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वायरल फोटो पर कलेक्टर ने की तत्काल कार्रवाई
जांच के दौरान स्थिति मिली भ्रामक, बच्ची के पिता है इनकम टैक्स पेयर
इंदौर. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशानुसार इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा सोशल मीडिया पर बच्चों द्वारा फल बेचे जाने की वायरल हो रही फोटो पर तत्काल कार्रवाई करते हुए जांच के आदेश दिए गए. जांच में स्थिति वास्तविकता से अलग और भ्रामक निकली. कलेक्टर ने मामले में फल विक्रेता को पात्रता अनुसार लाभ दिलाने के निर्देश दिए हैं.
वायरल फोटो के संबध में कलेक्टर द्वारा दिए निर्देशों के अनुपालन में अपर कलेक्टर पवन जैन एवं नगर निगम अपर आयुक्त श्रृंगार श्रीवास्तव द्वारा मौके पर पहुंचकर पूछताछ की गई जिसके पश्चात उन्होंने वस्तु स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि फोटो में दिखाई दे रही. लड़की के पिता नीरज विश्वकर्मा ने बताया है कि उनकी 9 वर्षीय बेटी हिमाक्षी आईपीएस मेन कैंपस राऊ में चौथी कक्षा में पढ़ती है. 19 मार्च को हिमाक्षी उनके पड़ोस के घर में रहने वाले आयुष (जिसके पिता राधेश्याम पाटिल फल बेचने का कार्य करते हैं) के साथ खेलते हुए उनकी फल बेचने के टोकरी के सामने जाकर बैठ गई. इसी समय किसी ने इन बच्चों की फोटो ले ली और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी. नीरज विश्वकर्मा ने बताया कि वे स्वयं फोटोग्राफी ट्रेनिंग देते हैं तथा इनकम टैक्स पेयर है. उन्हें किसी भी तरह की आर्थिक परेशानी नहीं है.
उतनी ही देर के लिए बैठा था बच्चा
इसी तरह फोटो में दिखाई दे रहा लड़का आयुष, स्नेहलता गंज डीआरपी लाइन चौराहा निवासी राधेश्याम पाटिल का बेटा है। राधेश्याम मूलतः बड़वानी जिले के निवासी हैं जहां उनकी खुद की खेती है. वे लगभग 2 साल पहले इंदौर आए और सियागंज के सर्विस सेंटर पर मैकेनिक के रूप में कार्य कर रहे थे। लॉकडाउन के कारण अभी नौकरी पर नहीं जा रहे हैं. राधेश्याम ने बताया कि वह पिछले तीन-चार दिनों से स्वयं फल बेचने का कार्य कर रहे थे.
गत दिवस रोज की भांति उनके बच्चे फल बेचने वाली जगह के आसपास ही खेल रहे थे, वे कुछ देर के लिए शौचालय गए तो उनका बेटा आयुष फल बेचने के लिए उनकी जगह पर बैठ गया और इतने ही समय में किसी ने आकर फोटो ले ली. राधेश्याम ने बताया कि उनके दोनों बच्चे स्कूल में पढ़ाई करते हैं एवं उनके घर में खाद्यान्न की किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है. कलेक्टर मनीष सिंह ने अपर आयुक्त नगर निगम को निर्देश दिए हैं कि वे फल विक्रेता के परिवार को शासन की योजनाओं का पात्रता अनुसार लाभ दिलाने के संबंध में परीक्षण करें और लाभ दिया जाना सुनिश्चित करें.