगुरे (लड़के) को आमंत्रित करें। लांगुरे को माता के रक्षकहनुमान के रूप में बुलाया जाता है। याद रहे कि लांगुरे के बिना कन्या पूजन अधूरारहेगा। सबसे पहले कन्याओं के पैर धोकर उन्हें आसन पर बैठाए। उनके हाथों मेंमौली यानी कलावा बांधें और माथे पर रोली से टीका लगाएं। कन्याओं के लालचुनरी और लाल चूड़ियां भी चढ़ा सकते हैं। कन्या पूजन में आमतौर पर चने, हलवा और पूरी का भोग लगाया जाता है। कुछलोग इस दिन खीर पूरी और मालपुआ भी बनाते हैं और प्रसाद के तौर पर वितरितकरते हैं। माता रानी को भोग लगाने के बाद कन्याओं को यही प्रसाद वितरित करें ।

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नवरात्र में दुर्गा सप्तशती के पाठ से हर इच्छा हो सकती है पूरी

नवरात्र में दुर्गा सप्तशती के पाठ से हर इच्छा हो सकती है पूरी

डॉ श्रद्धा सोनी नवरात्र में दुर्गा सप्तशती के पाठ से हर इच्छा पूरी हो सकती है। बशर्ते आप कुछ बातों का ध्यान रखें। 4 वेद की तरह ”सप्तशती” भी अनादि ग्रंथ है। श्रीवेद व्यास के मार्कण्डेय पुराण में दुर्गा सप्तशती का अध्याय है। 700 श्लोक वाली दुर्गा सप्तशती के 3 भाग में महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती नाम से 3 चरित्र हैं। प्रथम चरित्र में केवल पहला अध्याय, मध्यम चरित्र में दूसरा, तीसरा और चौथा अध्याय…

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